इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में खैरपुर शहर के पास बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन करते हुए रेलवे लाइन को जाम कर दिया। इस वजह से पंजाब की ओर जाने वाली सभी ट्रेनें रुक गईं। ये प्रदर्शन सिंधु नदी नहर परियोजना के खिलाफ हो रहा है। दक्षिण पंजाब की जमीन की सिंचाई के लिए पाकिस्तान सरकार ने 'चोलिस्तान परियोजना' शुरू की है। इस योजना का देशभर में राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के साथ पीपीपी सरकार की सहयोगी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने भी इसका कड़ा विरोध किया है। पीपीपी ने चेतावनी दी है कि अगर यह योजना रद्द नहीं की गई, तो वे शहबाज शरीफ की सरकार को गिरा सकते हैं। रविवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों और कुछ राष्ट्रवादी पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने खैरपुर शहर के पास अपना विरोध जारी रखा और रेलवे लाइन को जाम कर दिया। सिंध में अधिकतर पार्टियां कर रही प्रदर्शन सिंध प्रांत में प्रदर्शनकारी और राजनीतिक पार्टियों के नेता जगह-जगह बड़ी सभाएं कर अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं। वे शहबाज शरीफ सरकार और उसकी सहयोगी पार्टी पीपीपी की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह योजना सिंध की उपजाऊ जमीन को रेगिस्तान में बदलने की साजिश है। नहर परियोजना के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध को वकीलों का भी समर्थन मिला है। सिंध प्रांत में वकीलों ने लगातार तीसरे दिन धरना दिया। सिंध में जनजीवन प्रभावित विरोध प्रदर्शन में लोगों ने कई घंटों तक रेल पटरी जाम कर दी थी, लेकिन बाद में रेल सेवा फिर से शुरू कर दी गई। हालांकि, नहर परियोजना के खिलाफ जारी प्रदर्शन और रैलियों की वजह से पूरे सिंध प्रांत में जनजीवन प्रभावित हो रहा है। जामशोरो, लरकाना, नौशहरो फिरोज, सुजावल, नवाबशाह और घोटकी जैसे बड़े शहरों और कस्बों में विरोध के चलते बाजार बंद रहे। कई जगहों पर लोगों ने सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम कर दिया, जिससे सिंध और पंजाब के बीच आने-जाने का रास्ता बंद हो गया। सिंध के अधिकतर बाजार बंद सिंध के थारपारकर जिले में मीठी के रहने वाले हनीफ शमोन ने बताया कि लरकाना में दुकानें, पेट्रोल पंप और बाजार बंद रहे। रातोडेरो, बकरानी, डोकरी और बदाह जैसे इलाकों में भी पूरा कारोबार ठप रहा। जमशोरो और नवाबशाह में भी कामकाज रुका हुआ है। सुजावल, कंधकोट, शाहदादकोट, काशमोर और दूसरे जिलों से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं, जहां बाजार और सार्वजनिक सेवाएं बंद कर दी गई हैं। सिंध के इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन? शमोन ने कहा कि लोगों को लगता है कि यह सिंध के इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन है। सिंचाई नहरों के खिलाफ विरोध में पिछले तीन दिनों से पंजाब और दूसरे इलाकों की तरफ जाने वाली सभी सड़कें बंद हैं। सिंध के ज्यादातर हिस्सों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। किस परियोजना का हो रहा विरोध पाकिस्तानी सरकार ने ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव के तहत 3.3 अरब डॉलर की लागत से छह नहरों का निर्माण करने की योजना बनाई है, जिससे दक्षिण पंजाब में 12 लाख एकड़ कथित बंजर भूमि को सिंचित किया जाएगा। हालांकि, सिंध प्रांत ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है। सिंध सरकार को आशंका है कि इन नहरों के निर्माण से सिंधु नदी से उसके हिस्से का पानी कम हो जाएगा।
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