छिंदवाड़ा: जिले में पिछले एक महीने में कफ सिरप पीने से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। लेकिन प्रशासन और सरकार ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। न तो ड्रग कंट्रोलर पर कोई एक्शन लिया गया है और न ही किसी डॉक्टर पर कोई मामला दर्ज हुआ है। सिर्फ जहरीले Coldrif कफ सिरप को बैन कर प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया है।
मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बच्चों की मौत पर पहले कहा था कि कफ सिरप से मौत नहीं हुई है। लेकिन जब सीएम ने सिरप पर बैन लगाया तो उनका बयान आया कि इसमें 48 प्रतिशत जहरीले रसायन मिले हैं।
कैसे बयान से बदले स्वास्थ्य मंत्री
2 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा था कि 13 दवाओं के सैंपल में तीन की रिपोर्ट आ गई है। लेकिन बच्चों की मौत का कारण ये नहीं हैं। तीन दवाओं की रिपोर्ट आना बाकी है। 4 अक्टूबर को उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में कल देर रात तमिलनाडु की एक कंपनी द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप की रिपोर्ट प्राप्त आई है, जिसे 1 अक्टूबर को परीक्षण के लिए भेजा गया था। प्राप्त रिपोर्ट में 48% विषाक्त पदार्थ पाए गए हैं। कानूनी कार्रवाई के लिए तमिलनाडु सरकार को लिखा गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य भर में इसकी आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इसके लिए जो भी लोग जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
न्याय की आस लगाए बैठे हैं परिजन
10 बच्चों की मौत के बाद परिजन न्याय की आस लगाए बैठे हैं। वे इंतजार में बैठे हैं कि जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। कफ सिरप पीने से पांच साल के अदनान खान की मौत 7 सितंबर को हुई थी। अदनान के परिजनों का कहना है कि कहना है कि उसकी मौत गंभीर बीमारी से नहीं हुई। उसे हल्का बुखार था फिर उसकी हालत बिगड़ती चली गई। हम उसे बचा नहीं पाए। 15 दिन में 7 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी अदनान की मौत हो गई।
दोषियों पर कार्रवाई की मांग
परिजनों का कहना है कि हम तो ये चाहते हैं कि जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई हो। चाहे वह दवाई बेचने वाला हो या दवा बनाने वाला। उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। बेटा तो चला गया लेकिन फिर कोई और अपना बच्चा इन गंदी दवाइयों के चलते न खोए।
दो राज्यों की सरकारों ने कर दी है कार्रवाई
बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ का उत्पादन करने वाले श्रीसन फार्मास्यूटिकल कंपनी के स्टॉक को सीज कर दिया है। इस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दिया है। उधर राजस्थान में भी कफ सिरप से दो बच्चों की मौत के बाद सरकार ने डेक्सट्रोमेथारपन हाइड्रोब्रोमाइड पर रोक लगा दी है। ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया है। छिंदवाड़ा के परासिया के एसडीएम शुभम यादव के मुताबिक जिन 9 बच्चों की मौत हुई है उनमें से 6 की प्रिस्क्रिप्शन लिस्ट प्रशासन को मिली है। स्लिप के हिसाब से 5 बच्चों को यह कफ सिरप लिखा गया था।
एक और बच्चे की मौत
शनिवार को किडनी फेल होने से एक और मासूम बच्ची की मौत हो गई है। वह 26 दिनों से नागपुर के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर थी, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। इसके पहले सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9 बच्चों के मौत की पुष्टि हुई थी। रिपोर्ट में Coldrif सिरप पीने से बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है।
सीएम ने लिया है कड़ा एक्शन
सीएम मोहन यादव ने ट्विटर पर लिखा कि छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। उन्होंने आगे लिखा कि बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
कमलनाथ ने 50 लाख मुआवजा देने की मांग की
उधर एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी इन मौतों पर दुख व्यक्त किया है और सरकार से बड़ी मांग की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जहरीला कफ सिरप पीने से अब तक छिंदवाड़ा में 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। दुख की इस घड़ी में मेरी भावनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। लेकिन यह याद रखना होगा कि यह महज़ दुर्घटना नहीं बल्कि मानव निर्मित त्रासदी है। मैं मध्य प्रदेश सरकार से मांग करता हूं कि एक-एक मृत बच्चे के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बच्चों की मौत पर पहले कहा था कि कफ सिरप से मौत नहीं हुई है। लेकिन जब सीएम ने सिरप पर बैन लगाया तो उनका बयान आया कि इसमें 48 प्रतिशत जहरीले रसायन मिले हैं।
कैसे बयान से बदले स्वास्थ्य मंत्री
2 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा था कि 13 दवाओं के सैंपल में तीन की रिपोर्ट आ गई है। लेकिन बच्चों की मौत का कारण ये नहीं हैं। तीन दवाओं की रिपोर्ट आना बाकी है। 4 अक्टूबर को उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में कल देर रात तमिलनाडु की एक कंपनी द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप की रिपोर्ट प्राप्त आई है, जिसे 1 अक्टूबर को परीक्षण के लिए भेजा गया था। प्राप्त रिपोर्ट में 48% विषाक्त पदार्थ पाए गए हैं। कानूनी कार्रवाई के लिए तमिलनाडु सरकार को लिखा गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य भर में इसकी आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इसके लिए जो भी लोग जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
न्याय की आस लगाए बैठे हैं परिजन
10 बच्चों की मौत के बाद परिजन न्याय की आस लगाए बैठे हैं। वे इंतजार में बैठे हैं कि जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। कफ सिरप पीने से पांच साल के अदनान खान की मौत 7 सितंबर को हुई थी। अदनान के परिजनों का कहना है कि कहना है कि उसकी मौत गंभीर बीमारी से नहीं हुई। उसे हल्का बुखार था फिर उसकी हालत बिगड़ती चली गई। हम उसे बचा नहीं पाए। 15 दिन में 7 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी अदनान की मौत हो गई।
दोषियों पर कार्रवाई की मांग
परिजनों का कहना है कि हम तो ये चाहते हैं कि जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई हो। चाहे वह दवाई बेचने वाला हो या दवा बनाने वाला। उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। बेटा तो चला गया लेकिन फिर कोई और अपना बच्चा इन गंदी दवाइयों के चलते न खोए।
दो राज्यों की सरकारों ने कर दी है कार्रवाई
बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ का उत्पादन करने वाले श्रीसन फार्मास्यूटिकल कंपनी के स्टॉक को सीज कर दिया है। इस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दिया है। उधर राजस्थान में भी कफ सिरप से दो बच्चों की मौत के बाद सरकार ने डेक्सट्रोमेथारपन हाइड्रोब्रोमाइड पर रोक लगा दी है। ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया है। छिंदवाड़ा के परासिया के एसडीएम शुभम यादव के मुताबिक जिन 9 बच्चों की मौत हुई है उनमें से 6 की प्रिस्क्रिप्शन लिस्ट प्रशासन को मिली है। स्लिप के हिसाब से 5 बच्चों को यह कफ सिरप लिखा गया था।
एक और बच्चे की मौत
शनिवार को किडनी फेल होने से एक और मासूम बच्ची की मौत हो गई है। वह 26 दिनों से नागपुर के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर थी, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। इसके पहले सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9 बच्चों के मौत की पुष्टि हुई थी। रिपोर्ट में Coldrif सिरप पीने से बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है।
सीएम ने लिया है कड़ा एक्शन
सीएम मोहन यादव ने ट्विटर पर लिखा कि छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। उन्होंने आगे लिखा कि बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
कमलनाथ ने 50 लाख मुआवजा देने की मांग की
उधर एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी इन मौतों पर दुख व्यक्त किया है और सरकार से बड़ी मांग की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जहरीला कफ सिरप पीने से अब तक छिंदवाड़ा में 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। दुख की इस घड़ी में मेरी भावनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। लेकिन यह याद रखना होगा कि यह महज़ दुर्घटना नहीं बल्कि मानव निर्मित त्रासदी है। मैं मध्य प्रदेश सरकार से मांग करता हूं कि एक-एक मृत बच्चे के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
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