जयपुर: राजस्थान में पिछले तीन दिनों से चल रही निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल जल्द खत्म हो सकती है। सोमवार को निजी बस संचालकों का एक प्रतिनिधिमंडल डिप्टी सीएम और परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा से मिला, जहां हड़ताल समाप्त करने को लेकर सकारात्मक बातचीत हुई। उम्मीद है कि बस ऑपरेटर्स जल्द हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर सकते हैं।
बसों में मॉडिफिकेशन के लिए मांगा समय
बस ऑपरेटरों ने सरकार से अपनी बसों में आवश्यक मॉडिफिकेशन करने के लिए दो महीने का समय मांगा है। फिलहाल राज्यभर में लगभग 8 हजार निजी बसें सड़कों से नदारद हैं, जिससे आम यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डिप्टी सीएम बैरवा बोले 'यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं'
डिप्टी सीएम और परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि कई बसें बिना फायर सेफ्टी सिस्टम और इमरजेंसी एग्जिट के चल रही हैं, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने साफ कहा कि 'ऐसी मॉडिफाइड बसें जिनमें एग्जिट और फायर सिस्टम नहीं है, उन्हें किसी भी हालत में सड़क पर नहीं उतरने दिया जाएगा। यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'
कहां अटकी बात? क्या आज हो सकता है बड़ा ऐलान?
सूत्रों के मुताबिक, यदि सरकार और बस ऑपरेटर्स के बीच सहमति बन जाती है, तो सोमवार शाम तक हड़ताल समाप्त होने की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। इससे राज्यभर में बस सेवाएं फिर से पटरी पर लौटने की उम्मीद है। हड़ताल के दौरान करीब 8000 बसों का संचालन ठप हो गया है। हालांकि सरकार ने यात्रियों के सुरक्षा के चलते असुरक्षित बसों के संचालन के बिल्कुल खिलाफ है।
भजनलाल सरकार इस लिए एक्शन मोड पर, 15 दिन में राजस्थान में यह तीसरा हादसा
राजस्थान की भजनलाल सरकार बस हादसों के चलते सुरक्षा के लिहाज से एक्शन मोड में हैं। लगातार बसों पर हो रही कार्रवाई के चलते निजी बस संचालक हड़ताल पर गए हैं। बता दें कि पिछले 15 दिनों में राजस्थान में तीन बड़े हादसे हो चुके हैंं। इनमें पहला हादसा जैसलमेर में 14 अक्टूबर को हुआ था, बस में आग लगी थी। 28 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 29 अक्टूबर को जयपुर के शाहपुरा में बस में करंट आने से पिता-बेटी की जान गई थी, जबकि 10 अन्य यात्री घायल हुए थे। तीसरा हादसा जोधपुर में 2 नवंबर हो हुआ है, इसमें 15 लोगों की मौत हुई है।
बसों में मॉडिफिकेशन के लिए मांगा समय
बस ऑपरेटरों ने सरकार से अपनी बसों में आवश्यक मॉडिफिकेशन करने के लिए दो महीने का समय मांगा है। फिलहाल राज्यभर में लगभग 8 हजार निजी बसें सड़कों से नदारद हैं, जिससे आम यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डिप्टी सीएम बैरवा बोले 'यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं'
डिप्टी सीएम और परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि कई बसें बिना फायर सेफ्टी सिस्टम और इमरजेंसी एग्जिट के चल रही हैं, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने साफ कहा कि 'ऐसी मॉडिफाइड बसें जिनमें एग्जिट और फायर सिस्टम नहीं है, उन्हें किसी भी हालत में सड़क पर नहीं उतरने दिया जाएगा। यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'
कहां अटकी बात? क्या आज हो सकता है बड़ा ऐलान?
सूत्रों के मुताबिक, यदि सरकार और बस ऑपरेटर्स के बीच सहमति बन जाती है, तो सोमवार शाम तक हड़ताल समाप्त होने की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। इससे राज्यभर में बस सेवाएं फिर से पटरी पर लौटने की उम्मीद है। हड़ताल के दौरान करीब 8000 बसों का संचालन ठप हो गया है। हालांकि सरकार ने यात्रियों के सुरक्षा के चलते असुरक्षित बसों के संचालन के बिल्कुल खिलाफ है।
भजनलाल सरकार इस लिए एक्शन मोड पर, 15 दिन में राजस्थान में यह तीसरा हादसा
राजस्थान की भजनलाल सरकार बस हादसों के चलते सुरक्षा के लिहाज से एक्शन मोड में हैं। लगातार बसों पर हो रही कार्रवाई के चलते निजी बस संचालक हड़ताल पर गए हैं। बता दें कि पिछले 15 दिनों में राजस्थान में तीन बड़े हादसे हो चुके हैंं। इनमें पहला हादसा जैसलमेर में 14 अक्टूबर को हुआ था, बस में आग लगी थी। 28 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 29 अक्टूबर को जयपुर के शाहपुरा में बस में करंट आने से पिता-बेटी की जान गई थी, जबकि 10 अन्य यात्री घायल हुए थे। तीसरा हादसा जोधपुर में 2 नवंबर हो हुआ है, इसमें 15 लोगों की मौत हुई है।
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