खांसी को आमतौर पर मौसमी बदलाव या सर्दी-खांसी जैसी सामान्य समस्या माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार बनी रहने वाली खांसी कभी-कभी फेफड़ों की गंभीर बीमारी का शुरुआती संकेत भी हो सकती है?
हाल ही में स्वास्थ्य विशेषज्ञों और पल्मोनोलॉजिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि अगर खांसी तीन सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहती है, या इसके साथ अन्य लक्षण जैसे सांस फूलना, सीने में दर्द या थकान महसूस हो रही है, तो यह फेफड़ों में संक्रमण, टीबी या यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का भी संकेत हो सकती है।
फेफड़ों की बीमारी से जुड़ी खांसी कैसी होती है?
डॉ. के अनुसार, “हर खांसी सामान्य नहीं होती। यदि खांसी सूखी है और लगातार बनी रहती है, खासकर रात को या सुबह के समय, तो यह चिंताजनक हो सकती है। इसके अलावा, खांसी के साथ बलगम में खून आना, वजन कम होना या सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण दिखाई दें, तो फौरन जांच करानी चाहिए।”
कब खांसी बन जाती है अलार्मिंग?
तीन सप्ताह से ज्यादा खांसी रहना
खांसी के साथ बलगम में खून आना
तेज आवाज में सांस चलना (व्हीजिंग)
छाती में जकड़न या दर्द
अचानक वजन घटना
थोड़ा चलने या चढ़ाई पर सांस फूलना
उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे, तो इसे सामान्य सर्दी-खांसी समझकर टालना भारी पड़ सकता है।
संभावित कारण क्या हो सकते हैं?
क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस: लंबे समय तक धूम्रपान करने वालों में आम।
अस्थमा: सूखी खांसी और सांस की तकलीफ इसका प्रमुख लक्षण है।
टीबी (Tuberculosis): भारत में अभी भी व्यापक समस्या है।
COPD (Chronic Obstructive Pulmonary Disease): धूल, धुआं और वायु प्रदूषण के कारण होता है।
फेफड़ों का कैंसर: शुरुआती लक्षणों में लंबे समय तक रहने वाली खांसी प्रमुख है।
क्या करें जब खांसी सामान्य न लगे?
किसी पल्मोनोलॉजिस्ट से मिलें।
एक्स-रे, सीटी स्कैन या स्पुटम टेस्ट की सलाह ली जा सकती है।
स्वयं से दवाएं लेना बंद करें।
धूम्रपान करने वालों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
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