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यूपी बोर्ड: दो साल में स्क्रूटनी के 6637 आवेदन बढ़े

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यूपी बोर्ड को सत्यापन के लिए कुल 31,194 आवेदन प्राप्त हुए हैं। परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट हाईस्कूल के 5,495 और इंटरमीडिएट के 25,699 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है। यूपी बोर्ड ने सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर दी है। परिणाम भी 15 जुलाई तक घोषित कर दिए जाएंगे।

यूपी बोर्ड के प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय को सत्यापन के लिए सबसे अधिक 12,317 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें 2,316 हाईस्कूल और 10,001 इंटरमीडिएट अभ्यर्थियों के आवेदन शामिल हैं। वहीं, आवेदनों की संख्या के मामले में वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय दूसरे स्थान पर है, जहां हाईस्कूल के 1,200 और इंटरमीडिएट के 6,133 यानी कुल 7,333 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।

वहीं, मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्त कुल 5,297 आवेदनों में से 845 हाईस्कूल तथा 4,452 इंटरमीडिएट के अभ्यर्थी हैं, गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्त 3,529 आवेदनों में से 583 हाईस्कूल तथा 2,946 इंटरमीडिएट के अभ्यर्थी हैं, तथा बरेली क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्त 2,718 आवेदनों में से 551 आवेदन हाईस्कूल तथा 2,167 इंटरमीडिएट के अभ्यर्थी हैं।

यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट किया है कि सत्यापन का मतलब उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन नहीं है। निरीक्षण कार्य के दौरान अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जाएगी, ताकि यह देखा जा सके कि विभिन्न प्रश्नों पर दिए गए अंक जोड़ने, उन्हें आगे बढ़ाने या किसी प्रश्न या उसके भाग को अंक देने में कोई त्रुटि तो नहीं है।

यूपी बोर्ड सत्यापन के दौरान संदिग्ध पाई गई उत्तर पुस्तिकाओं की फोरेंसिक जांच कराएगा। यदि जांची गई उत्तर पुस्तिकाओं में ओवरराइटिंग, स्याही में अंतर या पूर्व में दिए गए अंकों में मूल्यांकित न किए गए प्रश्नों व उत्तरों का उल्लेख कर अंकों में वृद्धि दर्शाई गई है, तो विषय विशेषज्ञों से गहन जांच कराई जाएगी तथा मामला संदिग्ध होने पर फोरेंसिक जांच भी कराई जाएगी।

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