उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां फतेहपुर गांव में कुछ दबंगों ने एक घर में घुसकर परिवार के सदस्यों की आंखों में मिर्ची पाउडर डाला और जमकर मारपीट की। इससे भी ज्यादा गंभीर आरोप यह है कि जब पीड़ित परिवार शिकायत लेकर थाने पहुंचा, तो वहां पुलिस उपनिरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) ने नशे की हालत में उनकी शिकायत सुनने के बजाय उल्टा उन्हें ही महिला सिपाहियों से पिटवा दिया।
पीड़ित परिवार ने न्याय के लिए अब सीधे सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
दबंगों ने घर में घुसकर किया हमला
शिकायतकर्ता घनश्याम रैकवार ने आरोप लगाया कि शुक्रवार की रात को उनकी पत्नी मीरा, बहू गणेशी, बेटी रंजना और तीन वर्षीय नाती घर पर अकेले थे। तभी गांव के दो दबंग, अपनी बेटी सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उनके घर में घुस आए। उन्होंने अचानक परिवार के सदस्यों की आंखों में मिर्ची पाउडर डालकर उनसे मारपीट शुरू कर दी। पीड़ित परिवार ने तुरंत डायल 112 पर सूचना दी, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इसके बाद, मजबूर होकर पीड़ित परिवार सीधे टोड़ीफतेहपुर थाने पहुंचा।
पुलिस पर लगा संगीन आरोप
घनश्याम रैकवार ने आरोप लगाया कि थाने में मौजूद उपनिरीक्षक मंगला सिंह कथित तौर पर नशे की हालत में थे। उन्होंने पीड़ित परिवार की शिकायत सुनना तो दूर, बल्कि महिला सिपाहियों से उनकी महिलाओं को पिटवाना शुरू कर दिया। पीड़ित परिवार का दावा है कि इस मारपीट का वीडियो सबूत थाने के सीसीटीवी कैमरे में कैद है, जो 26 सितंबर 2025 की रात लगभग 10:20 बजे से लेकर 12 बजे के बीच का है।
पीड़ित ने की दोहरी कार्रवाई की मांग
पीड़ित परिवार ने सीएम हेल्पलाइन में मांग की है कि:
सबसे पहले उन दबंगों पर कार्रवाई की जाए, जिन्होंने घर में घुसकर मारपीट की। पीड़ित पक्ष का दावा है कि उनके पास दबंगों द्वारा पिटाई करने का वीडियो भी मौजूद है।
उन पुलिसकर्मियों पर भी एक्शन हो, जिन्होंने उनकी शिकायत सुनने के बजाय उल्टा उनसे ही मारपीट की।
पुलिस का पक्ष
वहीं, इस पूरे मामले पर थानाध्यक्ष अतुल कुमार राजपूत ने अलग पक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि झगड़ा दोनों पक्षों के बीच हुआ था और दूसरे पक्ष की एक युवती को गंभीर चोट लगी थी, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। थानाध्यक्ष ने हल्का इंचार्ज (मंगला सिंह) पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आरोप लगा रहे पक्ष की महिलाओं के विरुद्ध शांतिभंग की कार्रवाई की गई है।
पीड़ित परिवार के आरोपों और पुलिस के इनकार के बाद, अब सीएम हेल्पलाइन पोर्टल के माध्यम से मामले की जांच और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।
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