भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले में दो पाकिस्तानी महिलाओं के नाम मतदाता सूची में पाए गए हैं। खास बात यह है कि दोनों के पास आधार और वोटर आईडी कार्ड भी हैं। मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग (ECI) और गृह मंत्रालय (MHA) ने उनके नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन से इसकी रिपोर्ट भी मांगी है। बता दें, यह गड़बड़ी बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान सामने आई।
कौन हैं पाकिस्तान की ये महिलाएं?
जिले के रिकॉर्ड के अनुसार, ये दोनों महिलाएं भागलपुर के भीखनपुर मोहल्ले के टैंक लेन, गुमटी नंबर-3 में रहती हैं। एक का नाम इमराना खानम उर्फ इमराना खातून, पति मोहम्मद इब्तुल हसन है तो दूसरी का नाम फिरदौसिया खानम, पति मोहम्मद तफजील अहमद है। दोनों मूल रूप से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खुशाब जिले के रंगपुर गांव की रहने वाली हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोनों ने पहले भी चुनावों में वोट डाला था।
फिरदौसिया और इमराना कब और कैसे आईं भारत?
फिरदौसिया जनवरी 1956 में तीन महीने के वीजा पर भारत आई थीं। इमराना भी उसी साल तीन साल के वीजा पर भारत पहुंचीं। दोनों का वीजा खत्म होने के बाद वे अवैध रूप से रुक गईं और भूमिगत हो गईं। इसके बाद स्थानीय लोगों से दोनों ने शादी की और बाद में आधार व मतदाता पहचान पत्र भी बनवा लिया। बताया जाता है कि घर चुनाव में दोनों ने मतदान भी किया।
मामला कैसे पकड़ा गया?
1 अगस्त को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित होने के बाद यह अनियमितता सामने आई। इसके बाद ECI और MHA ने भागलपुर डीएम, एसएसपी और चुनाव अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। भागलपुर डीएम-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने कहा कि, 'हमने कार्रवाई शुरू कर दी है और इनके नाम हटाने के लिए ECI के फॉर्म-7 भरे गए हैं। मामले की और जांच चल रही है।'
केंद्रीय एजेंसियों की चिंता
सूत्रों के मुताबिक, यह मामला उस व्यापक पैटर्न से जुड़ा है, जिस पर केंद्रीय एजेंसियां पहले से चिंतित हैं। खुफिया रिपोर्ट्स में चेतावनी दी गई थी कि विदेशी नागरिक वीजा अवधि से ज्यादा रुक रहे हैं और भारतीय दस्तावेज हासिल कर रहे हैं। एक सूत्र ने कहा, 'SIR 2025 के बाद यह अभियान ऐसे अवैध रूप से रहने वालों को पहचानने और बाहर निकालने के लिए चलाया जा रहा है।'
सुरक्षा इंतजामों में व्यस्त SSP
भागलपुर SSP हृदयकांत इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दे सके, क्योंकि वे जिले में राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' के सुरक्षा प्रबंधों में व्यस्त थे। आगे की जानकारी का इंतजार है।
कौन हैं पाकिस्तान की ये महिलाएं?
जिले के रिकॉर्ड के अनुसार, ये दोनों महिलाएं भागलपुर के भीखनपुर मोहल्ले के टैंक लेन, गुमटी नंबर-3 में रहती हैं। एक का नाम इमराना खानम उर्फ इमराना खातून, पति मोहम्मद इब्तुल हसन है तो दूसरी का नाम फिरदौसिया खानम, पति मोहम्मद तफजील अहमद है। दोनों मूल रूप से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खुशाब जिले के रंगपुर गांव की रहने वाली हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोनों ने पहले भी चुनावों में वोट डाला था।
फिरदौसिया और इमराना कब और कैसे आईं भारत?
फिरदौसिया जनवरी 1956 में तीन महीने के वीजा पर भारत आई थीं। इमराना भी उसी साल तीन साल के वीजा पर भारत पहुंचीं। दोनों का वीजा खत्म होने के बाद वे अवैध रूप से रुक गईं और भूमिगत हो गईं। इसके बाद स्थानीय लोगों से दोनों ने शादी की और बाद में आधार व मतदाता पहचान पत्र भी बनवा लिया। बताया जाता है कि घर चुनाव में दोनों ने मतदान भी किया।
मामला कैसे पकड़ा गया?
1 अगस्त को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित होने के बाद यह अनियमितता सामने आई। इसके बाद ECI और MHA ने भागलपुर डीएम, एसएसपी और चुनाव अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। भागलपुर डीएम-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने कहा कि, 'हमने कार्रवाई शुरू कर दी है और इनके नाम हटाने के लिए ECI के फॉर्म-7 भरे गए हैं। मामले की और जांच चल रही है।'
केंद्रीय एजेंसियों की चिंता
सूत्रों के मुताबिक, यह मामला उस व्यापक पैटर्न से जुड़ा है, जिस पर केंद्रीय एजेंसियां पहले से चिंतित हैं। खुफिया रिपोर्ट्स में चेतावनी दी गई थी कि विदेशी नागरिक वीजा अवधि से ज्यादा रुक रहे हैं और भारतीय दस्तावेज हासिल कर रहे हैं। एक सूत्र ने कहा, 'SIR 2025 के बाद यह अभियान ऐसे अवैध रूप से रहने वालों को पहचानने और बाहर निकालने के लिए चलाया जा रहा है।'
सुरक्षा इंतजामों में व्यस्त SSP
भागलपुर SSP हृदयकांत इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दे सके, क्योंकि वे जिले में राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' के सुरक्षा प्रबंधों में व्यस्त थे। आगे की जानकारी का इंतजार है।
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