लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप WhatsApp जल्द ही एक ऐसे फीचर को लॉन्च करने जा रहा है जो उपयोगकर्ताओं को बिना नंबर सेव किए ही चैट करने की सुविधा देगा। इस बदलाव के साथ, ऐप के उपयोग और गोपनीयता (privacy) दोनों में नया अध्याय खुल सकता है।
यह नई सुविधा अभी विकास‑अवस्था में है और बीटा वर्शन में कई संकेत मिले हैं कि इसे “यूज़रनेम चेटिंग” या “गेस्ट चैट” फीचर के रूप में पेश किया जाएगा।
कैसे काम करेगा यह फीचर?
यूज़रनेम आधारित बातचीत: WhatsApp ऐसे यूज़रनेम (unique username) की व्यवस्था ला रहा है, जिसे उपयोगकर्ता चुन सकेंगे। इसके बाद लोग इस यूज़रनेम के माध्यम से आपको संदेश भेज सकते हैं, बिना आपके मोबाइल नंबर को जानने के।
गेस्ट चैट मॉडल: यदि कोई व्यक्ति WhatsApp उपयोग नहीं करता है, तब भी आप उसके साथ गेस्ट चैट लिंक साझा करके संवाद कर सकते हैं। इस तरह उन्हें ऐप इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं होगी।
सुरक्षित शुरुआत: जब कोई आपके यूज़रनेम से पहली बार संदेश भेजेगा, तो एक “यूज़रनेम की” (Username Key) की प्रणाली हो सकती है, जिससे आप पहले संपर्क को स्वीकार या अस्वीकार कर सकें।
डेटा एन्क्रिप्शन और सीमाएँ: सभी चैट्स एन्ड-टू-एन्ड एन्क्रिप्टेड होंगी, लेकिन प्रारंभिक बिंदु पर कुछ सीमाएँ हो सकती हैं — जैसे प्रारंभ में केवल टेक्स्ट संदेश स्वीकार करना।
क्या होगा बदल?
नंबर गोपनीय रहेगा: आपके संपर्क केवल वह लोग देख पाएँगे जिन्हें आपने अनुमति दी हो।
उपयोग आसान होगा: नया व्यक्ति जिसे आप तुरंत मैसेज करना चाहते हों — नंबर सेव करना का झंझट नहीं होगा।
चैट पहचान बेहतर होगी: ग्रुप चैट में अनजान प्रतिभागियों के लिए नंबर की जगह “पुश नाम” या यूज़रनेम दिखेगा।
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स्पैम नियंत्रण ज़रूरी: ऐसे फीचर्स के साथ स्पैम मैसेजिंग का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए WhatsApp को प्रभावी फिल्टर और सुरक्षा उपाय रखना होंगा।
चुनौतियाँ और विचार
यदि यूज़रनेम सार्वजनिक हो जाए, तो किसी अज्ञात व्यक्ति से अनचाहे चैट्स आने की संभावना होगी।
विशेष सुरक्षा सेटिंग्स न होने पर, गोपनीयता कमजोर हो सकती है।
फीचर का रोलआउट धीरे-धीरे होगा — सभी उपयोगकर्ताओं को तुरंत उपलब्ध नहीं होगा।
मीडिया और अतिरिक्त डेटा (फोटो, वीडियो) की समर्थन सीमित हो सकती है शुरुआती चरणों में।
भविष्य की दिशा
यह परिवर्तन WhatsApp को पारंपरिक टेलीफोन नंबर-आधारित संरचना से हटाते हुए अधिक बहुमुखी मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म बना सकता है। यदि यह सफल हो गया, तो उपयोगकर्ता अधिक स्वायत्तता और गोपनीयता के साथ संवाद कर सकेंगे।
लेकिन तकनीकी और नैतिक चुनौतियाँ अभी भी बनी हैं। इस नए फीचर के सफल कार्यान्वयन के लिए WhatsApp को उपयोगकर्ता सुरक्षा, स्पैम नियंत्रण और उपयोगकर्ता स्वीकार्यता का संतुलन सावधानी से रखना होगा।
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