दुनिया की जनसंख्या को लेकर समय-समय पर कई शोध होते रहे हैं—कैसे यह तेज़ी से बढ़ी और अब एक संभावित ठहराव या गिरावट की ओर बढ़ रही है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह पूर्वानुमान लगाया गया है कि वर्ष 2100 तक वैश्विक आबादी में तेजी से गिरावट देखने को मिलेगी। वहीं 2050 के बाद से जनसंख्या स्थिर होने की उम्मीद है और इसके बाद अगले 50 वर्षों में इसमें निरंतर कमी आ सकती है।
लेकिन अब इस दिशा में जो नया दावा सामने आया है, वह वाकई चौंकाने वाला है। कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर और टेक एक्सपर्ट सुभाष काक का कहना है कि आने वाले समय में दुनिया की आबादी में गिरावट उम्मीद से कहीं ज़्यादा तेज़ होगी। उनका अनुमान है कि वर्ष 2300 तक पूरी दुनिया की जनसंख्या घटकर केवल 10 करोड़ (100 मिलियन) रह जाएगी। वर्तमान में दुनिया की आबादी लगभग 8 अरब (8 बिलियन) है।
सुभाष काक, जो अमेरिका की ओकलाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं, मानते हैं कि इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह कोई परमाणु युद्ध या प्राकृतिक आपदा नहीं होगी, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) होगा। उन्होंने न्यूयॉर्क पोस्ट से बातचीत में कहा कि AI हमारे कई कार्यों को आसान बना देगा, जिससे रोजगार में भारी कटौती होगी और यह लोगों को बच्चे पैदा करने से रोकने वाला एक बड़ा कारण बन सकता है।
उनके अनुसार जैसे-जैसे AI और रोबोटिक तकनीक मानव श्रम को प्रतिस्थापित करेंगी, वैसे-वैसे बेरोजगारी का डर बढ़ेगा और लोग कम संतानें चाहेंगे। यही घटती जन्म दर भविष्य में जनसंख्या में तेज गिरावट का कारण बनेगी। उन्होंने यह भी कहा कि समाज इस बदलाव के लिए तैयार नहीं है और अभी भी अधिकतर लोग इस आने वाले संकट को नहीं समझ पा रहे हैं।
सुभाष काक की किताब ‘ऐज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ में भी यह चेतावनी दी गई है कि आने वाले दशकों में AI हमारी दैनिक गतिविधियों से लेकर रोजगार तक सब कुछ प्रभावित करेगा। और अगर जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट जारी रही, तो ऐसा समय भी आएगा जब धरती पर इंसानों की संख्या घटकर सिर्फ 10 करोड़ तक सीमित हो जाएगी। उन्होंने यह अनुमान वर्ष 2300 या 2380 तक के लिए व्यक्त किया है।
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