बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मामले की जांच के लिए 18 महीने बाद शव को क्रब से निकाला गया उसके बाद उसकी जांच की गई। कार्रवाई के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट और फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम भी मौजूद थी। कब्र से शव निकालने के बाद उसे दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए सिम्स के मर्चुरी भेजा गया।
क्या है मामला
घटना बिल्हा थाना क्षेत्र के पोड़ी गांव की है। यहां रहने वाले शिव कुमार घृतलहरे ने 12 नवंबर, 2023 को जहरीला पदार्थ खा लिया था। इलाज के दौरान 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद मुआवजा पाने के लिए इस पूरे मामले को नया रूप दिया गया। आरोप है कि वकील कामता साहू ने परिजन को मुआवजा दिलाने का लालच दिया और मामले को सर्पदंश का रूप दे दिया।
फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करवाई
परिजनों की सहमति के बाद वकील ने डॉक्टर प्रियंका सोनी की मदद से फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करवाई। 9 मई को पुलिस ने डॉक्टर और वकील के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराने के मामले में केस की। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित की। जिसने दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने की सिफारिश की।
साजिश रचने का आरोप
पुलिस जांच में सामने आया कि इस साजिश का मास्टरमाइंड वकील कामता साहू था। उसने मृतक के परिजन को गुमराह कर झूठा बयान दिलवाया और डॉक्टर के साथ मिलकर फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करवाई। फर्जी पीएम रिपोर्ट तैयार करवाने का मकसद था सरकार से मुआवजा प्राप्त किया जा सके। इस षड्यंत्र में शामिल वकील, डॉक्टर और परिजनों समेत 5 पर केस दर्ज किया गया है।
शव पूरी तरह डिकंपोज हुआ
लंबे समय तक मिट्टी में दफन होने के कारण शव पूरी तरह डिकंपोज हो चुका है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि सटीक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार कर पाना अब मुश्किल होगा। अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
क्या है मामला
घटना बिल्हा थाना क्षेत्र के पोड़ी गांव की है। यहां रहने वाले शिव कुमार घृतलहरे ने 12 नवंबर, 2023 को जहरीला पदार्थ खा लिया था। इलाज के दौरान 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद मुआवजा पाने के लिए इस पूरे मामले को नया रूप दिया गया। आरोप है कि वकील कामता साहू ने परिजन को मुआवजा दिलाने का लालच दिया और मामले को सर्पदंश का रूप दे दिया।
फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करवाई
परिजनों की सहमति के बाद वकील ने डॉक्टर प्रियंका सोनी की मदद से फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करवाई। 9 मई को पुलिस ने डॉक्टर और वकील के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराने के मामले में केस की। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित की। जिसने दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने की सिफारिश की।
साजिश रचने का आरोप
पुलिस जांच में सामने आया कि इस साजिश का मास्टरमाइंड वकील कामता साहू था। उसने मृतक के परिजन को गुमराह कर झूठा बयान दिलवाया और डॉक्टर के साथ मिलकर फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करवाई। फर्जी पीएम रिपोर्ट तैयार करवाने का मकसद था सरकार से मुआवजा प्राप्त किया जा सके। इस षड्यंत्र में शामिल वकील, डॉक्टर और परिजनों समेत 5 पर केस दर्ज किया गया है।
शव पूरी तरह डिकंपोज हुआ
लंबे समय तक मिट्टी में दफन होने के कारण शव पूरी तरह डिकंपोज हो चुका है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि सटीक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार कर पाना अब मुश्किल होगा। अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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