इस्लामाबाद: आम दुनिया में ऑनलाइन स्किल डेवलपमेंट क्लासेज चलते हैं, कोचिंग क्लासेज चलते हैं, लेकिन हम बात इस्लामिक देश पाकिस्तान की रहे हैं। यहां ऑनलाइन जिहाद का कोर्स चलता है, जिसमें महिलाओं को बताया और सिखाया जाएगा कि बम बमकर कैसे फटा जाए? कैसे 100-50 बेगुनाह लोगों को बम धमाके में उड़ा दिया जाए। पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद ने ऑनलाइन जिहाद का कोर्स शुरू किया है और तय मानिए आगे जाकर खुद पाकिस्तान में ही जिहादी क्लासरूम से निकलने वाली महिलाएं देह में बम बांधकर फटा करेंगी।
कट्टर इस्लामिक आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने 'तुफत अल-मुमिनात' शुरू किया है, जो महिला विंग है। इस विंग में महिला आतंकवादियों का निर्माण किया जाएगा। 'तुफत अल-मुमिनात' के लिए अब ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की गई है, जिसका नाम जमात उल-मुमिनात है। यह कार्यक्रम 8 नवंबर से शुरू होगा और संगठन के आतंकी प्रचार नेटवर्क के माध्यम से लाइव ऑनलाइन लेक्चर दिया करेंगे।
पाकिस्तान में आतंकवादियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग
संगठन ने दावा किया है कि यह यूनिट "इस्लामी शिक्षाओं और महिला सशक्तिकरण" पर आधारित होगी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, आतंकियों की भर्ती के लिए ये एक नया रास्ता निकाला गया है, जिसका मकसद महिलाओं को ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकवादी बनाना है। इस ट्रेनिंग क्लास में शामिल होने वाली महिलाओं के लिए 500 रुपये की फीस रखी गई है और हर दिन 40 मिनट का ट्रेनिंग सेशन चलेगा। जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, जिसने 27 सितंबर को बहावलपुर के मरकज उस्मान ओ अली में अपने भाषण में दान की अपील की थी, उसका मकसद इस ऑनलाइन क्लास के जरिए फंड भी जुटाना है।
आपको बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना मसूद अजहर ने साल 2000 में की थी। मसूद अजहर इससे पहले हरकत-उल-अंसार नाम के एक संगठन से जुड़ा था। इस समूह का मकसद जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग कर इस्लामी शासन स्थापित करना है। यह संगठन कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल रहा है, जिनमें 2001 का भारतीय संसद हमला, 2016 का पठानकोट एयरबेस हमला और 2019 का पुलवामा हमला प्रमुख हैं। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका दोनों ने जैश को एक आतंकी संगठन घोषित किया है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीओके और पाकिस्तान में जैश के ठिकानों पर हमले किए थे, जिसमें मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गये थे।
'तुफत अल-मुमिनात' क्या है?
जैश ने अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ते हुए 'तुफत अल-मुमिनात' नाम का एक महिला यूनिट लॉन्च की है। यह यूनिट कथित तौर पर महिलाओं की धार्मिक और वैचारिक ट्रेनिंग के नाम पर उन्हें आतंकवाद की विचारधारा से जोड़ने का काम करेगी। संगठन की प्रचार सामग्री में इस यूनिट को "इस्लामी महिलाओं को जगाने वाला कार्यक्रम" बताया गया है, लेकिन खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह यूनिट महिलाओं को लॉजिस्टिक सपोर्ट, डिजिटल प्रचार और ऑनलाइन फंडिंग जमा करने की योजना बनाई गई है।
कट्टर इस्लामिक आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने 'तुफत अल-मुमिनात' शुरू किया है, जो महिला विंग है। इस विंग में महिला आतंकवादियों का निर्माण किया जाएगा। 'तुफत अल-मुमिनात' के लिए अब ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की गई है, जिसका नाम जमात उल-मुमिनात है। यह कार्यक्रम 8 नवंबर से शुरू होगा और संगठन के आतंकी प्रचार नेटवर्क के माध्यम से लाइव ऑनलाइन लेक्चर दिया करेंगे।
पाकिस्तान में आतंकवादियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग
संगठन ने दावा किया है कि यह यूनिट "इस्लामी शिक्षाओं और महिला सशक्तिकरण" पर आधारित होगी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, आतंकियों की भर्ती के लिए ये एक नया रास्ता निकाला गया है, जिसका मकसद महिलाओं को ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकवादी बनाना है। इस ट्रेनिंग क्लास में शामिल होने वाली महिलाओं के लिए 500 रुपये की फीस रखी गई है और हर दिन 40 मिनट का ट्रेनिंग सेशन चलेगा। जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, जिसने 27 सितंबर को बहावलपुर के मरकज उस्मान ओ अली में अपने भाषण में दान की अपील की थी, उसका मकसद इस ऑनलाइन क्लास के जरिए फंड भी जुटाना है।
Pak based, UN listed terror group, Jaish-e-Mohammed Launches Online training module for its newly launched female unit. “Tufat al-Muminat", will focus o n recruitment drive via online live lectures is scheduled to begin on 8 November. pic.twitter.com/55m9fveEbS
— Sidhant Sibal (@sidhant) October 22, 2025
आपको बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना मसूद अजहर ने साल 2000 में की थी। मसूद अजहर इससे पहले हरकत-उल-अंसार नाम के एक संगठन से जुड़ा था। इस समूह का मकसद जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग कर इस्लामी शासन स्थापित करना है। यह संगठन कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल रहा है, जिनमें 2001 का भारतीय संसद हमला, 2016 का पठानकोट एयरबेस हमला और 2019 का पुलवामा हमला प्रमुख हैं। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका दोनों ने जैश को एक आतंकी संगठन घोषित किया है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीओके और पाकिस्तान में जैश के ठिकानों पर हमले किए थे, जिसमें मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गये थे।
'तुफत अल-मुमिनात' क्या है?
जैश ने अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ते हुए 'तुफत अल-मुमिनात' नाम का एक महिला यूनिट लॉन्च की है। यह यूनिट कथित तौर पर महिलाओं की धार्मिक और वैचारिक ट्रेनिंग के नाम पर उन्हें आतंकवाद की विचारधारा से जोड़ने का काम करेगी। संगठन की प्रचार सामग्री में इस यूनिट को "इस्लामी महिलाओं को जगाने वाला कार्यक्रम" बताया गया है, लेकिन खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह यूनिट महिलाओं को लॉजिस्टिक सपोर्ट, डिजिटल प्रचार और ऑनलाइन फंडिंग जमा करने की योजना बनाई गई है।
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