रामबाबू मित्तल, सहारनपुर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग निवासी डॉक्टर आदिल अहमद की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। सहारनपुर से खरीदी गई जिस कार को लेकर अब तक कई सवाल उठ रहे हैं, वही अब जांच एजेंसियों के निशाने पर आ गई है। जानकारी के अनुसार, डॉक्टर आदिल ने यह कार सहारनपुर के एक व्यक्ति से खरीदी थी और उसके लिए वाहन की नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लखनऊ के लिए कटवाई गई थी। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि ना तो कार उसके नाम ट्रांसफर हुई और ना ही किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर अब तक रजिस्टर्ड कराई गई है।
इस अधूरी प्रक्रिया ने अब जांच एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है। कश्मीर पुलिस और इंटेलिजेंस विभाग ने उस व्यक्ति से पूछताछ शुरू कर दी है, जिसने डॉक्टर आदिल को यह कार बेची थी। सूत्रों के मुताबिक, कार की खरीद-बिक्री और ट्रांसफर प्रक्रिया में हुई इस लापरवाही को अब संदेह के दायरे में रखा जा रहा है, क्योंकि वाहन का उपयोग कई बार संदिग्ध गतिविधियों में किया गया होने की आशंका जताई जा रही है।
परवेज अंसारी के घर से बरामद हुई कार सहारनपुर आरटीओ से रजिस्टर्ड है। UP11BD3563 पर इंटीग्रल विवि का पास लगा है। परवेज के घर लखनऊ ATS, J&K पुलिस का छापा पड़ा है। परवेज अंसारी के घर से लैपटॉप और अन्य दस्तावेज़ भी कब्जे में लिए हैं।
फिलहाल पुलिस ने वाहन से संबंधित सभी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं और रजिस्ट्रेशन रेकॉर्ड की जांच की जा रही है। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आदिल अहमद ने कार का इस्तेमाल कहां और किन उद्देश्यों से किया, और क्यों NOC लेने के बाद भी उसने रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर नहीं करवाया।
इस अधूरी प्रक्रिया ने अब जांच एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है। कश्मीर पुलिस और इंटेलिजेंस विभाग ने उस व्यक्ति से पूछताछ शुरू कर दी है, जिसने डॉक्टर आदिल को यह कार बेची थी। सूत्रों के मुताबिक, कार की खरीद-बिक्री और ट्रांसफर प्रक्रिया में हुई इस लापरवाही को अब संदेह के दायरे में रखा जा रहा है, क्योंकि वाहन का उपयोग कई बार संदिग्ध गतिविधियों में किया गया होने की आशंका जताई जा रही है।
परवेज अंसारी के घर से बरामद हुई कार सहारनपुर आरटीओ से रजिस्टर्ड है। UP11BD3563 पर इंटीग्रल विवि का पास लगा है। परवेज के घर लखनऊ ATS, J&K पुलिस का छापा पड़ा है। परवेज अंसारी के घर से लैपटॉप और अन्य दस्तावेज़ भी कब्जे में लिए हैं।
फिलहाल पुलिस ने वाहन से संबंधित सभी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं और रजिस्ट्रेशन रेकॉर्ड की जांच की जा रही है। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आदिल अहमद ने कार का इस्तेमाल कहां और किन उद्देश्यों से किया, और क्यों NOC लेने के बाद भी उसने रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर नहीं करवाया।
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