इस्लामाबाद: भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को 10 वर्ष के एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत और अमेरिका के समझौते ने पाकिस्तान का ध्यान खींचा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की जा सकती है। फिलहाल उनकी ओर से इस समय भारत और अमेरिका के बीच हुए नए 10-वर्षीय रक्षा समझौते का मूल्यांकन किया जा रहा है। पाकिस्तान की इस समझौते से दक्षिण एशिया के रणनीतिक संतुलन और सुरक्षा गतिशीलता पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंताएं हैं।
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने शुक्रवार को रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ऐसे समय हुआ है, जब डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के चलते दोनों देशों में तनाव है। इस समझौते से दोनों देशों के रिश्ते सुधरने की उम्मीद है। हेगसेथ ने कहा कि समझौता क्षेत्रीय स्थिरता की आधारशिला है। इससे भारत-अमेरिका खुफिया और तकनीकी सहयोग बढ़ेगा।
पाकिस्तान की फिक्रपाकिस्तान और भारत के बीच इस साल मई में चार दिन का भीषण सैन्य संघर्ष देखने को मिला था। चार दिवसीय संघर्ष के बाद दोनों पक्षों ने 10 मई को युद्धविराम की घोषणा की थी। हालांकि लड़ाई रुकने के बाद भी दोनों पक्षों में तनाव बरकरार है। ऐसे में पाकिस्तान की नजर भारत-अमेरिका के रक्षा समझौते पर टिक गई है।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा, 'भारत-अमेरिका रक्षा समझौता एक बहुत ही हालिया घटनाक्रम है। हम इस समझौते का मूल्यांकन कर रहे हैं। खासतौर से दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पर इसके प्रभाव के संदर्भ में हम इस नए समझौते को देख रहे हैं।
भारत अमरिका समझौताअमेरिका-भारत समझौता 2015 में हुए एक ऐसे ही समझौते का विस्तार है। इस समझौते में संयुक्त प्रौद्योगिकी विकास, रक्षा व्यापार और सैन्य आदान-प्रदान शामिल थे। 10 साल पहले अमेरिका ने भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार घोषित किया था। इससे महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान का रास्ता साफ हुआ था।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि भारत और अमेरिका एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें कहा गया है कि 2025 की रूपरेखा अगले 10 वर्षों में साझेदारी को मजबूत करने के लिए नया अध्याय है। इसका उद्देश्य रक्षा सहयोग को गहरा करने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण और नीति दिशा प्रदान करना है।
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने शुक्रवार को रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ऐसे समय हुआ है, जब डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के चलते दोनों देशों में तनाव है। इस समझौते से दोनों देशों के रिश्ते सुधरने की उम्मीद है। हेगसेथ ने कहा कि समझौता क्षेत्रीय स्थिरता की आधारशिला है। इससे भारत-अमेरिका खुफिया और तकनीकी सहयोग बढ़ेगा।
पाकिस्तान की फिक्रपाकिस्तान और भारत के बीच इस साल मई में चार दिन का भीषण सैन्य संघर्ष देखने को मिला था। चार दिवसीय संघर्ष के बाद दोनों पक्षों ने 10 मई को युद्धविराम की घोषणा की थी। हालांकि लड़ाई रुकने के बाद भी दोनों पक्षों में तनाव बरकरार है। ऐसे में पाकिस्तान की नजर भारत-अमेरिका के रक्षा समझौते पर टिक गई है।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा, 'भारत-अमेरिका रक्षा समझौता एक बहुत ही हालिया घटनाक्रम है। हम इस समझौते का मूल्यांकन कर रहे हैं। खासतौर से दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पर इसके प्रभाव के संदर्भ में हम इस नए समझौते को देख रहे हैं।
भारत अमरिका समझौताअमेरिका-भारत समझौता 2015 में हुए एक ऐसे ही समझौते का विस्तार है। इस समझौते में संयुक्त प्रौद्योगिकी विकास, रक्षा व्यापार और सैन्य आदान-प्रदान शामिल थे। 10 साल पहले अमेरिका ने भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार घोषित किया था। इससे महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान का रास्ता साफ हुआ था।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि भारत और अमेरिका एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें कहा गया है कि 2025 की रूपरेखा अगले 10 वर्षों में साझेदारी को मजबूत करने के लिए नया अध्याय है। इसका उद्देश्य रक्षा सहयोग को गहरा करने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण और नीति दिशा प्रदान करना है।
You may also like

क्याˈ पति बिना पत्नी की इजाजत बेच सकता है उसकी प्रॉपर्टी? जानिए कानून क्या कहता है﹒

देवरˈ की शर्मनाक हरकत, भाभी ने पहले दबाया मामला, बेटी की इज़्ज़त लगी दांव पर, दर्दनाक कहानी सुनकर रूह कांप जाएगी, पटना में शर्मसार करने वाली वारदात﹒

येˈ जापानी लड़की माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी छोड़ पढ़ा रही है भारतीय दर्शन इस वजह से पसंद आया हिंदू धर्म﹒

अनूपपुर: अमरकंटक का रामघाट 51 हजार दीपों से हुआ जगमग

अनूपपुर: चार और दो पहिया वाहन की आमने-सामने से टक्कर, युवक की मौके पर मौत




