बठिंडा: बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत सोमवार को मानहानि मामले में बठिंडा की अदालत में पेश हुईं। कोर्ट के सामने उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें हुई गलतफहमी पर पछतावा है। अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी। यह पल 78 वर्षीय किसान मोहिंदर कौर के लिए एक भावनात्मक जीत जैसा था। मोहिंदर कौर बीते चार साल से अपने सम्मान के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहीं है। बता दें कि मोहिंदर कौर पंजाब के बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जंडियां गांव की रहने वाली हैं और उनके पास 13 एकड़ जमीन है।
कौन हैं मोहिंदर कौर
मोहिंदर कौर एक महिला किसान हैं। उनकी उम्र 78 साल की है। भले ही कौर के पास 13 एकड़ जमीन है, मगर उनकी जिंदगी किसी अमीर किसान जैसी नहीं दिखती। उनका घर पुराना है, छतों को लकड़ी के लट्ठों से सहारा दिया गया है। रोज सुबह वह अपने 80 वर्षीय बीमार पति लाभ सिंह और बिस्तर पर पड़े बेटे गुरदास के लिए चूल्हे पर खाना बनाती हैं। फिर अपने रोजमर्रा के काम और कानूनी लड़ाई शुरू करती हैं। वह कहती हैं कि लोग समझते हैं कि 13 एकड़ जमीन बहुत होती है, लेकिन हकीकत में इससे उतनी आमदनी नहीं होती जितनी एक मामूली सरकारी कर्मचारी की होती है। किसान की हालत कोई नहीं समझता। पहले हम कपास उगाते थे, पर जब पूरी पंजाब में फसल चौपट हो गई तो धान लगाना शुरू किया।
कैसी है परिवार की हालत
उनका बेटा पिछले तीन महीनों से गंभीर संक्रमण के कारण बिस्तर पर है। बहू की मृत्यु डेढ़ साल पहले संक्रमण से हो गई। परिवार अब अपनी ज्यादातर जमीन किराए पर देता है। सिर्फ थोड़े हिस्से में घर के खाने के लिए फसल उगाता है। अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कौर ने भावुक होकर कहा कि किसान का जीवन कभी आसान नहीं होता। मेरे बेटे की हालत खराब है, बहू चली गई, कोई बच्चा नहीं छोड़ा। घर की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर है, लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगी। खुद कोर्ट न जा पाने के कारण, उनके दमे के मरीज पति ने उनकी ओर से पेशी की।
बीजेपी से जुड़े वकील को क्यों चुना
उनके वकील रघुबीर सिंह बेहनीवाल बीजेपी से जुड़ हुए हैं. वो कहते हैं कि जब मैंने ये केस लिया तो कुछ लोगों ने कहा कि मैं कंगना के खिलाफ मुकदमा ठीक से नहीं लड़ूंगा, लेकिन मोहिंदर कौर ने मुझ पर भरोसा किया। मैं भी पंजाब की माताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि कंगना ने माफी मांगी है, लेकिन यह केवल एक औपचारिकता है। हम इस माफी को स्वीकार नहीं करेंगे। यह मुकदमा अंत तक लड़ा जाएगा।
क्या है पूरा मामला
यह मामला 2020-21 के किसान आंदोलन से जुड़ा है। उस समय कंगना रनौत ने एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया था जिसमें कथित तौर पर कौर की एक तस्वीर थी। पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए रनौत ने दावा किया था कि कुछ प्रदर्शनकारियों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए भुगतान किया जा रहा था। उन्होंने महिला को टाइम मैगजीन में भारत की शक्तिशाली महिलाओं में शुमार वही दादी (शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी बिल्किस) कहकर संबोधित किया था और कहा था कि वह 100 रुपये में उपलब्ध हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस टिप्पणी से कौर आहत हुईं और उन्होंन अदालत के माध्यम से न्याय मांगने का फैसला किया।
कौन हैं मोहिंदर कौर
मोहिंदर कौर एक महिला किसान हैं। उनकी उम्र 78 साल की है। भले ही कौर के पास 13 एकड़ जमीन है, मगर उनकी जिंदगी किसी अमीर किसान जैसी नहीं दिखती। उनका घर पुराना है, छतों को लकड़ी के लट्ठों से सहारा दिया गया है। रोज सुबह वह अपने 80 वर्षीय बीमार पति लाभ सिंह और बिस्तर पर पड़े बेटे गुरदास के लिए चूल्हे पर खाना बनाती हैं। फिर अपने रोजमर्रा के काम और कानूनी लड़ाई शुरू करती हैं। वह कहती हैं कि लोग समझते हैं कि 13 एकड़ जमीन बहुत होती है, लेकिन हकीकत में इससे उतनी आमदनी नहीं होती जितनी एक मामूली सरकारी कर्मचारी की होती है। किसान की हालत कोई नहीं समझता। पहले हम कपास उगाते थे, पर जब पूरी पंजाब में फसल चौपट हो गई तो धान लगाना शुरू किया।
कैसी है परिवार की हालत
उनका बेटा पिछले तीन महीनों से गंभीर संक्रमण के कारण बिस्तर पर है। बहू की मृत्यु डेढ़ साल पहले संक्रमण से हो गई। परिवार अब अपनी ज्यादातर जमीन किराए पर देता है। सिर्फ थोड़े हिस्से में घर के खाने के लिए फसल उगाता है। अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कौर ने भावुक होकर कहा कि किसान का जीवन कभी आसान नहीं होता। मेरे बेटे की हालत खराब है, बहू चली गई, कोई बच्चा नहीं छोड़ा। घर की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर है, लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगी। खुद कोर्ट न जा पाने के कारण, उनके दमे के मरीज पति ने उनकी ओर से पेशी की।
बीजेपी से जुड़े वकील को क्यों चुना
उनके वकील रघुबीर सिंह बेहनीवाल बीजेपी से जुड़ हुए हैं. वो कहते हैं कि जब मैंने ये केस लिया तो कुछ लोगों ने कहा कि मैं कंगना के खिलाफ मुकदमा ठीक से नहीं लड़ूंगा, लेकिन मोहिंदर कौर ने मुझ पर भरोसा किया। मैं भी पंजाब की माताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि कंगना ने माफी मांगी है, लेकिन यह केवल एक औपचारिकता है। हम इस माफी को स्वीकार नहीं करेंगे। यह मुकदमा अंत तक लड़ा जाएगा।
क्या है पूरा मामला
यह मामला 2020-21 के किसान आंदोलन से जुड़ा है। उस समय कंगना रनौत ने एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया था जिसमें कथित तौर पर कौर की एक तस्वीर थी। पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए रनौत ने दावा किया था कि कुछ प्रदर्शनकारियों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए भुगतान किया जा रहा था। उन्होंने महिला को टाइम मैगजीन में भारत की शक्तिशाली महिलाओं में शुमार वही दादी (शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी बिल्किस) कहकर संबोधित किया था और कहा था कि वह 100 रुपये में उपलब्ध हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस टिप्पणी से कौर आहत हुईं और उन्होंन अदालत के माध्यम से न्याय मांगने का फैसला किया।
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