नागदा, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के औद्योगिक शहर नागदा के लोग इन दिनों मटमैला पानी पीने को मजबूर है। पानी भी ऐसा कि कई वार्डो में इस पानी को जानवर भी पीने से कतराते हैं। पानी में मिट्टी घुली आ रही है। ऐसी स्थिति में जनता के स्वास्थ्य पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
आपको बता दें कि नागदा शहर के लिए किसी समय जलआवर्धन योजना बनी थी जोकि साकार भी हुई। तब इस शहर के फिल्टर प्लांट की क्षमता 16 एमएलडी हो गई थी, लेकिन इन दिनों गंदगी का पानी आने की बात पर सीएमओ और नपा जलकार सभापति की बातों में विरोधाभास झलक रहा है। सीएमओ तत्काल सुधार की बात कर रहे हैं, जबकि जलकार्य सभापति एक और 6 एमएलडी फिल्टर प्लांट के जारी निर्माण कार्य को पूरा होने तक इंतजार की बात कर रहे है। जलकार्य प्रभारी का यह तर्क गले नहीं उतर रहा है। लाखों की फिटकरी का उपयोग जल शुद्धिकरण के लिए उपयोग किया जा रहा है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। नई क्षमता के एमएलडी प्लांट की बात यदि थी तो इस नपा ने दूरदष्टि से पहले बनाने का निर्णय नहीं लेना भी जनता को गले नहीं उतर रही है।
इस संबंध में नागदा सीएमओ पीके सुमन का कहना है कि यह जिस भी वार्ड में मटमैला पानी आ रहा है। नपा के इंजीनियर को भेज कर दिखवाकर समस्या हल करवाता हूं।
नागदा के जलकार्य समिति नपा परिषद के प्रभारी प्रकाश जैन का कहना है कि यह सही है गंदा पानी आ रहा है। थोडे दिन और इंतजार करना होगा। हमारे पास अभी 16 एमएलडी क्षमता को फिल्टर प्लांट है। एक और 6 एमएलडी का प्लांट बनाया जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / कैलाश सनोलिया
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