अगली ख़बर
Newszop

शहीद मेजर रौनक सिंह का पार्थिव शरीर वाराणसी पहुंचा, परिवार में कोहराम

Send Push

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले के बारामुला में तैनात भारतीय सेना के मेजर रौनक सिंह के शहादत की खबर ने पूरे पूर्वांचल को शोक में डुबो दिया है। शनिवार की रात जब उनका पार्थिव शरीर वाराणसी स्थित पैतृक आवास पर पहुंचा तो परिवार का रुदन देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। घर के आंगन में गमगीन माहौल था, परिजनों की चीख-पुकार ने पूरे मोहल्ले को गहरे शोक में डाल दिया।

जैसे ही सेना के जवान पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटे ताबूत में लेकर पहुंचे, पूरा इलाका ‘भारत माता की जय’ और ‘मेजर रौनक सिंह अमर रहें’ के नारों से गूंज उठा। गली-मोहल्ले के लोग, रिश्तेदार और परिचित बड़ी संख्या में वहां एकत्र हुए। हर किसी के चेहरे पर गर्व और आंसुओं का मिला-जुला भाव साफ दिख रहा था।

परिवार की हालत बेहद दयनीय थी। माता-पिता अपने लाल को आखिरी बार देख कर बेसुध हो गए। पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों की बेबसी और दर्द को देखकर मौजूद लोग भी खुद को संभाल नहीं पाए। माहौल ऐसा था कि वहां मौजूद हर किसी की आंखें भर आईं।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया। बताया जा रहा है कि रविवार सुबह पूरे राजकीय सम्मान के साथ मेजर रौनक सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा। सेना की टुकड़ी अंतिम विदाई के लिए सलामी देगी।

मेजर रौनक सिंह को बचपन से ही फौज में जाने का सपना था। उन्होंने कठिन परिश्रम और लगन के बल पर सेना में अधिकारी बनकर देश की सेवा की। उनकी शहादत ने पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया है, लेकिन अचानक हुए इस दुख ने परिवार और रिश्तेदारों की दुनिया हिला दी है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मेजर रौनक सिंह का जाना पूरे समाज के लिए बड़ी क्षति है। पड़ोसियों ने बताया कि वह मिलनसार और मददगार स्वभाव के थे। सेना में रहते हुए भी जब कभी छुट्टियों पर आते, तो अपने इलाके के लोगों से बड़ी आत्मीयता से मिलते थे।

👉 शहीद की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है। लोग अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई देने उमड़ पड़ेंगे। शहीद का बलिदान हमेशा अमर रहेगा और आने वाली पीढ़ियां उन्हें याद करेंगी।

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें