शोधकर्ताओं व छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी मान्यता- पंकज अग्रवाल
लखनऊ/बाराबंकी, 01 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . दुनिया के अग्रणी अनुसंधान और शिक्षण संस्थानों में से एक संयुक्त राज्य अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची जारी की है. इस सूची में Uttar Pradesh के बाराबंकी जनपद की रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (एसआरएमयू) ने भी जगह बनाई है. यहां के दो प्रोफेसर डॉ. राजीव कुमार एवं डॉ. सत्येंद्र सिंह सूची में स्थान बनाने में सफल रहे. यह रैंकिंग शोध प्रकाशनों की संख्या, गुणवत्ता और साइटेशन के आधार पर तय की जाती है, जो स्कोपस डेटाबेस में सूचीबद्ध हैं.
एसआरएमयू के चांसलर इंजीनियर पंकज अग्रवाल ने उपलब्धि पर दोनों प्रोफोसरों को बधाई देते हुए (Udaipur Kiran) से बताया कि डॉ. राजीव कुमार डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में एसोसिएट प्रोफेसर और डिप्टी डायरेक्टर रिसर्च हैं जबकि डॉ. सत्येंद्र सिंह फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंसेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. अग्रवाल ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल हमारे प्रोफेसर की मेहनत और प्रतिभा को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि एसआरएमयू शोध और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी है. हमें विश्वास है कि यह मान्यता अन्य शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी.
वैश्विक उपलब्धि शोधकर्ताओं के लिए बनेगी प्रेरणास्रोत
प्रो-चांसलर इंजीनियर पूजा अग्रवाल ने अपने बधाई संदेश में कहा कि डॉ. राजीव कुमार और डॉ. सत्येंद्र सिंह ने अपने शोध के माध्यम से विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. यह न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है. वाइस चांसलर प्रोफेसर विकास मिश्रा ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे प्रोफेसर्स का यह सम्मान विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और शोध उत्कृष्टता के प्रति समर्पण को दर्शाता है. यह उपलब्धि हमें और अधिक नवाचार और शोध के लिए प्रेरित करेगी.
विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय- नीरजा जिंदल
प्रोफेसर नीरजा जिंदल ने अपने बधाई सन्देश में कहा कि डॉ. राजीव कुमार और डॉ. सत्येंद्र सिंह की यह उपलब्धि रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के लिए अत्यंत गर्व का विषय है. उनके शोध कार्य और समर्पण ने न केवल विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर शैक्षणिक उत्कृष्टता का एक नया मानदंड स्थापित किया है. यह उपलब्धि हमारे छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और हमें शोध के क्षेत्र में और अधिक प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित करेगी.
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(Udaipur Kiran) / Mahesh Sharma
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