प्रयागराज, 08 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक आपराधिक केस पर की गई गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है।
बरेली की ”एलायंस बिल्डर्स एंड कॉन्ट्रैक्टर्स लिमिटेड” के प्रबंध निदेशक अरविंदर सिंह व निदेशक रमनदीप व अन्य पर एक केस के आधार पर गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही की गई थी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने अरविंदर सिंह, रमनदीप और अन्य की याचिका पर दिया।
मालूम हो कि बरेली विकास प्राधिकरण के सहायक अभियंता ने 2022 में इज्जतनगर पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराया था। आरोप था कि बिहारमन नगला गांव की एक जमीन को शहरी भूमि सीमा अधिनियम के तहत सरप्लस घोषित किया गया था और 1990 को इसका कब्जा बरेली विकास प्राधिकरण को दे दिया गया । कुछ भू-माफिया इस जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने बरेली विकास प्राधिकरण की ओर से विवादित जमीन पर बाउंड्री वॉल बनवाने के लिए काम कर रहे ठेकेदार और उसके कर्मचारियों को रोका। इस एफआईआर में राजीव कुमार, विशाल गंगवार, राधेश्याम राणा, और रविंद्र कुमार गुप्ता सहित 5-6 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था।
विवेचना के बाद पुलिस ने अमनदीप, रमनदीप, हनी कुमार, अरविंदर सिंह, युवराज सिंह, सतवीर सिंह और रविंद्र कुमार गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य आरोप में चार्जशीट दायर की। इन्हीं मुकदमों के आधार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया गया।
दलील दी कि गैंगस्टर एक्ट के तहत लगाया गया मामला पूरी तरह से गलत था क्योंकि यह एक ही मुकदमे पर आधारित था, जो कि मूल रूप से एक सिविल विवाद था। कोर्ट ने गैंगस्टर की सम्पूर्ण कार्यवाही को दुरुपयोग मानते हुए रद्द कर दिया।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
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