– लोकसंस्कृति और परंपरा को युवा पीढ़ियों तक पहुंचाना सामूहिक जिम्मेदारी : Chief Minister धामी
-Chief Minister ने परंपरागत रूप से भेलों भी खेला
देहरादून, 01 नवंबर (Udaipur Kiran) . Chief Minister आवास में Saturday को इगास पर्व बड़े हर्ष–उल्लास, पारंपरिक आस्था और सांस्कृतिक गौरव के साथ भव्य रूप से मनाया गया. इस मौके पर Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने इगास, बूढ़ी दीवाली और देव दीपावली की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इगास हमारी सांस्कृतिक अस्मिता, लोक आस्था और सामूहिक भावना का प्रतीक है. लोक संस्कृति और परंपरा हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं,उन्हें बचाना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना सामूहिक दायित्व है.
देवभूमि की लोक परंपराओं को समर्पित इस विशेष अवसर पर राज्यपाल ले.ज.गुरमीत सिंह (से.नि.) की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान Uttarakhand के सुप्रसिद्ध लोक कलाकारों, गायकों और विभिन्न क्षेत्रों से आए सांस्कृतिक दलों ने पारंपरिक लोकगीत व लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं. हारुल, झूमेंलो, चांचरी, थड़िया, जागर और अन्य पारंपरिक नृत्य–गायन ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया और पूरा परिसर लोकधुनों की गूंज से सराबोर हो उठा.
Chief Minister ने स्वयं भी कलाकारों के बीच उपस्थित होकर उनकी प्रस्तुति का आनंद लिया एवं उन्हें प्रोत्साहित किया. कार्यक्रम में शामिल सभी आमंत्रित अतिथियों, वरिष्ठ अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, प्रवासी Uttarakhandियों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और प्रदेश के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों को Chief Minister ने व्यक्तिगत रूप से भेंट कर शुभकामनाएं दी.
इगास उत्सव के पारंपरिक क्रम में Chief Minister ने लोक मान्यताओं के अनुसार परंपरागत रूप से भेलों भी खेला,जिससे वहां मौजूद बुजुर्गों,युवाओं और बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया. पूरा वातावरण पर्वतीय संस्कृति की खुशियों, लोकगीतों और लोकनृत्य से भर गया.
कार्यक्रम में सभी कलाकारों व प्रतिभागियों को Chief Minister ने सम्मानित किया और कहा कि Uttarakhand सरकार लोक कलाकारों के उत्थान,लोक परंपराओं को बढ़ावा देने और ‘कल्चर बेस्ड रोजगार’ को प्रोत्साहित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है.
उन्होंने Uttarakhand की लोक संस्कृति, परंपराएं, वेश–भूषा और व्यंजन हमारी अनमोल धरोहर हैं और इन्हें संरक्षित करना हम सभी का दायित्व है. इगास लोक पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि हमारी सामूहिकता, प्रकृति के प्रति आभार और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है. उन्होंने लोकगीत, ढोल-दमाऊ की थाप और पारंपरिक मांडणे का उल्लेख करते हुए कहा कि जब घर-आंगन में लोक संस्कृति प्रफुल्लित होती है, तो ऐसा लगता है जैसे स्वयं देवभूमि मुस्कुरा रही हो.
Chief Minister ने कहा कि प्रदेश में प्रवासी Uttarakhandियों का सक्रिय योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यह खुशी का विषय है कि प्रवासी Uttarakhandी अब इगास पर अपने पैतृक गांवों का रुख कर रहे हैं. इस अवसर पर उन्होंने विश्वभर में बसे Uttarakhandियों से अपील की कि वे भी अपने गांवों और परिवारों के साथ लोक पर्व मनाएं और अपनी जड़ों से जुड़े रहें.
Chief Minister ने सभी से आह्वान किया कि हम सब मिलकर न सिर्फ अपनी संस्कृति को समृद्ध करें, बल्कि “विकल्प रहित संकल्प” के साथ Uttarakhand को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में योगदान दें. Chief Minister ने अंत में कहा “ इस इगास पर संकल्प लें कि न केवल अपने घरों में दीप जलाएं, बल्कि अपने मन में भी अपनी संस्कृति के प्रति गर्व का दीप प्रज्ज्वलित रखें.”
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, पूर्व राज्यपाल और पूर्व Chief Minister भगत सिंह कोशियारी, रमेश पोखरियाल निशंक, राजयसभा सांसद नरेश बंसल, मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारी सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि व विभिन्न क्षेत्रों के लोग उपस्थित रहे.
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
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