News India Live, Digital Desk: Natural Pain Relief : जैसे ही सर्दी दस्तक देती है, शरीर में अकड़न और जोड़ों की जकड़न महसूस होने लगती है. ठंड के मौसम में खून का संचार धीमा हो जाता है, नसें सिकुड़ने लगती हैं और यही वजह है कि अक्सर लोगों को सुबह उठने पर या लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहने के बाद जोड़ों और घुटनों में तेज दर्द (Joint Pain in Winter) या कठोरता (Stiffness) का अनुभव होता है. अगर आप भी इस 'सर्दियों की जकड़न' और दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो योग आपकी मदद कर सकता है! कुछ खास योगासन ऐसे हैं, जो आपके शरीर को गर्म रखते हुए जोड़ों में लचीलापन लाते हैं और दर्द से तुरंत राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकते हैं.दवाइयों के बिना प्राकृतिक तरीके से अगर आप अपने जोड़ों को स्वस्थ और लचीला बनाए रखना चाहते हैं, तो ये 3 योगासन नियमित रूप से करने पर अद्भुत परिणाम दे सकते हैं. आइए जानते हैं कौन से हैं ये आसन और इन्हें कैसे करें:1. पवनमुक्तासन (पवन से मुक्ति आसन): पेट, कमर और घुटनों के लिए अमृत!पवनमुक्तासन न केवल पेट संबंधी समस्याओं जैसे गैस और कब्ज में आराम दिलाता है, बल्कि यह आपके कूल्हों, जांघों और घुटनों पर भी सीधा प्रभाव डालता है. यह 'पवनमुक्तासन के फायदे' सर्दियों में मांसपेशियों की अकड़न को कम करने में बेहद खास हैं.धीरे-धीरे अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और उसे अपनी छाती के करीब लाएं.अपने दोनों हाथों से घुटने को कसकर पकड़ें और जितनी आसानी से खींच सकें, उसे अपनी छाती की ओर खींचें.अगर संभव हो तो सिर को थोड़ा ऊपर उठाकर घुटने से अपनी नाक को छूने का प्रयास करें.इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक बने रहें और गहरी व धीमी सांस लेते रहें.धीरे-धीरे घुटने को छोड़ें और प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं.यही प्रक्रिया बाएं पैर से भी दोहराएं. फिर दोनों पैरों को एक साथ मोड़कर भी यह आसन किया जा सकता है.लाभ: यह घुटनों और कूल्हों के जोड़ों को आराम पहुंचाता है, उनमें लचीलापन बढ़ाता है और 'सर्दियों में कमर दर्द' से राहत दिलाने में मदद करता है. यह शरीर के निचले हिस्से में रक्त संचार भी सुधारता है.2. भुजंगासन (कोबरा पोज): रीढ़ की हड्डी को दे लचीलापन, दूर करे पीठ की अकड़न!भुजंगासन आपकी रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाने के लिए सबसे प्रभावी आसनों में से एक है. ठंड के कारण होने वाली पीठ और कमर की अकड़न को दूर करने में यह बहुत लाभकारी है. 'भुजंगासन के स्वास्थ्य लाभ' आपकी रीढ़ को सीधा रखने में मदद करते हैं.अपनी एड़ी और पंजे आपस में मिले हुए रखें.गहरी सांस भरते हुए, धीरे-धीरे अपने सिर और सीने को जमीन से ऊपर उठाएं.कोशिश करें कि आपकी नाभि जमीन से न उठे. अपनी कोहनियों को हल्का सा मोड़कर रखें (या सीधा करें, अपनी सुविधा और लचीलेपन के अनुसार).गर्दन को हल्का पीछे की ओर झुकाकर ऊपर की ओर देखें.इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रुकें, सामान्य सांस लेते रहें.धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए और पेट के बल प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं.लाभ: यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है, 'कमर दर्द और पीठ की अकड़न' में तुरंत राहत देता है. यह फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ाता है और छाती को खोलता है. 'सर्दियों में जोड़ों का दर्द' कम करने के लिए यह बहुत असरदार है.3. उत्कटासन (चेयर पोज): जोड़ों को दे मजबूती और गर्मी!उत्कटासन (Utkatasana), जिसे चेयर पोज भी कहते हैं, आपके पैरों, जांघों, कूल्हों और पिंडलियों की मांसपेशियों को जबरदस्त मजबूती देता है. यह ऐसा आसन है जो आपके जोड़ों पर बिना ज्यादा दबाव डाले उनमें ताकत बढ़ाता है. यह 'जोड़ों को मजबूत बनाने के लिए योग' का उत्तम तरीका है.दोनों हाथों को सामने की ओर सीधा करें, हथेलियां नीचे की ओर या ऊपर की ओर (आपकी सुविधा के अनुसार).अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ें, जैसे कि आप एक अदृश्य कुर्सी पर बैठने जा रहे हों.कोशिश करें कि आपकी जांघें जमीन के समानांतर आ जाएं (जितना आप आराम से कर सकें).अपने शरीर का सारा वजन अपनी एड़ी पर महसूस करें और अपनी पीठ को सीधा रखें.इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रुकने का प्रयास करें, गहरी सांस लेते रहें.धीरे-धीरे प्रारंभिक सीधी खड़ी अवस्था में वापस आएं.लाभ: यह घुटनों, कूल्हों और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को ताकत देता है. यह पूरे शरीर में गर्मी पैदा करता है और 'सर्दियों में जोड़ों की गतिशीलता' बनाए रखने में मदद करता है. 'जोड़ों की अकड़न दूर करने के योगासन' में यह महत्वपूर्ण है.कुछ अहम बातें जो हमेशा याद रखें:सुनिश्चित करें: यदि आपको कोई गंभीर चोट या पुराना 'घुटनों का दर्द का इलाज' चल रहा है, तो इन आसनों को शुरू करने से पहले किसी अनुभवी योग गुरु या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.नियमितता: इन आसनों को नियमित रूप से करने से ही आपको इनके पूरे फायदे मिलेंगे.गर्मजोशी (Warm-up): आसन शुरू करने से पहले हल्की वार्म-अप एक्सरसाइज जैसे हाथों-पैरों को घुमाना जरूर करें.इन सरल लेकिन प्रभावी योगासनों को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर आप सर्दियों की कठोरता में भी अपने शरीर को लचीला, मजबूत और दर्द-मुक्त रख सकते हैं. यह 'आयुर्वेदिक दर्द निवारण' का एक प्राकृतिक तरीका है.
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