News India Live, Digital Desk: Mohini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मई महीने की पहली एकादशी 8 मई, गुरुवार को पड़ रही है। वैशाख शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी पापों से मुक्ति दिलाकर पुण्य प्रदान करती है। गुरुवार के दिन आने वाली यह एकादशी अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है, क्योंकि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है।
भगवान विष्णु ने अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना के लिए अनेक अवतार लिए, लेकिन इनमें मोहिनी अवतार बेहद अनूठा है। मोहिनी अवतार में भगवान विष्णु ने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया था। आइए जानते हैं भगवान विष्णु के इस विशेष अवतार से जुड़ी पौराणिक कथाएं।
समुद्र मंथन और मोहिनी अवतारपौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और दानवों के बीच अमृत कलश को लेकर युद्ध छिड़ गया था। अमृत पर दानव कब्जा करने वाले थे, तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर दानवों को मोहित कर दिया। उनके आकर्षण में फंसे दानवों से अमृत कलश लेकर भगवान विष्णु ने सभी देवताओं को अमृत पान कराया, जिससे उन्हें अमरत्व प्राप्त हुआ।
भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार भस्मासुर नामक राक्षस के अंत के लिए भी लिया था। भस्मासुर को वरदान प्राप्त था कि वह जिसके भी सिर पर हाथ रखेगा, वह तुरंत भस्म हो जाएगा। राक्षस से देवताओं की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप लेकर भस्मासुर को नृत्य करने के लिए प्रेरित किया। नृत्य के दौरान भगवान विष्णु ने बड़ी चतुराई से भस्मासुर का हाथ उसके स्वयं के सिर पर रखवा दिया, जिससे वह अपने ही वरदान से भस्म हो गया।
मोहिनी एकादशी व्रत का महत्वमोहिनी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और जीवन में पुण्य बढ़ता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
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