कोलंबो, 22 अप्रैल . श्रीलंका की पुलिस ने ईस्टर संडे सीरियल बम ब्लास्ट की जांच के लिए राष्ट्रपति आयोग की अंतिम रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. यह रिपोर्ट लगभग 67,000 पृष्ठों की है. आयोग की अंतिम रिपोर्ट और सभी संबंधित खंड राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के सीधे निर्देशों के तहत 20 अप्रैल को औपचारिक रूप से आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंपे गए थे. राजधानी कोलंबो में 21 अप्रैल, 2019 को किए गए सीरियल बम ब्लास्ट में कम से कम 200 लोग मारे गए थे.
डेली मिरर के अनुसार, श्रीलंकाई पुलिस प्रवक्ता और एसएसपी बुद्धिका मनथुंगा ने कहा कि श्रीलंका पुलिस को पूरी रिपोर्ट मिल गई है और इसकी सामग्री की समीक्षा के लिए वरिष्ठ डीआईजी असंका करविता के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. समिति में सीआईडी के डीआईजी, सीआईडी के निदेशक और आतंकवादी जांच प्रभाग के निदेशक भी शामिल हैं. एसएसपी मनथुंगा ने कहा कि निष्कर्षों की गहन जांच के लिए कई उप समितियां भी नियुक्त की जाएंगी. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर नई जांच शुरू की जाएगी. आयोग के निष्कर्षों के आधार पर जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि 21 अप्रैल, 2019 को कोलंबो में ईस्टर पर रविवार को श्रीलंका में आठ जगह बम धमाके हुए. इनमें से छह सीरियल ब्लास्ट थे. इन धमाकों में कम से कम 200 लोगों की मौत हुई थी और करीब 400 लोग घायल हुए थे. शुरुआती जांच में इन हमलों के पीछे कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन एनटीजे का हाथ माना गया था. सीरियल ब्लास्ट से करीब 10 दिन श्रीलंका के तत्कालीन पुलिस प्रमुख पुजुत जयसुंदरा ने फिदायीन हमले को लेकर चेतावनी दी थी. जयसुंदरा ने 11 अप्रैल को चेतावनी देते हुए एक विदेशी खुफिया एजेंसी के इनपुट के हवाले से कहा था कि नेशनल थोहीथ जमात (एनटीजे) देश के प्रमुख चर्चों और कोलंबो के भारतीय उच्चायोग पर आत्मघाती हमले की साजिश रच रहा है.
————–
/ मुकुंद
You may also like
गलत दावा : ऑस्ट्रेलिया ने कुछ भारतीय राज्यों से छात्र आवेदनों पर प्रतिबंध लगाने की खबरों को किया खारिज
भाजपा ने सत्ता के लिए समझौता नहीं किया है : विजय सिन्हा
तेजस्वी यादव बने आरजेडी के नए नेता, लालू का बड़ा फैसला
इन 8 प्यार करने वाले जोड़ों की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आने वाला है जो उनकी जिंदगी बदल देगा…
कामाख्या रेलवे स्टेशन पर पहली बार प्रायोगिक ड्रोन-आधारित सफाई