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पुष्कर पशु मेला 2025: सवा लाख दीयों की रोशनी में जगमगाएगा सरोवर, 5000 से ज्यादा घोड़ों की आवक की संभावना

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अजमेर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . दुनियाभर में प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेला इस बार एक बार फिर अपनी रौनक बिखेरने को तैयार है. रेतीले धोरों में पशुपालकों की आवाजाही बढ़ने लगी है और हर दिन पशुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है. अब तक 624 पशु मेले में पहुंच चुके हैं. करोड़ों की कीमत वाले घोड़े एयर कंडीशन वाहनों में लाए जा रहे हैं.

मेले की औपचारिक शुरुआत 30 अक्टूबर को होगी, जब पुष्कर सरोवर के 52 घाट सवा लाख दीयों की रोशनी से जगमगाएंगे. नगर परिषद प्रशासन ने दीपदान की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं की भी शुरुआत होगी.

पशुपालन विभाग के अनुसार इस बार भी 5000 से अधिक घोड़ों के पहुंचने की संभावना है. Punjab, Haryana, Gujarat और उत्तर भारत के कई हिस्सों से पशुपालक अपने घोड़े लेकर पुष्कर पहुंच रहे हैं.

इस बार मेले में चर्चित घोड़ी ‘नगीना’ ने भी सबका ध्यान खींचा है. एक करोड़ रुपए मूल्य की यह घोड़ी प्रसिद्ध घोड़ा ‘दिलबाग’ की बेटी है और अब तक देशभर में चार शो जीत चुकी है. मेले में 30 अक्टूबर की शाम पुष्कर सरोवर के सभी घाटों पर दीपदान किया जाएगा. इस दौरान घाटों पर रंगोली सजाई जाएगी और ब्रह्मा घाट सहित सभी प्रमुख घाटों पर महाआरती का आयोजन होगा.

दो नवंबर (कार्तिक एकादशी) को आध्यात्मिक पदयात्रा भी निकाली जाएगी. मेले के शुभारंभ से पहले Saturday को ब्रह्मा मंदिर में अन्नकूट महोत्सव मनाया गया. इस अवसर पर 56 भोग की झांकी सजा कर 5100 किलो अन्नकूट का भोग ब्रह्माजी को लगाया गया. महाआरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया.

मेले में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन ने कड़ी निगरानी की व्यवस्था की है.

एसडीएम गुरु प्रसाद तंवर के अनुसार पुष्कर नगर परिषद क्षेत्र में 150 हाई मेगापिक्सल सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनमें पुष्कर सरोवर के 35 भीड़भरे घाट भी शामिल हैं. नगर परिषद कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से 24 घंटे निगरानी की जा रही है. भीड़ नियंत्रण और यातायात को सुचारु रखने के लिए प्रशासन ने एक से पांच नवंबर तक वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू किया है. इससे मेले के दौरान आने-जाने वाले पर्यटकों और पशुपालकों को सुविधा मिलेगी.

पुष्कर का मेला न केवल Rajasthan बल्कि पूरे देश और विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. ऊंटों की गूंज, घोड़ों की सरपट चाल और लोक संस्कृति से सजे रंग-बिरंगे कार्यक्रमों के साथ पुष्कर एक बार फिर अपनी अनोखी परंपरा को जीवंत करने जा रहा है.

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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