असमिया संगीत जगत के दिवंगत दिग्गज कलाकार जुबिन गर्ग की सिंगापुर में मौत के बाद से पूरा देश हैरान है। ऐसे में उनके चाहने वालों के लिए सरकार की तरफ से हर तरह की कोशिशें हो रही हैं। असम में उनके अंतिम संस्कार से पहले, सिंगर के काहिलीपाड़ा स्थित घर पर उनके पदचिह्न लिए गए। इस छाप को एक स्मृति चिन्ह के रूप में संरक्षित किया गया है, जो ज़ुबीन गर्ग को एक श्रद्धांजलि है।
यह भाव केवल स्मृति का नहीं, बल्कि कई बातों को दिखाता है। काहिलीपारा और बाद में सरुसजाई स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में इकट्ठा होने वाले फैंस के लिए, ये संरक्षित पदचिह्न जुबिन गर्ग की याद दिलाते हैं और हमेशा दिलाते रहेंगे।
लिए गए जुबिन गर्ग के पदचिह्नयह दिखाता है कि वे राज्य की सांस्कृतिक पहचान से कितने गहराई से जुड़े थे और कैसे उनकी आवाज असम के लिए भावनाओं से जुड़ी हुई है। ये पदचिह्न उनके चाहने वालों और अगली पीढ़ी के लिए यादगार रहेगी। इन पदचिह्नों से युवा पीढ़ी अपने सांस्कृतिक गौरव से जुड़ी रहेगी और हर किसी को मालूम होगा कि जुबिन गर्ग कौन थे।
श्रद्धांजलि देने पहुंचे पेट डॉग्ससोमवार को गुवाहाटी में एक भावुक नजारा देखने को मिला जब फैंस असम के संगीत के दिग्गज जुबीन गर्ग को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए सरुसजाई स्टेडियम में इकट्ठा हुए। शोक मनाने वालों की भीड़ के बीच, उनके चार खामोश साथी भी नजर आए जो उनके प्यारे कुत्ते थे। जुबिन गर्ग की पत्नी गरिमा और करीबी पारिवारिक दोस्तों के साथ उनके सभी कुत्ते भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे। भीड़ खामोश हो गई जब पालतू जानवर ताबूत में लेटे दिवंगत संगीतकार को निहार रहे थे।
अंतिम संस्कार की तैयारीजहां स्टेडियम के अंदर भावनाएं तेज थीं, वहीं 23 सितम्बर को अंतिम संस्कार की तैयारियां भी चल रही थीं।
यह भाव केवल स्मृति का नहीं, बल्कि कई बातों को दिखाता है। काहिलीपारा और बाद में सरुसजाई स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में इकट्ठा होने वाले फैंस के लिए, ये संरक्षित पदचिह्न जुबिन गर्ग की याद दिलाते हैं और हमेशा दिलाते रहेंगे।

लिए गए जुबिन गर्ग के पदचिह्नयह दिखाता है कि वे राज्य की सांस्कृतिक पहचान से कितने गहराई से जुड़े थे और कैसे उनकी आवाज असम के लिए भावनाओं से जुड़ी हुई है। ये पदचिह्न उनके चाहने वालों और अगली पीढ़ी के लिए यादगार रहेगी। इन पदचिह्नों से युवा पीढ़ी अपने सांस्कृतिक गौरव से जुड़ी रहेगी और हर किसी को मालूम होगा कि जुबिन गर्ग कौन थे।
Dogs do understand death. It’s always important to let them meet the departed person if they were very close. That final moment helps them realize and slowly accept that their beloved human will never return.
— Vidit Sharma 🇮🇳 (@TheViditsharma) September 22, 2025
We experienced this with our own father. When our dogs saw him one… pic.twitter.com/dcZd6tbNIy
श्रद्धांजलि देने पहुंचे पेट डॉग्ससोमवार को गुवाहाटी में एक भावुक नजारा देखने को मिला जब फैंस असम के संगीत के दिग्गज जुबीन गर्ग को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए सरुसजाई स्टेडियम में इकट्ठा हुए। शोक मनाने वालों की भीड़ के बीच, उनके चार खामोश साथी भी नजर आए जो उनके प्यारे कुत्ते थे। जुबिन गर्ग की पत्नी गरिमा और करीबी पारिवारिक दोस्तों के साथ उनके सभी कुत्ते भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे। भीड़ खामोश हो गई जब पालतू जानवर ताबूत में लेटे दिवंगत संगीतकार को निहार रहे थे।
अंतिम संस्कार की तैयारीजहां स्टेडियम के अंदर भावनाएं तेज थीं, वहीं 23 सितम्बर को अंतिम संस्कार की तैयारियां भी चल रही थीं।
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