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दुनिया के सबसे खुशहाल देश पर मंडराने लगे मुसिबतों के बादल, रूस की सैन्य गतिविधियों ने यूरोप में बढ़ाई चिंता

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दुनिया के सबसे खुशहाल देश का खिताब जीत चुके फिनलैंड को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। अब वह एक नए खतरे में है। रूस की हालिया सैन्य गतिविधियों ने यूरोप को चिंतित कर दिया है। हुआ यह है कि उपग्रह चित्रों से पता चला है कि रूस ने फिनलैंड की सीमा के बहुत करीब चार महत्वपूर्ण स्थानों पर बड़ी संख्या में सैनिकों और सैन्य उपकरणों को तैनात किया है। यूक्रेन पर हमले के बाद यह दूसरी बार है जब रूसी गतिविधियां इतने बड़े पैमाने पर दर्ज की गई हैं।

चार जगहों पर बड़ा आंदोलन

दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वीडन के राष्ट्रीय प्रसारक एसवीटी और सैटेलाइट कंपनी प्लैनेट लैब्स द्वारा जारी तस्वीरों में यह खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि रूस ने चार स्थलों अर्थात् कामेनका, पेट्रोज़ावोडस्क, सेवेरोमोर्स्क-2 और ओलेन्या पर एक बड़ा आंदोलन शुरू किया है। कामेन्का फिनलैंड की सीमा से सिर्फ 35 मील की दूरी पर है, जहां फरवरी से अब तक 130 से अधिक सैन्य टेंट स्थापित किए जा चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां 2,000 तक सैनिक तैनात किये जा सकते हैं।

करीब 50-50 बख्तरबंद गाड़ियां

पेट्रोज़ावोडस्क में तीन विशाल सैन्य भंडारण हॉल तैयार किए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 50-50 बख्तरबंद वाहन रखे जा सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन हॉलों का निर्माण वास्तविक सैन्य ताकत को छिपाने के लिए किया गया होगा। साथ ही, सेवेरोमोर्स्क-2 पर भारी हेलीकॉप्टर उड़ान भी देखी गई है, जिससे यह बेस रूसी हवाई अभियानों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। चौथा स्थान ओलेन्या है, जिसे यूक्रेन ने पहले ही हमलों के स्रोत के रूप में पहचाना है और जहां नई गतिविधियां भी देखी गई हैं।

पहले ही चेतावनी दे दी थी

इस संपूर्ण सैन्य गतिविधि का समय भी बहुत मायने रखता है। फ़िनलैंड और स्वीडन हाल ही में नाटो का हिस्सा बन गए हैं। और यही कारण है कि रूस इतना नाराज है। फिनलैंड अप्रैल 2023 में और स्वीडन मार्च 2024 में नाटो में शामिल हो गए। रूस ने पहले ही चेतावनी दी थी कि वह जवाबी कार्रवाई करेगा। अब उनकी तैयारी उस चेतावनी को वास्तविकता में बदलती दिख रही है।

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