देवों के देव महादेव की पूजा आप नियमित रूप से या किसी भी दिन कर सकते हैं। लेकिन शिव शंभू की विशेष कृपा पाने के लिए सोमवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। क्योंकि शास्त्रों में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि सोमवार को की गई पूजा और व्रत से महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव जी की पूजा के लिए सोमवार का दिन क्यों शुभ है और कैसे यह दिन शिव को समर्पित हो गया?
शिव जी की पूजा के लिए सोमवार का दिन क्यों शुभ है?
महादेव को सोमवार इतना प्रिय क्यों है और इस दिन शिव जी की पूजा क्यों की जाती है, इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं।इस सवाल का आधा जवाब इस दिन के नाम से जुड़ा है। दरअसल, सोमवार का मतलब होता है 'सोम' यानी चंद्रमा जो भगवान शिव की जटाओं में सुशोभित है। वहीं, सोम शब्द का दूसरा अर्थ सौम्य है, जो भगवान शिव का स्वरूप है।इसके अलावा जब हम सोमवार का उच्चारण करते हैं तो ॐ अपने आप आता है। इसलिए माना जाता है कि सोमवार के कण-कण में शिव जी विद्यमान हैं, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार सोमवार के दिन ही चंद्र देव ने महादेव की पूजा करके क्षय रोग से मुक्ति पाई थी। मान्यता है कि तभी से सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। एक अन्य कथा के अनुसार शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी और 16 सोमवार व्रत (16 सोमवार व्रत) किए थे, जिससे प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें प्राप्त किया था। तभी से सोमवार व्रत रखने की परंपरा शुरू हुई मानी जाती है।
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