खरगोन: MP में जहरीले कफ सिरप के बाद खरगोन में इंजेक्शन लगने से 4 साल के बच्चे की मौत ने हड़कंप मचा दिया है। कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच बैठा दी है। वहीं जहां इंजेक्शन लगाया गया था, वह क्लीनिक भी सील कर दी गई है। दवा दुकानों से सैंपल लेकर लैब भेजे गए हैं। इधर बच्चे की मां और पिता का बेटे के गम में बुरा हाल है।
जानकारी अनुसार खरगोन में कथित तौर पर गलत इंजेक्शन लगाए जाने के कारण 4 वर्षीय विहान पंचोले की मौत के मामले में कलेक्टर भव्या मित्तल ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित करने के निर्देश दिए हैं। जिस क्लीनिक में इंजेक्शन लगाया गया था उसे सील कर दिया गया है। इंजेक्शन बेचने वाली दवा दुकानों से दवाइयों के नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। मामले में पुलिस ने भी जांच आरंभ कर दी है।
तीन सदस्यीय जांच दल करेगा पड़ताल
मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर कथित तौर पर गलत इंजेक्शन लगाए जाने के मामले में कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं। सीएमएचओ डॉक्टर दौलत सिंह चौहान ने बताया कि जिला कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर तीन सदस्य जांच दल का गठन किया गया है। इसमें दो शिशु रोग विशेषज्ञ और एक मेडिकल स्पेशलिस्ट शामिल है। उन्होंने बताया कि जिस जगह 4 वर्षीय विहान को इंजेक्शन लगाया गया था, वह क्लीनिक सील कर दिया गया है। साथ ही जहां से इंजेक्शन खरीदे गए थे, वहां से दवाइयां के सैंपल भी लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि विहान के शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया है। फिलहाल रिपोर्ट नहीं प्राप्त हो सकी है।
दवाइयों की खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड नहीं मिला
कलेक्टर के निर्देश पर औषधि निरीक्षक अशोक गोयल ने टीम सहित उस क्षेत्र की दवा दुकानों पर जाकर नमूने लिए गए, जिन्हें प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है। औषधि निरीक्षक ने बताया कि हॉस्पिटल क्लिनिक के पास तीन दवा दुकानों में उपलब्ध औषधियों के क्रय विक्रय संबंधी रिकार्ड नहीं पाए गए। जिसके चलते उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र भी जारी किया गया है।
शिशु रोग विशेषज्ञ ने लिखा, क्लीनिक में इंजेक्शन लगा था
बड़वानी जिले के ठीकरी निवासी विहान पंचोले को कल खरगोन के शिशु रोग विशेषज्ञ राजेश सयदे के पास लाया गया था। उनके द्वारा लिखे गए इंजेक्शन को लगाए जाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी, और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। विहान के परिजनों ने इंजेक्शन के रिएक्शन का आरोप लगाते हुए डॉक्टर पर कार्यवाही की मांग की थी।
मुंह से झाग आाया और बेहोश होकर गिरा था
इस मामले में पुलिस जांच भी आरंभ कर दी गई है। पुलिस ने बताया कि डॉक्टर के क्लीनिक में दिखाये जाने के बाद एक लेबोरेटरी में विहान के विभिन्न टेस्ट हुए थे। इसके बाद डॉक्टर के द्वारा लिखे गए इंजेक्शन को एक क्लीनिक में लगवाया गया था। जहां उसे तत्काल मुंह से झाग आ गए थे और वह झटका खाकर बेहोश हो गया था। उसके बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई।
जानकारी अनुसार खरगोन में कथित तौर पर गलत इंजेक्शन लगाए जाने के कारण 4 वर्षीय विहान पंचोले की मौत के मामले में कलेक्टर भव्या मित्तल ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित करने के निर्देश दिए हैं। जिस क्लीनिक में इंजेक्शन लगाया गया था उसे सील कर दिया गया है। इंजेक्शन बेचने वाली दवा दुकानों से दवाइयों के नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। मामले में पुलिस ने भी जांच आरंभ कर दी है।
तीन सदस्यीय जांच दल करेगा पड़ताल
मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर कथित तौर पर गलत इंजेक्शन लगाए जाने के मामले में कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं। सीएमएचओ डॉक्टर दौलत सिंह चौहान ने बताया कि जिला कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर तीन सदस्य जांच दल का गठन किया गया है। इसमें दो शिशु रोग विशेषज्ञ और एक मेडिकल स्पेशलिस्ट शामिल है। उन्होंने बताया कि जिस जगह 4 वर्षीय विहान को इंजेक्शन लगाया गया था, वह क्लीनिक सील कर दिया गया है। साथ ही जहां से इंजेक्शन खरीदे गए थे, वहां से दवाइयां के सैंपल भी लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि विहान के शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया है। फिलहाल रिपोर्ट नहीं प्राप्त हो सकी है।
दवाइयों की खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड नहीं मिला
कलेक्टर के निर्देश पर औषधि निरीक्षक अशोक गोयल ने टीम सहित उस क्षेत्र की दवा दुकानों पर जाकर नमूने लिए गए, जिन्हें प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है। औषधि निरीक्षक ने बताया कि हॉस्पिटल क्लिनिक के पास तीन दवा दुकानों में उपलब्ध औषधियों के क्रय विक्रय संबंधी रिकार्ड नहीं पाए गए। जिसके चलते उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र भी जारी किया गया है।
शिशु रोग विशेषज्ञ ने लिखा, क्लीनिक में इंजेक्शन लगा था
बड़वानी जिले के ठीकरी निवासी विहान पंचोले को कल खरगोन के शिशु रोग विशेषज्ञ राजेश सयदे के पास लाया गया था। उनके द्वारा लिखे गए इंजेक्शन को लगाए जाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी, और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। विहान के परिजनों ने इंजेक्शन के रिएक्शन का आरोप लगाते हुए डॉक्टर पर कार्यवाही की मांग की थी।
मुंह से झाग आाया और बेहोश होकर गिरा था
इस मामले में पुलिस जांच भी आरंभ कर दी गई है। पुलिस ने बताया कि डॉक्टर के क्लीनिक में दिखाये जाने के बाद एक लेबोरेटरी में विहान के विभिन्न टेस्ट हुए थे। इसके बाद डॉक्टर के द्वारा लिखे गए इंजेक्शन को एक क्लीनिक में लगवाया गया था। जहां उसे तत्काल मुंह से झाग आ गए थे और वह झटका खाकर बेहोश हो गया था। उसके बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई।
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