लखनऊ स्थित आयकर विभाग के कार्यालय में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब दो वरिष्ठ अधिकारियों के बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई कि वह हाथापाई में बदल गई। यह घटना विभागीय गरिमा पर सवाल खड़े करने वाली है, जहां ज्वॉइंट कमिश्नर योगेंद्र मिश्रा (IRS, 2014 बैच) और 2016 बैच के IRS अधिकारी गौरव गर्ग के बीच गंभीर मारपीट हुई। हमले में गौरव गर्ग बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
ऑफिस में मची अफरातफरी, जांच शुरूगंभीर झड़प के बाद आयकर विभाग के परिसर में अफरातफरी मच गई। इस अप्रत्याशित हिंसा से न केवल वहां मौजूद कर्मचारी स्तब्ध रह गए, बल्कि पूरे विभाग में तनाव का माहौल बन गया। घटना के बाद आयकर विभाग ने आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं, हजरतगंज थाने के इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के अनुसार, अभी तक इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं हुई है।
पहले से विवादों में रहे हैं योगेंद्र मिश्रायह पहली बार नहीं है जब IRS अधिकारी योगेंद्र मिश्रा विवादों में आए हों। लखनऊ से हाल ही में काशीपुर ट्रांसफर किए गए मिश्रा, गर्ग को अपने तबादले के लिए जिम्मेदार मानते हैं। उन पर पहले से कई गंभीर आरोपों की विभागीय जांच चल रही है, जिसमें जूनियर अधिकारियों को ड्रग्स केस में फंसाने की धमकी देना, फर्जी चैट बनाकर ब्लैकमेल करना और सीनियर अधिकारियों के साथ झगड़ा करना शामिल है।
क्रिकेट लीग में भी किया था हंगामामिश्रा का विवादित व्यवहार केवल ऑफिस तक सीमित नहीं रहा। पिछले महीने आयकर विभाग की ज़ोनल स्पोर्ट्स लीग के दौरान जब उन्हें क्रिकेट टीम में शामिल नहीं किया गया, तो उन्होंने पिच पर लेटकर हंगामा किया। despite repeated requests by senior officials, वह नहीं माने और आखिरकार प्रिंसिपल कमिश्नर की चार्जशीट की धमकी के बाद ही शांत हुए। इस घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिससे विभाग की छवि को नुकसान पहुंचा।
जॉइनिंग से भी किया था इनकारइसके अलावा, मिश्रा पर यह भी आरोप है कि उन्होंने काशीपुर ट्रांसफर के बाद जानबूझकर ड्यूटी जॉइन नहीं की और मेडिकल लीव पर चले गए। बावजूद इसके, वे लखनऊ में सक्रिय देखे गए। विभाग ने इस व्यवहार को लेकर उन्हें कई नोटिस भेजे और जवाब मांगा, लेकिन संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई सामनेइस घटना को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी सिविल अस्पताल पहुंचे और घायल अधिकारी गौरव गर्ग का हाल जाना। उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
प्रशासनिक गरिमा पर गहरा सवालइस घटना ने प्रशासनिक सेवा की गरिमा और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर जहां आयकर विभाग को एक जिम्मेदार और अनुशासित संस्था माना जाता है, वहीं दूसरी ओर उसके भीतर ऐसे व्यक्तिगत टकराव और हिंसा, पूरी व्यवस्था की छवि को धूमिल कर रहे हैं।
यह घटना न सिर्फ व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम लगती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि विभागीय अनुशासन को लेकर कहीं न कहीं बड़ी चूक हुई है। अब सभी की नजरें विभागीय जांच और प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।
निष्कर्षआयकर विभाग में हुए इस हाई-प्रोफाइल झगड़े ने यह साबित कर दिया है कि जब आपसी टकराव और सत्ता की खींचतान हावी हो जाती है, तो संस्थागत अनुशासन और मर्यादा दोनों ही खतरे में पड़ जाते हैं। गौरव गर्ग की स्थिति गंभीर बनी हुई है और अब यह देखना बाकी है कि जांच के बाद जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की जाती है। लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने प्रशासनिक प्रणाली की जड़ों को हिला कर रख दिया है।