उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मौसम ने एक बार फिर अपना रंग बदल लिया है। बारिश, तेज हवाएं और बिजली की गड़गड़ाहट ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल के कुछ हिस्सों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। आइए, इस मौसम की स्थिति और इसके प्रभावों को करीब से समझते हैं।
पहाड़ों पर बारिश और हवाओं का कहर
मौसम विभाग के अनुसार, इन इलाकों में 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जिनके साथ तेज बारिश और बिजली कड़कने की संभावना है। पहाड़ी रास्तों पर कीचड़ और फिसलन ने यात्रियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह मौसम उनकी दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। खासकर, जो लोग पहाड़ी रास्तों पर सफर करते हैं, उनके लिए यह समय जोखिम भरा हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अस्थिर मौसम कुछ और दिनों तक परेशानी का कारण बना रहेगा, लेकिन 12 मई से मौसम साफ होने की उम्मीद है।
पर्यटन और स्थानीय कारोबार पर असर
उत्तराखंड के मशहूर पर्यटन स्थल मसूरी में भी बारिश का असर साफ दिखाई दे रहा है। पिछले एक हफ्ते से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने सड़कों पर कीचड़ जमा कर दिया है, जिससे आवाजाही में दिक्कत हो रही है। मसूरी का न्यूनतम तापमान 17 डिग्री तक गिर गया है, जिससे ठंड का अहसास बढ़ गया है। कई पर्यटक अपनी यात्रा को बीच में छोड़कर वापस लौट रहे हैं, जिससे होटल, रेस्तरां और स्थानीय दुकानदारों की कमाई पर बुरा असर पड़ा है। बारिश ने स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई को भी प्रभावित किया है, क्योंकि कई जगहों पर स्कूल बंद करने पड़े हैं।
मैदानी इलाकों में गर्मी की वापसी
जबकि पहाड़ी क्षेत्र बारिश और ठंड से जूझ रहे हैं, मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 12 मई के बाद मैदानी इलाकों में गर्मी फिर से लोगों को परेशान कर सकती है। आसमान साफ होने के साथ तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होगी। यह मौसम की अप्रत्याशितता हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने की सीख देती है।
सावधानी और तैयारियां जरूरी
मौसम विशेषज्ञों ने पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। तेज हवाओं और बारिश के दौरान बाहर निकलने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। यात्रियों को सलाह है कि वे मौसम की ताजा जानकारी लेते रहें और फिसलन भरे रास्तों पर सतर्कता बरतें। स्थानीय प्रशासन भी सड़कों की स्थिति सुधारने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है।
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