पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और अब चुनाव आयोग यह प्रक्रिया देश के 12 अन्य राज्यों व क्रेंद्र शासित प्रदेशों में भी चलाने वाला है। विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन एसआईआर के इस दूसरे चरण का भी विरोध कर रहा है। इस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधा है। उनका आरोप है कि यह विरोध केवल मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि विपक्षी दल भारत को धर्मशाला बनाना चाहते हैं। दूसरी तरफ शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने हर चुनाव क्षेत्र में वोट घोटाला होने और चुनाव आयोग पर जवाबदेही से बचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कर्नाटक एसआईटी जांच ने भी कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में फर्जी मतदाता जोड़े जाने की पुष्टि की है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा, "मैं एसआईआर के लिए चुनाव आयोग को धन्यवाद देना चाहता हूं। कुछ राज्य एसआईआर का विरोध कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन इसका विरोध कर रहा है। ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल की सरकार बांग्लादेश की सरकार बन गई है। ये लोग केवल मुस्लिम वोट पाने के लिए इसका विरोध करते हैं। वे भारत को धर्मशाला बनाना चाहते हैं।"
चुनाव आयोग पर जवाबदेही से बचने का आरोप दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने हर चुनाव क्षेत्र में वोट घोटाला होने का आरोप लगाया है। उन्होंने चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में हेरफेर को लेकर चिंताओं पर प्रतिक्रिया न देकर जवाबदेही से बचने का आरोप लगाया है। प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर लिखा, "चुनाव आयोग लगातार सोचता है कि मतदाता हेरफेर की वास्तविक चिंताओं पर अपनी बेशर्मी और कोई प्रतिक्रिया न देकर वे जवाबदेही से बच पाएंगे। लेकिन हर चुनाव क्षेत्र में गहरी जांच लगातार वोट घोटाला दिखा रही है।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा किए गए 'वोट चोरी' के विरोध का हवाला देते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कर्नाटक में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई जांच में भी कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में फर्जी मतदाताओं को जोड़े जाने की पुष्टि हुई है। राज्यसभा सांसद ने कहा, "विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया था कि कर्नाटक के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में फर्जी मतदाता कैसे जोड़े गए थे और अब एसआईटी जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है।"
बीएमसी के चुनाव प्रभावित होने की आशंका आदित्य ठाकरे ने मतदाता सूची में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए एक प्रजेंटेशन दिया था। उन्होंने दावा किया कि इन विसंगतियों के कारण 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की हार हुई। वर्ली के विधायक ने दावा किया कि पिछले साल के विधानसभा चुनावों के दौरान बोगस मतदान हुआ था। उन्होंने कहा कि कथित विसंगतियां आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों को प्रभावित कर सकती हैं।
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा था कि चुनाव आयोग 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट का विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) का दूसरा चरण आयोजित करेगा। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी। दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस प्रक्रिया में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल होंगे।
12 राज्यों में 4 नवंबर से एसआईआर शुरू होगाचुनाव आयोग ने बताया कि प्रिंटिंग और प्रशिक्षण 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक होगा। इसके बाद 4 नवंबर से दिसंबर तक गणना चरण होगा। मसौदा मतदाता सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी, 2026 तक दावों और आपत्तियों की अवधि होगी। नोटिस चरण (सुनवाई और सत्यापन के लिए) 9 दिसंबर और 31 जनवरी, 2026 के बीच होगा और अंतिम वोटर लिस्ट 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा, "मैं एसआईआर के लिए चुनाव आयोग को धन्यवाद देना चाहता हूं। कुछ राज्य एसआईआर का विरोध कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन इसका विरोध कर रहा है। ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल की सरकार बांग्लादेश की सरकार बन गई है। ये लोग केवल मुस्लिम वोट पाने के लिए इसका विरोध करते हैं। वे भारत को धर्मशाला बनाना चाहते हैं।"
#WATCH बेगूसराय, बिहार: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "कुछ राज्य ऐसे हैं जो SIR का विरोध कर रहे हैं। INDIA गठबंधन इसका विरोध कर रहा है... ये लोग केवल मुस्लिम वोट लेने के लिए विरोध करते हैं। ये भारत को धर्मशाला बनाना चाहते हैं..." pic.twitter.com/OWz9sU7zQK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 28, 2025
चुनाव आयोग पर जवाबदेही से बचने का आरोप दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने हर चुनाव क्षेत्र में वोट घोटाला होने का आरोप लगाया है। उन्होंने चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में हेरफेर को लेकर चिंताओं पर प्रतिक्रिया न देकर जवाबदेही से बचने का आरोप लगाया है। प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर लिखा, "चुनाव आयोग लगातार सोचता है कि मतदाता हेरफेर की वास्तविक चिंताओं पर अपनी बेशर्मी और कोई प्रतिक्रिया न देकर वे जवाबदेही से बच पाएंगे। लेकिन हर चुनाव क्षेत्र में गहरी जांच लगातार वोट घोटाला दिखा रही है।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा किए गए 'वोट चोरी' के विरोध का हवाला देते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कर्नाटक में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई जांच में भी कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में फर्जी मतदाताओं को जोड़े जाने की पुष्टि हुई है। राज्यसभा सांसद ने कहा, "विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया था कि कर्नाटक के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में फर्जी मतदाता कैसे जोड़े गए थे और अब एसआईटी जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है।"
बीएमसी के चुनाव प्रभावित होने की आशंका आदित्य ठाकरे ने मतदाता सूची में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए एक प्रजेंटेशन दिया था। उन्होंने दावा किया कि इन विसंगतियों के कारण 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की हार हुई। वर्ली के विधायक ने दावा किया कि पिछले साल के विधानसभा चुनावों के दौरान बोगस मतदान हुआ था। उन्होंने कहा कि कथित विसंगतियां आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों को प्रभावित कर सकती हैं।
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा था कि चुनाव आयोग 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट का विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) का दूसरा चरण आयोजित करेगा। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी। दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस प्रक्रिया में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल होंगे।
12 राज्यों में 4 नवंबर से एसआईआर शुरू होगाचुनाव आयोग ने बताया कि प्रिंटिंग और प्रशिक्षण 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक होगा। इसके बाद 4 नवंबर से दिसंबर तक गणना चरण होगा। मसौदा मतदाता सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी, 2026 तक दावों और आपत्तियों की अवधि होगी। नोटिस चरण (सुनवाई और सत्यापन के लिए) 9 दिसंबर और 31 जनवरी, 2026 के बीच होगा और अंतिम वोटर लिस्ट 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
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