बॉडी हार्मोन से कोई अनजान नहीं है। हमारे शरीर में तमाम तरह के हार्मोन रिलीज होते हैं, जो हमारे फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर असर डालते हैं। शरीर के जरूरी हार्मोन में स्ट्रेस हार्मोन भी शामिल हैं। ये स्ट्रेस के प्रति शरीर की शारीरिक और व्यावहारिक प्रतिक्रियाओं में भूमिका निभाते हैं।
शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का स्तर सही रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि अगर इनका लेवल बढ़ जाता है तो फिर शरीर के लगभग सभी कार्यों में बाधा उत्पन्न होने लगती है। इससे व्यक्ति को फिजिकल और मेंटल हेल्थ से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं।
लेकिन हम जानेंगे कैसे कि हमारे शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ चुका है। तो बता दें इसे लेकर शरीर आपको कई तरह के संकेत देती है, जिस पर शायद ही आप गौर फरमाते होंगे। आज हम उन्हीं लक्षणों और संकेतों के बारे में बात करेंगे जो ये बताते हैं कि तनाव हार्मोन का स्तर ज्यादा हो चुका है।
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क्या होते हैं स्ट्रेस हार्मोन?
सबसे पहले तो आप ये जान लीजिए कि वास्तव में ये हैं क्या। मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक, तनाव हार्मोन (Stress hormones) केमिकल मैसेंजर्स होते हैं, जो शरीर की साइकोलॉजिकल और बिहेवियरल रिस्पॉन्स में भूमिका निभाते हैं। उदाहरणों में कैटेकोल माइन और कोर्टिसोल शामिल हैं। ये दो प्रमुखस्ट्रेस हार्मोन्स में शामिल हैं। इनमेंकोर्टिसोल प्राइमरी स्ट्रेस हार्मोन माना जाता है।
स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने के संकेत

प्राइमरी स्ट्रेस हार्मोन कहे जाने वाला कोर्टिसोल का लेवल अगर शरीर में हाई हो जाए तो आपको निम्नलिखित लक्षण और जटिलताएं नजर आ सकती हैं-
वजन बढ़ना,विशेषकर चेहरे,पेट और पीठ के ऊपरी हिस्से में।
हाई ब्लड प्रेशर।
मसल्स में कमजोरी।
ऑस्टियोपोरोसिस।
डायबिटीज।
चेहरे पर दिखते हैं ये लक्षण
वहीं, कोर्टिसोल हाई होने का असर आपके चेहरे पर भी पड़ता है। इनमें मुंहासे, फ्लश्ड फेस, त्वचा का पतला होने की समस्या बढ़ जाती है।
कोर्टिसोल को मैनेज करने के तरीके
Clevelandclinic के मुताबिक, कोर्टिसोल के स्तर को कम करने के कई तरीके हैं,जिनमें शामिल हैं:
1- क्वालिटी और पर्याप्त नींद लें। क्योंकि क्रॉनिक स्लीप कंडीशन्स जैसे कि इनसोम्निया या नाइट शिफ्ट में काम करना हाई कोर्टिसोल लेवल का कारण बन सकता है।
2- डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज का नियमित अभ्यास करें। इससे कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है।
3- खुद को एक्टिव रखें। नियमित फिजिकल एक्टिविटी स्लीप क्वालिटी मे सुधार और तनाव को कम करने में मदद करती है।
4- खुलकर हंसिए। हंसने से एंडोर्फिन का स्राव बढ़ता है और कोर्टिसोल कम होता है। वहीं, फन एक्टिविटीज में हिस्सा लेने से भी वेल-बिंग की भावनाओं को बढ़ावा मिल सकता है।
5- हेल्दी रिलेशनशिप मेंटेन करके रखें। तनावपूर्ण और अस्वस्थ रिश्ते होने से बार-बार तनाव हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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