राजस्थान के पोखरण की फील्ड फायरिंग रेंज के खेतोलोई गांव के पास 11 मई, 1998 को हुए परमाणु परीक्षण के आज 27 साल पूरे हो गए. भारत ने तीन परमाणु हथियारों का परीक्षण कर सारी दुनिया की नींद उड़ा दी थी. इसके बाद 13 मई को दो और परीक्षण किए. इसके बाद भारत परमाणु हथियारों वाले देश की सूची में शामिल हो गया. पोखरण परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ के तौर पर हर साल राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी दिवस (नेशनल टेक्नोलॉजी डे) मनाया जाता है. इस दौरान तकनीकी उपलब्धियों के लिए वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अन्य लोगों को सम्मानित किया जाता है.
पोखरण परमाणु परीक्षण को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ऑपरेशन शक्ति नाम दिया था. इसकी प्रतिक्रिया यह हुई कि कई देशों ने आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए. इस परीक्षण का श्रेय भारत के तत्कालीन मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार एपीजे अब्दुल कलाम, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और सेना के अधिकारियों को दिया जाता है. इतिहास में सनद यह भी है कि 1974 में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण भी पोखरण में किया था. उसका कोड नाम-स्माइलिंग बुद्धा था. इस समय देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं.
वाजपेयी सरकार ने पूरे कार्यक्रम को इतना गुप्त रखा कि लीक होने का चांस न के बराबर रह गया. यहां तक तत्कालीन रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस को भी अंधेरे में रखा गया. जब तारीख तय हो गई तब लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिस, प्रमोद महाजन, जसवंत सिंह और यशवंत सिन्हा को ही इसकी जानकारी दी गई. बस यही गिनती के लोग, बाकी कैबिनेट बिल्कुल अनजान. यशवंत सिन्हा अपनी आत्मकथा रेलेंटलेस में लिखते हैं, वाजपेयी मुझसे अपने कार्यालय में नहीं मिले. मुझे उनके शयनकक्ष में ले जाया गया. मुझे तुरंत अंदाजा हो गया कि वो मुझे बहुत महत्वपूर्ण और गोपनीय बात बताने जा रहे हैं. जैसे ही मैं बैठा उन्होंने मुझे भारत के परमाणु परीक्षण की तैयारियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि दुनिया की ताकतें इसके लिए भारत के खिलाफ कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगाएं इसलिए हमें हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. इसीलिए मैंने सोचा कि आपको पहले से इस बारे में खबरदार कर दूं, ताकि जब ऐसा हो तो आप इसके लिए पहले से तैयार रहें.
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1814: प्लेटबर्ग की लड़ाई में अमेरिका ने अंग्रेजों को हराया.
1857: दिल्ली में सिपाही विद्रोह भड़का.
1951: तत्कालीन राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने नवनिर्मित सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन किया.
1955: इजराइल ने गाजा पर हमला किया.
1960: पहली गर्भनिरोधक गोली बाजार उपलब्ध कराई गई.
1965: बांग्लादेश में चक्रवाती तूफान से 17 हजार लोगों की मौत हुई.
1985: ब्रिटेन के ब्रैडफर्ड सिटी फुटबॉल स्टेडियम में एक मैच के दौरान लगी आग में 52 लोग मारे गए.
1995ः संयुक्त राष्ट्र महासभा के कक्ष में 24 दिन तक चले सम्मेलन की समाप्ति पर परमाणु अप्रसार संधि को अनिश्चितकाल के लिए स्थायी बना दिया गया.
1998: यूरोप की एकल मुद्रा यूरो का पहला सिक्का बना.
1998: भारत ने राजस्थान के पोखरण में तीन परमाणु परीक्षण किए.
2000ः जनसंख्या घड़ी के मुताबिक भारत की जनसंख्या एक अरब पहुंची. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जन्मी ‘आस्था’ भारत की एक अरबवीं शिशु.
2001ः संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली को भारत का समर्थन.
2001ः अमेरिकी संसद ने संयुक्त राष्ट्र की देय राशि रोकी.
2002ः बांग्लादेश में नौका दुर्घटना में 378 लोग मरे.
2005ः बगलिहार परियोजना पर भारत-पाकिस्तान के मतभेदों को दूर करने के लिए विश्व बैंक ने तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त किया.
2007ः इजराइल ने हमास से जुड़ी रिफॉर्म एवं चेंज पार्टी को गैरकानूनी घोषित किया.
2008ः दक्षिणी वजीरिस्तान में नाटो सेना का हमला.
2008ः न्यूयार्क के कॉर्नेल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विश्व का पहला जिनेटिकली माडिफाइड मानव भ्रूण तैयार किया.
2010ः भारतीय सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक खंड़पीठ ने महत्त्वपूर्ण निर्णय में कहा कि पंचायत और स्थानीय चुनाव में राज्य सरकार को आरक्षण देने का अधिकार है.
जन्म
1912ः कहानीकार, रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार सआदत हसन मंटो.
1918ः भारत की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई.
1933ः भारतीय हिन्दी सिनेमा के दिग्गज पटकथा लेखक सागर सरहदी.
निधन
2002ः भोपाल सियासत की राजकुमारी एवं भारत की पहली महिला पायलट आबिदा सुल्तान.
महत्वपूर्ण दिवस
-राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस.
-मातृत्व दिवस.
—————
/ मुकुंद
You may also like
मां की वजह से हूं मजबूत, बेखौफ और सफल : पलक जायसवाल
भारत-पाकिस्तान तत्काल और पूर्ण युद्धविराम पर सहमत : अमेरिका
सभी लोग गलत समय-मात्रा में पीते हैं पानी, जानिए आयुर्वेद के हिसाब से पानी पीने का सही तरीका! जानिए पूरी खबर ˠ
Territorial Army Bharti 2025: भारत-पाकिस्तान हमलों के बीच टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती, ऑफिसर बन दुश्मनों के छक्के छुड़ाने का मौका
जानिए भारत-पाक युद्धों का इतिहास, हर बार पाकिस्तान को पड़ी मुंह की!