केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स की नजरें 8वें वेतन आयोग की घोषणा पर टिकी हैं। हर कोई यह जानना चाहता है कि उनकी सैलरी और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी। सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, लेकिन तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
8वें वेतन आयोग की प्रक्रियासरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी। हालांकि, अब तक आयोग का आधिकारिक गठन नहीं हुआ है और इसके सदस्यों की नियुक्ति भी बाकी है। राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि नोटिफिकेशन जारी होना अभी बाकी है और इस पर अंतिम फैसला लिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे ही नोटिफिकेशन जारी होगा, आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति हो जाएगी। 7वां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगा। ऐसे में सरकार के पास समय कम है और जल्द ही नया वेतन ढांचा तैयार करना होगा।
नवंबर में नोटिफिकेशन की उम्मीदपहले खबरें थीं कि नोटिफिकेशन दिवाली से पहले आ सकता है। लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह नवंबर 2025 में जारी हो सकता है। नोटिफिकेशन के बाद आयोग का काम शुरू होगा और कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए नई सैलरी संरचना तैयार की जाएगी।
8वां वेतन आयोग क्यों है खास?हर 10 साल में वेतन आयोग के जरिए सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी व भत्तों की समीक्षा होती है। पिछली बार 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था। इस बार 8वें वेतन आयोग से बेसिक सैलरी, भत्तों और पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
सरकार का लक्ष्य इस बार वेतन संरचना को सरल, पारदर्शी और तार्किक बनाना है। इससे कर्मचारियों को अपनी सैलरी और भत्तों को समझना आसान होगा और किसी भी तरह के विवाद की गुंजाइश कम होगी।
कौन-से भत्ते बदल सकते हैं?जानकारों का मानना है कि इस बार कुछ पुराने और छोटे भत्तों को बंद किया जा सकता है। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- ट्रैवल अलाउंस
- स्पेशल ड्यूटी अलाउंस
- छोटे रीजनल भत्ते
- कुछ विभागीय भत्ते, जैसे टाइपिंग और क्लेरिकल भत्ते
सरकार का मकसद वेतन और भत्तों को एकसमान और समझने में आसान बनाना है।
कर्मचारियों के लिए नया भविष्य8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़े बदलाव लाने वाला है। नोटिफिकेशन जारी होते ही आयोग का गठन होगा और नई सैलरी व पेंशन संरचना तैयार की जाएगी। सरकार इस बार ऐसी व्यवस्था बनाने पर ध्यान दे रही है, जो सरल, पारदर्शी और कर्मचारी हित में हो। इससे न सिर्फ कर्मचारियों को फायदा होगा, बल्कि पेंशनर्स भी खुश होंगे।
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