इस्लामाबाद: फिलीस्तीनी गुट हमास की सक्रियता गाजा के बाहर बढ़ रही है। हमास लड़ाकों के लिए बीते दो वर्षों में पाकिस्तान नया घर बनकर उभरा है। हमास को अमेरिका आतंकी गुट कहता रहा है। अमेरिका के लिए पाकिस्तान एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी है। ऐसे में यह घटनाक्रम पाकिस्तान की वैश्विक लड़ाई में विश्वसनीय साझेदार के रूप में भूमिका को चुनौती देता है। पाकिस्तान में हमास नेताओं की सक्रियता से कई सवाल उठे हैं। खासतौर से कश्मीर पर हमास और पाक आतंकी गुटों की बयानबाजी भारत की चिंता भी बढ़ाती है।
मिडिल ईस्ट फोरम की रिपोर्ट दावा करती है कि पाकिस्तान में हमास के विशेष प्रतिनिधि नाजी जहीर हैं। अक्टूबर, 2023 के हमास के इजरायल में हमले के बाद से जहीर की सक्रियता पाकिस्तान में बढ़ी है। उसने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ बड़े शहरों में मंच साझा किए गए हैं।
तेजी से बढ़ा हमास का ग्राफरिपोर्ट कहती है कि बीते दो साल में पाकिस्तान में जहीर की उपस्थिति में नाटकीय विस्तार हुआ है। हमास के विशेष प्रतिनिधि के रूप में जहीर ने बड़ी-बड़ी रैलियों को संबोधित किया है। इसमें पेशावर में एक विशाल फिलिस्तीन समर्थक रैली में शामिल होना भी शामिल है। इस रैली में हमास नेता खालिद मशाल वीडियो लिंक के माध्यम से जुड़े थे।
जहीर ने पाकिस्तान की प्रभावशाली इस्लामी पार्टी के प्रमुख मौलाना फजलुर्रहमान के कार्यक्रम में हिस्ला लिया तो लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक मुखौटे पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग की रैली में भी भाषण दिया। जहीर की सक्रियता शिक्षा जगत और नागरिक समाज तक फैली है। इससे पाकिस्तान में हमास की विचारधारा मजबूत हुई है।
निशाने पर कश्मीर!ईरान में हमास के दूत खालिद कद्दौमी भी 2023 के अंत से पाकिस्तान में घूम रहे हैं। 5 फरवरी, 2025 को 'कश्मीर एकजुटता दिवस' के अवसर पर कद्दौमी, जहीर और हमास नेता आजम और बिलाल पाकिस्तानी सरकार और सेना के नेताओं के साथ शामिल हुए। जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर के भाई और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडरों ने भी इस रैली में भाग लिया।
पीओके के रावलकोट में एक बड़े सम्मेलन से ऐलान किया गया कि 'कश्मीरी और फिलिस्तीन के मुजाहिदीन एकजुट' हो गए हैं। इसके बाद एक्सपर्ट ने पीओके केहमास के लिए एक पनाहगाह के रूप में उभरने की चेतावनी दी है। गाजा में कमजोर पड़े हमास को पाकिस्तान में जमीन मिलना पूरे क्षेत्र, खासतौर से भारत के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है।
मिडिल ईस्ट फोरम की रिपोर्ट दावा करती है कि पाकिस्तान में हमास के विशेष प्रतिनिधि नाजी जहीर हैं। अक्टूबर, 2023 के हमास के इजरायल में हमले के बाद से जहीर की सक्रियता पाकिस्तान में बढ़ी है। उसने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ बड़े शहरों में मंच साझा किए गए हैं।
तेजी से बढ़ा हमास का ग्राफरिपोर्ट कहती है कि बीते दो साल में पाकिस्तान में जहीर की उपस्थिति में नाटकीय विस्तार हुआ है। हमास के विशेष प्रतिनिधि के रूप में जहीर ने बड़ी-बड़ी रैलियों को संबोधित किया है। इसमें पेशावर में एक विशाल फिलिस्तीन समर्थक रैली में शामिल होना भी शामिल है। इस रैली में हमास नेता खालिद मशाल वीडियो लिंक के माध्यम से जुड़े थे।
जहीर ने पाकिस्तान की प्रभावशाली इस्लामी पार्टी के प्रमुख मौलाना फजलुर्रहमान के कार्यक्रम में हिस्ला लिया तो लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक मुखौटे पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग की रैली में भी भाषण दिया। जहीर की सक्रियता शिक्षा जगत और नागरिक समाज तक फैली है। इससे पाकिस्तान में हमास की विचारधारा मजबूत हुई है।
निशाने पर कश्मीर!ईरान में हमास के दूत खालिद कद्दौमी भी 2023 के अंत से पाकिस्तान में घूम रहे हैं। 5 फरवरी, 2025 को 'कश्मीर एकजुटता दिवस' के अवसर पर कद्दौमी, जहीर और हमास नेता आजम और बिलाल पाकिस्तानी सरकार और सेना के नेताओं के साथ शामिल हुए। जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर के भाई और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडरों ने भी इस रैली में भाग लिया।
पीओके के रावलकोट में एक बड़े सम्मेलन से ऐलान किया गया कि 'कश्मीरी और फिलिस्तीन के मुजाहिदीन एकजुट' हो गए हैं। इसके बाद एक्सपर्ट ने पीओके केहमास के लिए एक पनाहगाह के रूप में उभरने की चेतावनी दी है। गाजा में कमजोर पड़े हमास को पाकिस्तान में जमीन मिलना पूरे क्षेत्र, खासतौर से भारत के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है।
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