2025 में खगोलीय घटनाओं का रोमांच शुरू होने वाला है, और इसमें सबसे खास है 21 सितंबर को होने वाला सूर्य ग्रहण। यह एक ऐसा नजारा है, जो हर किसी को आकाश की ओर देखने पर मजबूर कर देता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा? आइए, इस खास खगोलीय घटना के बारे में 5 जरूरी बातें जानते हैं, जो आपको हर सवाल का जवाब देगी।
सूर्य ग्रहण 2025: कब और कहां होगा?21 सितंबर 2025 को होने वाला यह सूर्य ग्रहण एक वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) होगा। इसमें चंद्रमा सूरज को पूरी तरह से ढकने की बजाय उसके बीच में एक चमकदार रिंग बनाएगा, जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है। यह ग्रहण दक्षिणी प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। लेकिन भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। हां, अगर आप इस नजारे को देखना चाहते हैं, तो आपको ऑनलाइन स्ट्रीमिंग या टेलीस्कोप की मदद लेनी होगी।
भारत में क्यों नहीं दिखेगा?भारत में यह सूर्य ग्रहण इसलिए नहीं दिखेगा क्योंकि यह उस समय क्षेत्र में नहीं होगा, जहां सूरज और चंद्रमा का संरेखण दिखाई दे। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण की दृश्यता उस क्षेत्र पर निर्भर करती है, जहां चंद्रमा की छाया पड़ती है। भारत इस छाया क्षेत्र से बाहर होगा। हालांकि, भारत में अगला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2026 को दिखाई देगा, जिसका इंतजार आप कर सकते हैं।
सूर्य ग्रहण का समय और अवधियह सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 6:30 बजे शुरू होगा और रात 11:30 बजे तक चलेगा। वलयाकार ग्रहण की अधिकतम अवधि लगभग 7 मिनट 24 सेकंड होगी। इस दौरान सूरज का 93% हिस्सा चंद्रमा द्वारा ढका जाएगा, जिससे ‘रिंग ऑफ फायर’ का शानदार नजारा दिखेगा। जिन क्षेत्रों में यह दिखेगा, वहां लोग इस खगोलीय घटना को देखने के लिए खास चश्मों का इस्तेमाल करेंगे।
सूर्य ग्रहण देखते समय सावधानियांहालांकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, लेकिन अगर आप इसे ऑनलाइन या किसी अन्य माध्यम से देखने की योजना बना रहे हैं, तो कुछ सावधानियां जरूरी हैं। सूरज को सीधे नंगी आंखों से देखने से बचें, क्योंकि इससे आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। हमेशा सूर्य ग्रहण देखने के लिए विशेष सोलर चश्मे या टेलीस्कोप का उपयोग करें। अगर आप किसी लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए इसे देख रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका डिवाइस सुरक्षित है।
सूर्य ग्रहण का महत्व और प्रभावसूर्य ग्रहण न केवल एक खगोलीय घटना है, बल्कि इसका सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी है। भारत में कई लोग ग्रहण के दौरान विशेष अनुष्ठान करते हैं। कुछ का मानना है कि ग्रहण का प्रभाव पर्यावरण और मानव जीवन पर पड़ता है। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य ग्रहण का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होता, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। यह ग्रहण खगोलशास्त्रियों के लिए भी खास है, क्योंकि यह सूरज और चंद्रमा के व्यवहार को समझने में मदद करता है।
कैसे देखें सूर्य ग्रहण?भारत में ग्रहण न दिखने के बावजूद, आप इसे ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देख सकते हैं। नासा और अन्य खगोलीय संगठन इस ग्रहण को लाइव प्रसारित करेंगे। इसके अलावा, यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी इसकी स्ट्रीमिंग उपलब्ध होगी। अगर आप खगोल विज्ञान के शौकीन हैं, तो अपने नजदीकी विज्ञान केंद्र या ऑब्जर्वेटरी से संपर्क कर सकते हैं, जहां विशेष आयोजन हो सकते हैं।
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