हावड़ा : पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के उलूबेरिया स्थित शरतचंद्र चट्टोपाध्याय सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर पर हमला और दुष्कर्म की धमकी देने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है और डॉक्टर संगठनों ने सुरक्षा को लेकर कड़ा विरोध जताया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक आरोपी राज्य पुलिस का होमगार्ड बताया जा रहा है।
घटना सोमवार दोपहर की है, जब अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजनों का ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। आरोप है कि विवाद के दौरान तीनों आरोपियों शेख सम्राट, शेख बाबूलाल (होमगार्ड) और शेख हसीबुल ने डॉक्टर के साथ मारपीट की और उन्हें दुष्कर्म की धमकी दी। डॉक्टर ने इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, जिसके बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। डॉक्टरों के संगठन ज्वाइंट फोरम ऑफ डॉक्टर्स ने उलूबेरिया अस्पताल का दौरा किया और ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए। संगठन ने कहा कि बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं के बावजूद सुरक्षा इंतज़ाम में कोई सुधार नहीं किया गया है।
बीजेपी हुई हमलावर
इस घटना ने राज्य में एक बार फिर राजनीतिक घमासान छेड़ दिया है। बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना से कोई सबक नहीं लिया। राज्य में होमगार्ड और सिविक वॉलंटियर पार्टी के संरक्षण में कानून से ऊपर खुद को समझते हैं। अस्पतालों में सीसीटीवी नहीं हैं और प्रशासन पूरी तरह नाकाम है। केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में महिलाएं बेहद असुरक्षित हैं। आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई भयावह घटना के बाद भी मुख्यमंत्री की दावे खोखले साबित हुए हैं। अब उलूबेरिया अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना ने सरकार की विफलता उजागर कर दी है।
टीएमसी ने दिया जवाब
वहीं तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता अरुण चक्रवर्ती ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया, लेकिन साथ ही कहा कि सभी आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। बीजेपी नेताओं को पहले अपने घर झांकना चाहिए। नंदीग्राम में उनके एक कार्यकर्ता पर बलात्कार का आरोप लगा था, तब विपक्ष चुप था। वहीं इस घटना के बाद राज्य में डॉक्टर समुदाय में भारी रोष है। डॉक्टरों ने सरकार से अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने, सीसीटीवी लगाने और हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह मामला एक बार फिर बंगाल में महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
घटना सोमवार दोपहर की है, जब अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजनों का ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। आरोप है कि विवाद के दौरान तीनों आरोपियों शेख सम्राट, शेख बाबूलाल (होमगार्ड) और शेख हसीबुल ने डॉक्टर के साथ मारपीट की और उन्हें दुष्कर्म की धमकी दी। डॉक्टर ने इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, जिसके बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। डॉक्टरों के संगठन ज्वाइंट फोरम ऑफ डॉक्टर्स ने उलूबेरिया अस्पताल का दौरा किया और ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए। संगठन ने कहा कि बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं के बावजूद सुरक्षा इंतज़ाम में कोई सुधार नहीं किया गया है।
बीजेपी हुई हमलावर
इस घटना ने राज्य में एक बार फिर राजनीतिक घमासान छेड़ दिया है। बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना से कोई सबक नहीं लिया। राज्य में होमगार्ड और सिविक वॉलंटियर पार्टी के संरक्षण में कानून से ऊपर खुद को समझते हैं। अस्पतालों में सीसीटीवी नहीं हैं और प्रशासन पूरी तरह नाकाम है। केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में महिलाएं बेहद असुरक्षित हैं। आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई भयावह घटना के बाद भी मुख्यमंत्री की दावे खोखले साबित हुए हैं। अब उलूबेरिया अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना ने सरकार की विफलता उजागर कर दी है।
टीएमसी ने दिया जवाब
वहीं तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता अरुण चक्रवर्ती ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया, लेकिन साथ ही कहा कि सभी आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। बीजेपी नेताओं को पहले अपने घर झांकना चाहिए। नंदीग्राम में उनके एक कार्यकर्ता पर बलात्कार का आरोप लगा था, तब विपक्ष चुप था। वहीं इस घटना के बाद राज्य में डॉक्टर समुदाय में भारी रोष है। डॉक्टरों ने सरकार से अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने, सीसीटीवी लगाने और हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह मामला एक बार फिर बंगाल में महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
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