News India Live,Digital Desk: नई दिल्ली/इस्लामाबाद: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिससे पड़ोसी मुल्क में खलबली मच गई है। शनिवार को भारत ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद स्थित हट्टियन बाला इलाके से गुजरने वाली झेलम नदी में अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़ दिया। इसके तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन को इलाके में वॉटर इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी।
पानी के अचानक बढ़े स्तर से इलाके में अफरातफरी मच गई और दहशत में आए लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। खबरों के मुताबिक, भारत के उरी और अनंतनाग से होते हुए पानी का यह तेज बहाव चकोठी इलाके में पहुंचा, जिससे झेलम नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया।
सिंधु जल संधि भी निलंबित, पाकिस्तान की बढ़ेगी मुश्किल
झेलम में पानी छोड़ने के साथ ही भारत ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसका मतलब है कि अब भारत, पाकिस्तान के साथ नदियों के जल प्रवाह, बाढ़ की संभावित चेतावनी और ग्लेशियरों के पिघलने जैसी कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा नहीं करेगा। जानकारों का मानना है कि इस कदम का सीधा असर पाकिस्तान की आपदा प्रबंधन क्षमताओं पर पड़ेगा। अब उन्हें बाढ़ या सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व सूचना नहीं मिल पाएगी, जिससे जान-माल का नुकसान कहीं ज्यादा हो सकता है।
पानी के बाद दवा पर भी ‘स्ट्राइक’, बंद हुआ व्यापार
पानी की मार झेल रहे पाकिस्तान को दूसरा बड़ा झटका तब लगा जब भारत ने उसके साथ दवाओं और दवाओं के कच्चे माल (API – Active Pharmaceutical Ingredients) का व्यापार भी बंद करने का फैसला किया। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ी मुसीबत है, क्योंकि वहां का फार्मा सेक्टर काफी हद तक भारत से आने वाले कच्चे माल पर निर्भर है।
पाकिस्तान के फार्मा उद्योग से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि देश में बनने वाली दवाओं के लिए लगभग 30 से 40 फीसदी कच्चा माल भारत से ही आयात किया जाता है। इस व्यापार के रुकने से पाकिस्तान में जीवन रक्षक दवाओं सहित कई जरूरी दवाइयों की भारी किल्लत होने का खतरा पैदा हो गया है।
चीन-रूस से दवा मंगाने की जुगत में पाकिस्तान
भारत के इस कड़े रुख को भांपते हुए पाकिस्तान सरकार अब दूसरे देशों से मदद लेने की कोशिश में जुट गई है। ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान (DRAP) ने बयान जारी कर कहा है कि वे चीन, रूस और कुछ यूरोपीय देशों से दवाओं का कच्चा माल मंगवाने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। खासतौर पर एंटी-रेबीज वैक्सीन (कुत्ते काटने पर लगने वाली), एंटी-स्नेक वेनम (सांप काटने का इलाज) और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं के लिए वैकल्पिक सप्लाई चेन बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
बौखलाहट में पाकिस्तानी नेता, पर हकीकत में संकट गहराया
भारत के इन कदमों के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। वहां के नेता भारत को गीदड़ भभकियां दे रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि पाकिस्तान इस समय चौतरफा संकट में घिरता जा रहा है। एक तरफ अचानक आई बाढ़ ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, तो दूसरी तरफ दवाओं की संभावित कमी ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के सामने गंभीर खतरा खड़ा कर दिया है।
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