भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने कफ सीरप से बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 24 जिलों में जिला गुणवत्ता सलाहकार नियुक्त करने का निर्णय लिया है। ये सलाहकार अस्पतालों की सेवाओं, दवाओं और उपकरणों की गुणवत्ता की निगरानी करेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) मध्य प्रदेश इस पहल से मरीजों को सुरक्षित और मानक इलाज सुनिश्चित करना चाहता है।
गुणवत्ता को लेकर गंभीर सरकार
मध्य प्रदेश में हाल ही में कफ सीरप से हुई बच्चों की मौत के बाद सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर गंभीरता दिखाई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) मध्य प्रदेश अब राज्य के 24 जिलों में जिला गुणवत्ता सलाहकार नियुक्त करने जा रहा है। इन पदों पर ऐसे विशेषज्ञ रखे जाएंगे जो सरकारी अस्पतालों की सेवाओं, दवाओं और उपकरणों के गुणवत्ता की निगरानी करेंगे।
ऐसे होगा सलाहकारों का चयन
एनएचएम के अनुसार, इन सलाहकारों का चयन ऐसे उम्मीदवारों में से होगा, जिनके पास हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थ मैनेजमेंट या पब्लिक हेल्थ से संबंधित डिग्री या अनुभव होगा। ये लोग जिला स्तर पर अस्पतालों का निरीक्षण करेंगे, उपचार सेवाओं की गुणवत्ता का आकलन करेंगे और लापरवाही या कमियों की रिपोर्ट तैयार करेंगे। साथ ही वे सुधारात्मक कार्ययोजना बनाकर उसे लागू कराने में भी भूमिका निभाएंगे।
सेवाओं पर भी रहेगी नजर
जिला गुणवत्ता सलाहकार अस्पतालों में स्वच्छता, दवा वितरण, मरीजों के प्रति व्यवहार, रिकार्ड प्रबंधन और आपात सेवाओं जैसे बिंदुओं पर नजर रखेंगे। इसके अलावा वे यह भी देखेंगे कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के अनुसार सेवाएं दी जा रही हैं या नहीं। एनएचएम इनकी रिपोर्ट के आधार पर समय-समय पर अस्पतालों की रैंकिंग और सुधार योजनाएं तय करेगा।
इतने पद रहेंगे आरक्षित
इसमें आवेदक की आयु 21 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं को शासन के नियमों के अनुसार आयु सीमा में छूट दी जाएगी। कुल 24 पदों में से 13 अनारक्षित, पांच ओबीसी, तीन एससी और दो एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। एक पद दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहेगा।
गुणवत्ता को लेकर गंभीर सरकार
मध्य प्रदेश में हाल ही में कफ सीरप से हुई बच्चों की मौत के बाद सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर गंभीरता दिखाई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) मध्य प्रदेश अब राज्य के 24 जिलों में जिला गुणवत्ता सलाहकार नियुक्त करने जा रहा है। इन पदों पर ऐसे विशेषज्ञ रखे जाएंगे जो सरकारी अस्पतालों की सेवाओं, दवाओं और उपकरणों के गुणवत्ता की निगरानी करेंगे।
ऐसे होगा सलाहकारों का चयन
एनएचएम के अनुसार, इन सलाहकारों का चयन ऐसे उम्मीदवारों में से होगा, जिनके पास हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थ मैनेजमेंट या पब्लिक हेल्थ से संबंधित डिग्री या अनुभव होगा। ये लोग जिला स्तर पर अस्पतालों का निरीक्षण करेंगे, उपचार सेवाओं की गुणवत्ता का आकलन करेंगे और लापरवाही या कमियों की रिपोर्ट तैयार करेंगे। साथ ही वे सुधारात्मक कार्ययोजना बनाकर उसे लागू कराने में भी भूमिका निभाएंगे।
सेवाओं पर भी रहेगी नजर
जिला गुणवत्ता सलाहकार अस्पतालों में स्वच्छता, दवा वितरण, मरीजों के प्रति व्यवहार, रिकार्ड प्रबंधन और आपात सेवाओं जैसे बिंदुओं पर नजर रखेंगे। इसके अलावा वे यह भी देखेंगे कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के अनुसार सेवाएं दी जा रही हैं या नहीं। एनएचएम इनकी रिपोर्ट के आधार पर समय-समय पर अस्पतालों की रैंकिंग और सुधार योजनाएं तय करेगा।
इतने पद रहेंगे आरक्षित
इसमें आवेदक की आयु 21 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं को शासन के नियमों के अनुसार आयु सीमा में छूट दी जाएगी। कुल 24 पदों में से 13 अनारक्षित, पांच ओबीसी, तीन एससी और दो एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। एक पद दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहेगा।
You may also like
त्रिकोणीय सीरीज: अफगानिस्तान के इनकार के बाद जिम्बाब्वे को शामिल किया गया, पीसीबी ने की घोषणा
मध्य प्रदेश के बाजारों में धनतेरस पर दिखा स्वदेशी का जोर
घर में जब भी लाए नमक तो जरूर अपनाएं ये` टोटका फिर देंखे इसका चमत्कार
दीपावली 2025 प्लेलिस्ट: इन गानों के बिना अधूरी रहेगी आपकी पार्टी
सरकारी अफसर की रिश्वत बाजी का खुलासा! CBI ने रंगे हाथों पकड़ा, घर से करोड़ों का खजाना निकला