गुरुग्राम: दिल्ली से गुरुग्राम में कुछ बाइकर्स पर एसयूवी सवार लोगों ने हमला कर दिया। आरोप है कि एक बाइक सवार ने उनकी गाड़ी को ओवरटेक किया था। इससे गुस्साए लोगों ने बाइकर्स को रोका और मारपीट की। उन्होंने बेसबॉल बैट से एक महंगी बाइक को भी तोड़ दिया। बाइकर्स ने पुलिस को बताया कि SUV में बैठे लोग नशे में लग रहे थे। उन्होंने उन लोगों को शांत करने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस मामले में हार्दिक शर्मा नाम के एक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई है। हार्दिक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं और गुरुग्राम में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि वे लोग एंबियंस मॉल के पास मिले थे। वहां से उन्हें मानेसर तक राइड पर जाना था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पेड एआई की मदद से आरोपियों के प्रोफाइल ढूंढेहार्दिक ने बताया उनकी बाइक पर गो प्रो कैमरे लगे हुए थे। उन्होंने इन कैमरों की फुटेज भी जमा करवा दी है। उन्होंने बताया कि फेसचेक आईडी नाम के एक ऑनलाइन पेड ऐप का इस्तेमाल करके आरोपियों के सोशल मीडिया प्रोफाइल भी ढूंढ लिए हैं। वहीं हार्दिक ने बताया कि हमने सोचा कि झगड़ा करने से अच्छा है रुक जाते हैं। लेकिन हमारी राइड एक बुरे सपने में बदल गई। एसयूवी वाले गाड़ी से उतरे और हमें गालियां देने लगे। वे हमारे हेलमेट निकालकर हमें मारने की कोशिश कर रहे थे। शायद हम में से किसी ने पहले उनकी गाड़ी को ओवरटेक किया था, जिससे उन्हें गुस्सा आ गया। क्यों आया आरोपियों को गुस्साहिसार के रहने वाले हार्दिक के अनुसार, सुबह करीब 7:30 बजे जब वे खेड़कीदौला टोल प्लाजा के पास पहुंचे, तो उन्होंने एक काली स्कॉर्पियो को क्रॉस किया। हार्दिक ने कहा कि एसयूवी बहुत लापरवाही से चलाई जा रही थी और कुछ बाइकर्स को गिराने की कोशिश कर रही थी। हमें नहीं पता कि उन्हें क्या गुस्सा आया। एसयूवी ने करीब एक किलोमीटर तक हमारा पीछा किया। फिर हमने द्वारका एक्सप्रेसवे के नीचे सड़क किनारे रुक गए। ये जगह टोल प्लाजा से लगभग 300 मीटर दूर थी। हमने मामले को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने हमें मुक्का मारना शुरू कर दिया। ज्यादातर बाइकर वहां से भाग गए। मैं भी भाग गया, लेकिन जब मैंने देखा कि हमारा एक दोस्त फंसा हुआ है, तो मैं वापस आया। फिर उन्होंने मुझे पकड़ लिया और दूसरा बाइकर भाग गया। मैंने उनसे माफ़ी भी मांगी, जबकि मैंने कुछ किया भी नहीं था। लेकिन उन्होंने बेसबॉल बैट से मुझे मारना शुरू कर दिया। खुशकिस्मती से बैट मेरे हेलमेट पर लगा, मेरे सिर पर नहीं। पुलिस पर लगाए आरोपहार्दिक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हमारी मदद नहीं की। हम लगभग आधे घंटे तक टोल पर इंतजार करते रहे। ये तय करने में छह घंटे से ज्यादा लग गए कि किस पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया जाएगा। आखिरकार, सेक्टर 37 पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई। वहीं पुलिस का कहना है कि कोई देरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पीड़ित को तुरंत मेडिकल जांच और इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जांच चल रही है और अहम जानकारी और सुराग मिले हैं। मारपीट और तोड़फोड़ में शामिल आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
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