–विकसित कृषि संकल्प अभियान में कृषि मंत्री ने किसानों से किया संवाद
लखनऊ, 02 जून . विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025 को विस्तार देने एवं कृषकों में उत्साहवर्धन करने हेतु प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने सोमवार को ग्राम बनखण्डा जनपद हापुड़ में आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के कृषक वैज्ञानिक संवाद में प्रतिभाग किया. कृषकों को प्रोत्साहित करते हुए उपस्थित अन्नदाता किसानों को आधुनिक एवं तकनीकी खेती के लिए प्रेरित किया.
कृषि मंत्री ने किसानों को अवगत कराया कि सरकार द्वारा पीएम कुसुम योजना, खेत तालाब, ड्रिप एवं स्प्रिंकलर एरिगेशन, समन्वित कीट प्रबन्धन, मल्चिंग, पॉली हाउस आदि पर अनुदान उपलब्ध करायी जा रही है. सभी कृषकों को योजना अंतर्गत लाभ प्राप्त करके अपनी खेती की लागत कम करते हुए अधिकतम लाभ प्राप्त करने हेतु सुझाव दिया गया. इसके पश्चात् मंत्री ने बनखण्डा गांव के किसानों के प्रक्षेत्र पर भी भ्रमण किया.
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्षा रेखा नागर, विधायक धर्मेश तोमर, विधायक विजय पाल आढती, विधायक हरेन्द्र तेवतिया, जिलाध्यक्ष भाजपा नरेश तोमर, जिलाधिकारी सहित जिला प्रशासन तथा कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे.
जनपद लखनऊ के ग्रामसभा कसमण्डी कला विकासखण्ड मलिहाबाद में संयुक्त कृषि निदेशक, ब्यूरो एके सिंह द्वारा खेती की नई तकनीकों, पीएम किसान सम्मान निधि, फार्मर रजिस्ट्री एवं फसल बीमा पर चर्चा की गयी. साथ ही केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. नरेश बाबू, डा. भारती खिलाड़ी, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिक एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, लखनऊ के वैज्ञानिक, डा. एके दूबे, अजय कुमार राय व उप कृषि निदेशक, लखनऊ आदि ने भी कृषि संबंधित विषयों पर कृषकों से चर्चा की.
ग्राम सभा कसमण्डी कला में 866 किसान सम्मान निधि की योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं. योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 65 प्रतिशत लाभार्थी फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण करा चुके हैं, शेष लाभार्थी की फार्मर रजिस्ट्री की जा रही है.
प्रदेश के 75 जनपदों में अब तक लगभग 3375 स्थानों पर विभिन्न गणमान्य जनप्रतिनिधि/कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि एवं सहवर्ती विभाग के अधिकारियों के साथ आज पांचवे दिन तक लगभग 5,70,000 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम के प्रति कृषकों में उत्साह बढ़ने के कारण आगामी दिवसों में कृषकों की प्रतिभागिता और अधिक बढ़ने की संभावना है.
इन संवादों में जैविक खेती, भूमि संरक्षण, कम लागत की खेती, मृदा परीक्षण, उन्नत बीज, संतुलित उर्वरक, दलहनी-तिलहनी फसलें, सहफसली खेती, पौध संरक्षण, औद्योगिक फसलें, पशुधन, बागवानी, फसल बीमा, रेशम-मधुमक्खी पालन, वृक्षारोपण, खाद्य प्रसंस्करण, विपणन और सिंचाई योजनाओं जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर किसानों से चर्चा की जा रही है.
/ बृजनंदन
You may also like
रोमांटिक मौसम में पार्टनर संग डेट पर जाने का मिलेगा मौका, जानें किस राशि के लिए दिन है सबसे खास और किसे करना होगा समझौता
आर्चरी वर्ल्ड कप स्टेज-3: पार्थ सालुंखे की चमक से बढ़ी भारत की उम्मीदें
विराट कोहली: 20 लाख रुपये से शुरू हुए सफ़र का 18 साल लंबा इंतज़ार
यस बैंक का बड़ा ऐलान: बोर्ड ने दी 16000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी, चेक करें डिटेल्स
स्टोलेन: एक दिल दहला देने वाली कहानी जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी