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Success Story: पाकिस्तान में जन्म, भारत में पढ़ाई... अब 42,500 करोड़ के साम्राज्य के मालिक, क्या है कारोबार?

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नई दिल्‍ली: रोमेश वाधवानी अरबपति भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और निवेशक हैं। 1947 में भारत की आजादी के 10 दिन बाद उनका जन्म हुआ। उन्हें विभाजन का दर्द झेलना पड़ा। वह दिल्ली में एक शरणार्थी के रूप में आए। दो साल की उम्र में उन्हें पोलियो हो गया था। इन चुनौतियों के बावजूद वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक बन गए। रोमेश सिम्‍फनी टेक्‍नोलॉजी ग्रुप के प्रमुख हैं। यह ग्रुप 18 टेक और एनालिटिक्स कंपनियों को चलाता है। आइए, यहां रोमेश वाधवानी की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
कराची में जन्‍म, आईआईटी से पढ़ाई image

रोमेश वाधवानी का जन्म 1947 में कराची में हुआ था। यह वही साल था जब पाकिस्तान बना था। इसके तुरंत बाद उनका परिवार भारत आ गया। जब वह सिर्फ दो साल के थे तो उन्हें पोलियो हो गया। इस बीमारी ने उनके जीवन में चलने-फिरने से जुड़ी मुश्किलें पैदा कर दीं। लेकिन, उन्होंने बड़े सपने देखना नहीं छोड़ा। बचपन में पोलियो होने के बावजूद वाधवानी ने पढ़ाई में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से हर मुश्किल को पार किया। उन्होंने भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक IIT में दाखिला लिया।


अमेरिका में बदली क‍िस्‍मत image

1969 में रोमेश वाधवानी आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। उन्होंने पिट्सबर्ग में कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर और पीएचडी की डिग्री हासिल की। यहीं से उन्होंने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक शानदार करियर की शुरुआत की। पीएचडी करने के बाद उन्होंने एक इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन कंपनी शुरू की। बाद में उन्होंने एस्‍पेक्‍ट डेवलपमेंट (Aspect Development) नाम की सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई। यह कंपनी बहुत सफल हुई। 1999 में इसे 9.3 अरब डॉलर में बेच दिया गया।


अब सिम्‍फनी ग्रुप के प्रमुख image

रोमेश वाधवानी फिलहाल सिम्‍फनी टेक्‍नोलॉजी ग्रुप का नेतृत्व कर रहे हैं। यह ग्रुप 18 टेक्नोलॉजी और एनालिटिक्स कंपनियों को कंट्रोल करता है। ग्रुप एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर, डेटा और AI पर फोकस करता है। इससे उन्हें हर साल 2.8 अरब डॉलर से ज्‍यादा का रेवेन्यू मिलता है। वाधवानी के भाई सुनील ने मुंबई में वाधवानी इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना की है। यह भारत का पहला AI संस्थान है। इस परियोजना में उन्होंने 200 करोड़ रुपये का निवेश किया है।


अरबों का साम्राज्‍य image

अब रोमेश वाधवानी अमेरिका के नागरिक हैं। उन्‍हें इमिग्रेशन और एंटरप्रेन्योरशिप की ताकत में भरोसा है। वह स्टार्टअप्स और शिक्षा से जुड़ी पहलों को सपोर्ट भी करते हैं। वाधवानी फाउंडेशन के जरिए उन्‍होंने परोपकार के काफी काम किए हैं। इस फाउंडेशन का लक्ष्य नौकरियां पैदा करना और इनोवेशन को बढ़ावा देना है। वाधवानी की कुल संपत्ति 5 अरब डॉलर (करीब 42,500 करोड़ रुपये) है। फोर्ब्स 400 की सबसे अमीर अमेरिकियों की लिस्ट में वे 222वें नंबर पर हैं।

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