नई दिल्ली: रूस, पाकिस्तान को JF-17 फाइटर जेट के लिए इंजन बेचने वाला है... रूस ने मीडिया रिपोर्ट्स के इन दावों को खारिज कर दिया है। इन दावों के बीच भारत के शक्तिशाली जेट फाइटर मिग-29 चर्चाओं में है। दरअसल पाकिस्तान का चीनी फाइटर जेट और भारत का रूसी मिग-29 तकनीकी रूप से एक ही वंश के इंजन पर निर्भर हैं। आइए जानते हैं मिग-29 फाइटर जेट के नाम से ही क्यों कांप जाते हैं दुश्मन देश।
क्या है इतिहास? मिग-29, एक शक्तिशाली लड़ाकू विमान, जिसे सोवियत संघ ने 1970 के दशक में अमेरिका के उन्नत लड़ाकू विमानों, जैसे एफ-15 और एफ-16 का मुकाबला करने के लिए विकसित किया था। यह विमान मूल रूप से हवा से हवा में लड़ाई के लिए बनाया गया था, लेकिन समय के साथ इसे जमीनी हमलों के लिए भी इस्तेमाल किया जाने लगा। 1983 में सोवियत वायु सेना में शामिल होने के बाद, यह दुनिया भर के कई देशों में निर्यात हुआ और भारत भी इसके प्रमुख खरीदारों में से एक है।
जानें क्या है खासियत?
क्या है इतिहास? मिग-29, एक शक्तिशाली लड़ाकू विमान, जिसे सोवियत संघ ने 1970 के दशक में अमेरिका के उन्नत लड़ाकू विमानों, जैसे एफ-15 और एफ-16 का मुकाबला करने के लिए विकसित किया था। यह विमान मूल रूप से हवा से हवा में लड़ाई के लिए बनाया गया था, लेकिन समय के साथ इसे जमीनी हमलों के लिए भी इस्तेमाल किया जाने लगा। 1983 में सोवियत वायु सेना में शामिल होने के बाद, यह दुनिया भर के कई देशों में निर्यात हुआ और भारत भी इसके प्रमुख खरीदारों में से एक है।
जानें क्या है खासियत?
- मिग-29 को दो शक्तिशाली Klimov RD-33 टर्बोफैन इंजन से शक्ति मिलती है, जो इसे तेज गति और तेजी से ऊपर उठने की क्षमता देते हैं। इसमें 30mm की GSh-30-1 ऑटो-कैनन लगी है और सात जगहों पर रॉकेट, मिसाइल, बम और अतिरिक्त ईंधन टैंक ले जाने की सुविधा है।
- अपनी जबरदस्त फुर्ती के लिए मशहूर यह विमान मूल रूप से हवा से हवा में लड़ाई (Air Superiority) के लिए बनाया गया था, जिसका मतलब है कि इसका मुख्य काम दुश्मन के विमानों को हवा में ही रोकना और नष्ट करना था।
- इस विमान की सबसे खासियतों में से एक इसकी फुर्ती है। यह हवा में बहुत तेजी से मुड़ सकता है और दिशा बदल सकता है, जो इसे हवा से हवा में लड़ाई के लिए बहुत खतरनाक बनाता है।
- हथियारों की बात करें तो, मिग-29 में एक 30mm की Gryazev-Shipunov GSh-30-1 ऑटो-कैनन लगी है। इसके अलावा, इसमें सात ऐसी जगहें (hardpoints) हैं जहां यह अलग-अलग तरह के रॉकेट, मिसाइल, बम और अतिरिक्त ईंधन टैंक ले जा सकता है। यह इसे अलग-अलग तरह के मिशनों के लिए तैयार करता है।
- हालांकि मिग-29 को मुख्य रूप से हवा से हवा में लड़ाई के लिए बनाया गया था, लेकिन समय के साथ इसके कई नए मॉडल विकसित किए गए हैं जो जमीन पर हमला करने के मिशन भी कर सकते हैं। इन मल्टीरोलवेरिएंट्स को सटीक हथियारों के साथ जमीन पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है।
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