नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर इलाके में मंगलवार दोपहर बाद एक यात्री ट्रेन मेमू ने आगे खड़ी माल गाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में 8 लोगों के मौत की पुष्टि डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने की है। मृतकों में यात्री ट्रेन का लोको पायलट भी शामिल है। हादसे में करीब 10 लोग घायल हो गए। हादसे का कारण रेलवे ने यात्री ट्रेन के रेड सिग्नल को पार करना बताया है। मामले की तह तक जाने के लिए कमिश्नर रेलवे सेफ्टी से इसकी जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद ही पता लग सकेगा कि असल में दुर्घटना का क्या कारण रहा।
गतौरा और बिलासपुर रेलवे स्टेशन हुआ हादसा
रेलवे ने बताया कि यह दुर्घटना मंगलवार शाम करीब चार बजे गतौरा और बिलासपुर रेलवे स्टेशन के बीच हुई। जहां पहले से हावड़ा-मुंबई अप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी। तभी पीछे से आती यात्री ट्रेन ने खड़ी मालगाड़ी में टक्कर मार दी। यात्री ट्रेन का आगे का कोच मालगाड़ी के पिछले हिस्से पर चढ़ गया। घायलों में यात्री ट्रेन की महिला एएलपी और मालगाड़ी का गार्ड ब्रेकमैन भी शामिल बताए गए हैं।
रेलवे का कहना है कि यात्री ट्रेन के लोको पायलट ने रेड सिग्नल जंप किया। जिससे यह हादसा हुआ। इस रूट पर अभी तक दो ट्रेनों में भिड़ंत रोकने के लिए लगाया जा रहा कवच सिस्टम नहीं लगा था।
लास्ट स्टेशन पर पहुंचने से पहले हादसा
अधिकारियों ने बताया कि यह लोकल यात्री ट्रेन मंगलवार को कोरबा जिले के गेवरा रेलवे स्टेशन से बिलासपुर के लिए रवाना हुई थी। लास्ट स्टेशन पर पहुंचने से पहले यह हादसा हो गया। अंदाजा लगाया जा रहा है कि हादसे के वक्त ट्रेन की स्पीड 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रही होगी। मामले में जानकारों का कहना है कि हादसे की जांच के बाद ही पता लग सकेगा कि क्या असल में लोको पायलट ने गलती की या नहीं?
'मेमू के पायलट ने गलती से पार किया सिग्नल तो...'
इसके पीछे रेलवे के जानकारों का कहना है कि जिस जगह यह हादसा हुआ वह फोर लाइन ऑटो सिग्नलिंग सेक्शन था। मालगाड़ी करवेचर यानी मोड़ वाले पार्ट पर खड़ी थी। जिससे अगर मेमू के पायलट ने गलती से सिग्नल भी पार किया तो उन्हें समय रहते आगे खड़ी मालगाड़ी समय रहते दिखाई नहीं दी।
हादसे को लेकर रेलवे एक्सपर्ट ने क्या कहा
रेलवे के एक्सपर्ट का कहना है कि चूंकि मोड़ वाले सेक्शन में पीछे से आती ट्रेन के ड्राइवर को दूर से यह पता नहीं लग पाता कि आगे खड़ी ट्रेन कौन से ट्रैक पर खड़ी है। इस वजह से भी यह हादसा हो सकता है। जानकारों का यह भी कहना है कि हादसे को देखकर लगता है कि यात्री ट्रेन के ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक जरूर लगाए होंगे। तभी ट्रेन का केवल अगला कोच मालगाड़ी पर चढ़ा।
रेल हादसे में मुआवजे का ऐलान
रेलवे में हादसे में मारे गए मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को पांच लाख रुपए और सामान्य रूप से घायल यात्री को एक-एक लाख रुपए देने की घोषणा की है। मौके पर बचाव और राहत कार्य तेजी से किया जा रहा है। साथ ही इस रूट को भी खोलने के लिए काम किया जा रहा है। मौके पर दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे महाप्रबंधक तरुण प्रकाश और डीआरएम समेत अन्य आला अधिकारी पहुंचे।
गतौरा और बिलासपुर रेलवे स्टेशन हुआ हादसा
रेलवे ने बताया कि यह दुर्घटना मंगलवार शाम करीब चार बजे गतौरा और बिलासपुर रेलवे स्टेशन के बीच हुई। जहां पहले से हावड़ा-मुंबई अप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी। तभी पीछे से आती यात्री ट्रेन ने खड़ी मालगाड़ी में टक्कर मार दी। यात्री ट्रेन का आगे का कोच मालगाड़ी के पिछले हिस्से पर चढ़ गया। घायलों में यात्री ट्रेन की महिला एएलपी और मालगाड़ी का गार्ड ब्रेकमैन भी शामिल बताए गए हैं।
रेलवे का कहना है कि यात्री ट्रेन के लोको पायलट ने रेड सिग्नल जंप किया। जिससे यह हादसा हुआ। इस रूट पर अभी तक दो ट्रेनों में भिड़ंत रोकने के लिए लगाया जा रहा कवच सिस्टम नहीं लगा था।
लास्ट स्टेशन पर पहुंचने से पहले हादसा
अधिकारियों ने बताया कि यह लोकल यात्री ट्रेन मंगलवार को कोरबा जिले के गेवरा रेलवे स्टेशन से बिलासपुर के लिए रवाना हुई थी। लास्ट स्टेशन पर पहुंचने से पहले यह हादसा हो गया। अंदाजा लगाया जा रहा है कि हादसे के वक्त ट्रेन की स्पीड 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रही होगी। मामले में जानकारों का कहना है कि हादसे की जांच के बाद ही पता लग सकेगा कि क्या असल में लोको पायलट ने गलती की या नहीं?
'मेमू के पायलट ने गलती से पार किया सिग्नल तो...'
इसके पीछे रेलवे के जानकारों का कहना है कि जिस जगह यह हादसा हुआ वह फोर लाइन ऑटो सिग्नलिंग सेक्शन था। मालगाड़ी करवेचर यानी मोड़ वाले पार्ट पर खड़ी थी। जिससे अगर मेमू के पायलट ने गलती से सिग्नल भी पार किया तो उन्हें समय रहते आगे खड़ी मालगाड़ी समय रहते दिखाई नहीं दी।
हादसे को लेकर रेलवे एक्सपर्ट ने क्या कहा
रेलवे के एक्सपर्ट का कहना है कि चूंकि मोड़ वाले सेक्शन में पीछे से आती ट्रेन के ड्राइवर को दूर से यह पता नहीं लग पाता कि आगे खड़ी ट्रेन कौन से ट्रैक पर खड़ी है। इस वजह से भी यह हादसा हो सकता है। जानकारों का यह भी कहना है कि हादसे को देखकर लगता है कि यात्री ट्रेन के ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक जरूर लगाए होंगे। तभी ट्रेन का केवल अगला कोच मालगाड़ी पर चढ़ा।
रेल हादसे में मुआवजे का ऐलान
रेलवे में हादसे में मारे गए मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को पांच लाख रुपए और सामान्य रूप से घायल यात्री को एक-एक लाख रुपए देने की घोषणा की है। मौके पर बचाव और राहत कार्य तेजी से किया जा रहा है। साथ ही इस रूट को भी खोलने के लिए काम किया जा रहा है। मौके पर दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे महाप्रबंधक तरुण प्रकाश और डीआरएम समेत अन्य आला अधिकारी पहुंचे।
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