नक्सलियों के दंडकारण्य समिति के सचिव पद पर नियुक्ति की चर्चा
गडचिरोली, 5 सितंबर (हिं.स.) ।नक्सल आंदोलन में नेतृत्व के स्तर पर बड़े फेरबदल की चर्चा हो रही है। कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा मडावी को दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है। यदि यह नियुक्ति तय हो जाती है, तो हिडमा इस पद पर विराजमान होने वाला पहला गैरतेलुगु नक्सली नेता होगा।
पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) के बटालियन कमांडर के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले हिडमा की यह पदोन्नति नक्सली संगठन में महत्वपूर्ण रणनीतिक बदलाव का संकेत मानी जा रही है। हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने गुप्त रूप से इसकी पुष्टि की है।
सुरक्षा बलों का दबाव और नक्सल नेतृत्व में उलटफेर
छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना की सीमाओं से सटे दंडकारण्य क्षेत्र में नक्सल आंदोलन का प्रभाव आज भी बरकरार है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और अभियानों के कारण नक्सली संगठनों की ताकत में कमी आई है।
अप्रैल 2025 में ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ के दौरान करेगुट्टा क्षेत्र में 31 नक्सली मारे गए थे। इसके बाद मई 2025 में अबुज़माड़ में हुई मुठभेड़ में नक्सल आंदोलन के वरिष्ठ नेता बसवराज उर्फ नंबाला केशव राव की मौत हो गई। इन घटनाओं ने नक्सल नेतृत्व में अस्थिरता पैदा कर दी थी, और इसी पृष्ठभूमि में हिडमा की नियुक्ति की चर्चा तेज हुई है।
हिडमा कौन हैं?
– मूल रूप से छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के आदिवासी परिवार से हैं।
शिक्षा केवल सातवीं तक, लेकिन हिंदी और थोड़ी बहुत अंग्रेजी का ज्ञान रखता हैं।
पीएलजीए में बटालियन कमांडर के रूप में लंबी सेवा।
शस्त्र निर्माण, विस्फोटक लगाना और युद्ध की रणनीतियों में माहिर।
सलवा जुडूम अभियान के बाद और आक्रामक ।
बस्तर के दुर्गम आदिवासी इलाकों में ‘रॉबिनहुड’ की छवि है।
मितभाषी, लेकिन रणनीति और मुठभेड़ों में कुशल हैं।
नए नेतृत्व के संभावित प्रभाव
हिडमा के सचिव पद पर संभावित नियुक्ति से नक्सल आंदोलन को और मजबूत करने की कोशिश की जा रही है, ऐसा सुरक्षा बलों का अनुमान है। एक ऐसे नेता जो सीधे युद्ध में सक्रिय रहे हैं, अब संगठन के रणनीतिक निर्णयों में शामिल होंगे, इससे नक्सली गतिविधियों में नए दृष्टिकोण और रणनीतियों के उभरने की संभावना जताई जा रही है।
नक्सलियों की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं
हिडमा की नियुक्ति पर नक्सल संगठन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। इस कारण से इस खबर की पुष्टि अभी बाकी है। हालांकि, इस नियुक्ति की चर्चा सुरक्षा बलों के बीच शुरू हो चुकी है, और अगले कुछ दिनों में इस विषय पर अधिक स्पष्टता सामने आ सकती है।——————–
(Udaipur Kiran) / मनीष कुलकर्णी
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