पुणे: महाराष्ट्र में पुणे जिले के हवेली तालुका में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां लोनी कालभोर इलाके में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली 16 वर्षीय लड़की के साथ उसके 17 वर्षीय सहपाठी की ओर से बार-बार यौन उत्पीड़न किए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता इसके कारण सात महीने की गर्भवती हो गई। घटना के बाद लोनी कालभोर समेत पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। पीड़िता के माता-पिता पुलिस के पास पहुंचे और लोनी कालभोर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने नाबालिग आरोपी को तुरंत हिरासत में ले लिया है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस की ओर से दी गई शुरुआती जानकारी के अनुसार, पीड़िता और आरोपी दोनों एक ही प्रतिष्ठित शैक्षणिक परिसर में पढ़ते थे। साथ-साथ स्कूल आने-जाने और पढ़ाई करने के कारण उनकी नजदीकियां बढ़ती गईं। शुरुआत में मासूम लगने वाला यह रिश्ता समय के साथ गलत दिशा में चला गया। जनवरी 2025 में जब दोनों पढ़ाई करने के लिए बिल्डिंग की छत पर गए, तो आरोपी उसे एक कमरे में ले गया। वहां पर उसने पहली बार जबरन शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद आरोपी ने उसकी मासूमियत का फायदा उठाकर और उसे डरा-धमकाकर यही हरकत दोहराई। जांच में पता चला है कि यह घटना जनवरी 2025 से सितंबर 2025 तक चलती रही।
कैसे चला घटना का पता?
पिछले कुछ दिनों में लड़की की सेहत में बदलाव आने पर परिवार वालों को शक हुआ। मेडिकल जांच के बाद पता चला कि वह सात महीने की गर्भवती है और चौंकाने वाला सच सामने आया। इसके बाद पीड़िता के माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है और चूंकि वह नाबालिग है, इसलिए किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और मेडिकल जांच रिपोर्ट भी पुलिस को सौंप दी गई है।
समाज के लिए चेतावनी है ये घटना
महाराष्ट्र के पुणे में हुई यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। यह एक चौंकाने वाला उदाहरण है कि कैसे मोबाइल फोन, सोशल मीडिया और अकेले मिलने-जुलने के कारण नाबालिगों के बीच बढ़ती नजदीकियां एक गंभीर अपराध में बदल सकती हैं। जानकारों की राय है कि ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वो बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें और उनसे संवाद बनाए रखें।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस की ओर से दी गई शुरुआती जानकारी के अनुसार, पीड़िता और आरोपी दोनों एक ही प्रतिष्ठित शैक्षणिक परिसर में पढ़ते थे। साथ-साथ स्कूल आने-जाने और पढ़ाई करने के कारण उनकी नजदीकियां बढ़ती गईं। शुरुआत में मासूम लगने वाला यह रिश्ता समय के साथ गलत दिशा में चला गया। जनवरी 2025 में जब दोनों पढ़ाई करने के लिए बिल्डिंग की छत पर गए, तो आरोपी उसे एक कमरे में ले गया। वहां पर उसने पहली बार जबरन शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद आरोपी ने उसकी मासूमियत का फायदा उठाकर और उसे डरा-धमकाकर यही हरकत दोहराई। जांच में पता चला है कि यह घटना जनवरी 2025 से सितंबर 2025 तक चलती रही।
कैसे चला घटना का पता?
पिछले कुछ दिनों में लड़की की सेहत में बदलाव आने पर परिवार वालों को शक हुआ। मेडिकल जांच के बाद पता चला कि वह सात महीने की गर्भवती है और चौंकाने वाला सच सामने आया। इसके बाद पीड़िता के माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है और चूंकि वह नाबालिग है, इसलिए किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और मेडिकल जांच रिपोर्ट भी पुलिस को सौंप दी गई है।
समाज के लिए चेतावनी है ये घटना
महाराष्ट्र के पुणे में हुई यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। यह एक चौंकाने वाला उदाहरण है कि कैसे मोबाइल फोन, सोशल मीडिया और अकेले मिलने-जुलने के कारण नाबालिगों के बीच बढ़ती नजदीकियां एक गंभीर अपराध में बदल सकती हैं। जानकारों की राय है कि ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वो बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें और उनसे संवाद बनाए रखें।
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