नई दिल्ली: भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड मुद्दे पर चल रही तनातनी के बीच आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एक काल्पनिक सवाल पूछकर एक नई बहस को हवा दे दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर सवाल किया है कि अगर अमेरिका में ट्रंप सरकार भारत को अमेरिकी टेक प्लेटफॉर्म जैसे एक्स, गूगल, फेसबुक, इंस्टाग्राम और चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर रोक लगा दे तो क्या होगा?
हर्ष गोयनका ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट कर इस काल्पनिक स्थिति को डरावना बताया और भारत के लिए प्लान बी सोचने को कहा है। गोयनका की इस पोस्ट पर बवाल मच गया है। कुछ लोगों ने उनके इस बयान का समर्थन किया है तो कुछ लोगों ने इस बयान को बेतुका बताया।
यूजर्स बोले- यह भारत के लिए छोटा झटका
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि भारत के सामने अमेरिकी ऐसी स्थिति कभी नहीं लाएगा लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह हमारी कमजोरी है। कुछ लोगों ने इसे भारत के लिए छोटे झटके के रूप में माना। कई यूजर्स ने कमेंट कर कहा कि ऐसे प्रतिबंध ही भारत को अपने विकल्प तलाशने के लिए मजबूर करेगा।
आरसी नाम की एक एक्स यूजर ने मजाकिया अंदाज में कहा, यदि गूगल नहीं होगा तो हर कोई चायवाले से डॉक्टरी सलाह मांगने लगेगा। इंस्टाग्राम नहीं होगा तो कपल्स को खुलकर बात करनी होगी और ब्रेकअप का सीजन शुरू हो जाएगा। अगर चैट जीपीटी नहीं होगा तो, छात्रों को जवाब खुद लिखना होगा। वहीं अगर एक्स नहीं होगा तो नेताओं को एक-दूसरे के आमने-सामने चिल्लाना होगा।
दोनों पक्षों को होगा नुकसान
कुछ लोगों का मानना था कि ऐसा प्रतिबंध दोनों पक्षों के लिए नुकसानदायक होगा। एक यूजर ने कहा, "यह आर्थिक रूप से एक-दूसरे को बर्बाद करने जैसा होगा।" उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका का टेक उद्योग अपना दूसरा सबसे बड़ा बाजार खो देगा और भारत का आकार और डिजिटल इकोसिस्टम उसकी ताकत है। कुछ लोगों ने तो सवाल को पलटते हुए कहा, "कल्पना कीजिए अगर भारत अमेरिका को आईटी सेवाएं देना बंद कर दे। आपको जवाब मिल जाएगा।"
असल में भारत के लिए क्या होगा प्लान B
डिजिटल संप्रभुता को लेकर भारत में पहले ही कई बार बहस छिड़ चुकी है। इसको लेकर विशेषज्ञ भारतीय प्लेटफॉर्मों को बढ़ावा देने की बात करते रहे हैं। जिसमें भारतीय प्लेटफॉर्म जोहो, संदेश, भीम यूपीआई शामिल हैं। इसके साथ ही सर्वर लेवल पर स्थानीय होस्टिंग को बढ़ावा देना होगा। एआई मॉडल पर सरकार को कंपनियों को सब्सिडी देने की मांग की जा रही है। हालांकि इसको लेकर सरकार भी सतर्क है और भारतीय प्लेटफॉर्मों को बढ़ावा दे रही है।
हर्ष गोयनका ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट कर इस काल्पनिक स्थिति को डरावना बताया और भारत के लिए प्लान बी सोचने को कहा है। गोयनका की इस पोस्ट पर बवाल मच गया है। कुछ लोगों ने उनके इस बयान का समर्थन किया है तो कुछ लोगों ने इस बयान को बेतुका बताया।
Imagine if Trump bans India from using U.S. tech platforms- no X, Google, Instagram, Facebook or ChatGPT. Frightening, no!
— Harsh Goenka (@hvgoenka) November 5, 2025
Just think about the consequences seriously and what could be Plan B for us.
यूजर्स बोले- यह भारत के लिए छोटा झटका
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि भारत के सामने अमेरिकी ऐसी स्थिति कभी नहीं लाएगा लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह हमारी कमजोरी है। कुछ लोगों ने इसे भारत के लिए छोटे झटके के रूप में माना। कई यूजर्स ने कमेंट कर कहा कि ऐसे प्रतिबंध ही भारत को अपने विकल्प तलाशने के लिए मजबूर करेगा।
आरसी नाम की एक एक्स यूजर ने मजाकिया अंदाज में कहा, यदि गूगल नहीं होगा तो हर कोई चायवाले से डॉक्टरी सलाह मांगने लगेगा। इंस्टाग्राम नहीं होगा तो कपल्स को खुलकर बात करनी होगी और ब्रेकअप का सीजन शुरू हो जाएगा। अगर चैट जीपीटी नहीं होगा तो, छात्रों को जवाब खुद लिखना होगा। वहीं अगर एक्स नहीं होगा तो नेताओं को एक-दूसरे के आमने-सामने चिल्लाना होगा।
No Google → Everyone will start asking the chaiwala for medical advice.
— RC (@RC_Choudharry) November 5, 2025
No Instagram → Couples will have to actually talk. Breakup season begins.
No ChatGPT → Students will have to write the answer - voilation of human rights
No Twitter → Politicians will have to shout at…
दोनों पक्षों को होगा नुकसान
कुछ लोगों का मानना था कि ऐसा प्रतिबंध दोनों पक्षों के लिए नुकसानदायक होगा। एक यूजर ने कहा, "यह आर्थिक रूप से एक-दूसरे को बर्बाद करने जैसा होगा।" उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका का टेक उद्योग अपना दूसरा सबसे बड़ा बाजार खो देगा और भारत का आकार और डिजिटल इकोसिस्टम उसकी ताकत है। कुछ लोगों ने तो सवाल को पलटते हुए कहा, "कल्पना कीजिए अगर भारत अमेरिका को आईटी सेवाएं देना बंद कर दे। आपको जवाब मिल जाएगा।"
असल में भारत के लिए क्या होगा प्लान B
डिजिटल संप्रभुता को लेकर भारत में पहले ही कई बार बहस छिड़ चुकी है। इसको लेकर विशेषज्ञ भारतीय प्लेटफॉर्मों को बढ़ावा देने की बात करते रहे हैं। जिसमें भारतीय प्लेटफॉर्म जोहो, संदेश, भीम यूपीआई शामिल हैं। इसके साथ ही सर्वर लेवल पर स्थानीय होस्टिंग को बढ़ावा देना होगा। एआई मॉडल पर सरकार को कंपनियों को सब्सिडी देने की मांग की जा रही है। हालांकि इसको लेकर सरकार भी सतर्क है और भारतीय प्लेटफॉर्मों को बढ़ावा दे रही है।
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