लखनऊ: लखनऊ स्थित गुडंबा के बेहटा गांव में रविवार को अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से आलम (50) और मुन्नी (48) की मौत हो गई। धमाके से कुछ देर पहले ही उनके बेटे इरशाद ने रिश्तेदार नदीम के साथ खाली प्लॉट में दो सुतली बम दागकर ट्रायल किया था। आसपास के लोगों ने पुलिस को बताया कि पहली बार धमाके की आवाज सुबह करीब 11:30 बजे सुनाई दी थी। इसके बाद दोनों घर में चले गए थे। दोबारा घर में विस्फोट हुआ तो मकान की एक ईंट तक नहीं बची।
आसपास के कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। धमाके की आवाज करीब तीन किलोमीटर तक सुनाई दी। आवाज सुनकर अनवारी, जबरी, सैयारा, हबीबपुर और कौड़ियामऊ समेत कई गांवों के लोग सिहर उठे।
फायर ब्रिगेड को धमाके के बाद आग लगने की सूचना 11.51 बजे मिली। एफएसओ इंदिरानगर शत्रुघ्न ने बताया कि इंदिरानगर से दो, हजरतगंज और बीकेटी से दमकल की एक-एक गाड़ी मौके पर पहुंची। बारूद गीला करने के लिए आग बुझाने के बाद भी पानी का छिड़काव किया गया। मौके पर एसडीआरएफ, बम निरोधक दस्ता और फरेंसिक टीम भी पहुंची।
पुलिस का कहना है कि बम निरोधक दस्ते और फरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। जांच टीम को मलबे में सैकड़ों सुतली बम मिले। इसके अलावा माल तैयार करने के लिए बड़ी मात्रा में कागज भी मिला है। माना जा रहा है कि आलम ने किसी के ऑर्डर पर माल तैयार किया था। इसकी डिलिवरी रविवार को ही होनी थी। इस कारण इरशाद और नदीम ने बम का ट्रायल किया होगा। धमाके से 600 मीटर के दायरे के घर हिल गए।
तीन घरों की दीवारों का बड़ा हिस्सा टूट कर गिर गया। ऐसा लग रहा था कि इन घरों में किसी ने बम से हमला किया हो। 5 सिलिंडर निकालकर खेत में रखे हादसे की सूचना पर बीकेटी चौकी से बिजेंद्र यादव टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। इस दौरान मलबे में कई सिलिंडर दबे होने की सूचना मिली। पुलिस टीम ने पांच सिलिंडर निकालकर गीले कपड़े से ढककर खेत में रखे। इसमें एक सिलिंडर लीक हो रहा था।
दो की हालत गंभीर
धमाके में घायल आलम के बेटे इरशाद (20) और पड़ोसी नदीम (17) ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है। ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. प्रेमराज सिंह के मुताबिक इरशाद 70% और नदीम 68% झुलस गए है। दोनों का बर्न इंटेंसिव केयर यूनिट में इलाज चल रहा है। दोनों की हालत गंभीर है।
मलबे में दबे बेटी-नाती को निकाला बाहर
धमाके वाले मकान से एक प्लॉट दूर अमरसंडा निवासी महबूब का मकान है, जहां अजीज, पत्नी रहीम बानो, सास मेहरुन्निशा के साथ रहते हैं। बगल में कमरे में अजीज की बेटी हूरजहां, दामाद इमरान और तीन वर्षीय नाती जियान रहते हैं। हादसे के वक्त घर में हूरजहां और जियान थे। धमाके से दीवार और सीमेट का टिनशेड गिर गया। मलबे में हूरजहां और जियान दब गए। अजीज ने लोगों की मदद से बेटी और नाती को अस्पताल पहुंचाया।
दीवार और दरवाजा बेड पर गिरे
आलम के मकान के पीछे ठेकेदार जैद का घर है। वह पत्नी इरम के साथ रहते है। जैद के कमरे से अटैच बाथरूम, आलम के घर की पिछली दीवार से सटा था। सुबह करीब 11:40 बजे जैद बेड पर लेटे थे। इरम बाथरूम से किचन में जा रही थी। इसी दौरान तेज धमाके के साथ बाथरूम की दीवार दरवाजे समेत बेड पर लेटे जैद पर गिर गई। सिर पर ईट का टुकड़ा लगने से इरम भी घायल हो गई। इरम ने किसी तरह मलबा हटाकर जैद को निकाला। इसके बाद दोनों ग्रामीणों की मदद से अस्पताल पहुंचे।
टूट गई दीवार
आलम के मकान के पीछे 100 मीटर दूर शाहजहा अपनी बेटी नाजमीन (25), यासमीन (20), सान (14) और उजैफ (9) के साथ रहती है। हादसा हुआ तो वह किचन में थी। शाहजहां ने बताया कि धमाके की आवाज सुनकर ऐसा लगा, जैसे बादल फट गया हो। मलबे का टुकड़ा टकराने से घर के पिछले कमरे की दीवार में छेद भी हो गया।
दीवारों में दरारें
अवैध पटाखा फैक्ट्री की पीछे वाली गली में रहने वाले जहीर घटना के वक्त पत्नी मुस्तरी, दो बेटे और तीन पोतियों के साथ घर मे थे। जहीर ने बताया कि 11:30 बजे इरशाद ने बम का ट्रायल किया तो धमाके की आवाज सुनकर बाहर निकले थे। 15 मिनट बाद दोबारा धमाका हुआ तो पूरा मकान हिल गया। धमाके की आवाज से पिछले कमरे की दीवार और छत में दरार आ गई। ईट गिरने से सीमेट की चादर भी टूट गई।
हर तरफ था बारूद
अवैध पटाखा फैक्ट्री से 20 मीटर दूर मकसूद का घर है। वह पत्नी आयशा खातून, बेटी सायरा (22), सालहीन (20), बेटा नूर आलम (24) और नाती अबू बकर (11) के साथ रहते हैं। हादसे के वक्त मकसूद और नूर आलम घर पर नहीं थे। धमाके के वक्त एक सुतली बम उनके घर की दीवार से टकराकर फटा और तीन बम छत पर गिरकर फटे। आवाज सुनकर लौटे नूर आलम छत पर गए तो हर जगह बारूद फैला था। एक जिंदा बम भी पड़ा था. जिसे उठाकर बाहर फेंका।
आसपास के कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। धमाके की आवाज करीब तीन किलोमीटर तक सुनाई दी। आवाज सुनकर अनवारी, जबरी, सैयारा, हबीबपुर और कौड़ियामऊ समेत कई गांवों के लोग सिहर उठे।
फायर ब्रिगेड को धमाके के बाद आग लगने की सूचना 11.51 बजे मिली। एफएसओ इंदिरानगर शत्रुघ्न ने बताया कि इंदिरानगर से दो, हजरतगंज और बीकेटी से दमकल की एक-एक गाड़ी मौके पर पहुंची। बारूद गीला करने के लिए आग बुझाने के बाद भी पानी का छिड़काव किया गया। मौके पर एसडीआरएफ, बम निरोधक दस्ता और फरेंसिक टीम भी पहुंची।
पुलिस का कहना है कि बम निरोधक दस्ते और फरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। जांच टीम को मलबे में सैकड़ों सुतली बम मिले। इसके अलावा माल तैयार करने के लिए बड़ी मात्रा में कागज भी मिला है। माना जा रहा है कि आलम ने किसी के ऑर्डर पर माल तैयार किया था। इसकी डिलिवरी रविवार को ही होनी थी। इस कारण इरशाद और नदीम ने बम का ट्रायल किया होगा। धमाके से 600 मीटर के दायरे के घर हिल गए।
तीन घरों की दीवारों का बड़ा हिस्सा टूट कर गिर गया। ऐसा लग रहा था कि इन घरों में किसी ने बम से हमला किया हो। 5 सिलिंडर निकालकर खेत में रखे हादसे की सूचना पर बीकेटी चौकी से बिजेंद्र यादव टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। इस दौरान मलबे में कई सिलिंडर दबे होने की सूचना मिली। पुलिस टीम ने पांच सिलिंडर निकालकर गीले कपड़े से ढककर खेत में रखे। इसमें एक सिलिंडर लीक हो रहा था।
दो की हालत गंभीर
धमाके में घायल आलम के बेटे इरशाद (20) और पड़ोसी नदीम (17) ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है। ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. प्रेमराज सिंह के मुताबिक इरशाद 70% और नदीम 68% झुलस गए है। दोनों का बर्न इंटेंसिव केयर यूनिट में इलाज चल रहा है। दोनों की हालत गंभीर है।
मलबे में दबे बेटी-नाती को निकाला बाहर
धमाके वाले मकान से एक प्लॉट दूर अमरसंडा निवासी महबूब का मकान है, जहां अजीज, पत्नी रहीम बानो, सास मेहरुन्निशा के साथ रहते हैं। बगल में कमरे में अजीज की बेटी हूरजहां, दामाद इमरान और तीन वर्षीय नाती जियान रहते हैं। हादसे के वक्त घर में हूरजहां और जियान थे। धमाके से दीवार और सीमेट का टिनशेड गिर गया। मलबे में हूरजहां और जियान दब गए। अजीज ने लोगों की मदद से बेटी और नाती को अस्पताल पहुंचाया।
दीवार और दरवाजा बेड पर गिरे
आलम के मकान के पीछे ठेकेदार जैद का घर है। वह पत्नी इरम के साथ रहते है। जैद के कमरे से अटैच बाथरूम, आलम के घर की पिछली दीवार से सटा था। सुबह करीब 11:40 बजे जैद बेड पर लेटे थे। इरम बाथरूम से किचन में जा रही थी। इसी दौरान तेज धमाके के साथ बाथरूम की दीवार दरवाजे समेत बेड पर लेटे जैद पर गिर गई। सिर पर ईट का टुकड़ा लगने से इरम भी घायल हो गई। इरम ने किसी तरह मलबा हटाकर जैद को निकाला। इसके बाद दोनों ग्रामीणों की मदद से अस्पताल पहुंचे।
टूट गई दीवार
आलम के मकान के पीछे 100 मीटर दूर शाहजहा अपनी बेटी नाजमीन (25), यासमीन (20), सान (14) और उजैफ (9) के साथ रहती है। हादसा हुआ तो वह किचन में थी। शाहजहां ने बताया कि धमाके की आवाज सुनकर ऐसा लगा, जैसे बादल फट गया हो। मलबे का टुकड़ा टकराने से घर के पिछले कमरे की दीवार में छेद भी हो गया।
दीवारों में दरारें
अवैध पटाखा फैक्ट्री की पीछे वाली गली में रहने वाले जहीर घटना के वक्त पत्नी मुस्तरी, दो बेटे और तीन पोतियों के साथ घर मे थे। जहीर ने बताया कि 11:30 बजे इरशाद ने बम का ट्रायल किया तो धमाके की आवाज सुनकर बाहर निकले थे। 15 मिनट बाद दोबारा धमाका हुआ तो पूरा मकान हिल गया। धमाके की आवाज से पिछले कमरे की दीवार और छत में दरार आ गई। ईट गिरने से सीमेट की चादर भी टूट गई।
हर तरफ था बारूद
अवैध पटाखा फैक्ट्री से 20 मीटर दूर मकसूद का घर है। वह पत्नी आयशा खातून, बेटी सायरा (22), सालहीन (20), बेटा नूर आलम (24) और नाती अबू बकर (11) के साथ रहते हैं। हादसे के वक्त मकसूद और नूर आलम घर पर नहीं थे। धमाके के वक्त एक सुतली बम उनके घर की दीवार से टकराकर फटा और तीन बम छत पर गिरकर फटे। आवाज सुनकर लौटे नूर आलम छत पर गए तो हर जगह बारूद फैला था। एक जिंदा बम भी पड़ा था. जिसे उठाकर बाहर फेंका।
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