दोस्तो आज के दूषित वातावरण में स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखना बहुत ही मुश्किल हैं, खराब खान पान और जीवनशैली हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं, जिसकी वजह से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं, ऐसे में पीतल के बर्तनों में पानी पीना कई वर्षों से एक पारंपरिक प्रथा रही है। कई लोगों का मानना है कि यह शरीर के तीन दोषों - वात, पित्त और कफ - को संतुलित करने में मदद करता है और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। लेकिन इसका अधिक यूज करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, आइए जानते हैं इसके नुकसान

विषाक्तता का खतरा: दिन भर पीतल के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में पीतल जमा हो सकता है, जिससे विषाक्तता हो सकती है।
पाचन और तंत्रिका संबंधी समस्याएँ: शरीर में पीतल के उच्च स्तर से मतली, चक्कर आना, पेट दर्द हो सकता है और यहाँ तक कि यकृत और गुर्दे के कार्य पर भी असर पड़ सकता है।
नसों और अंगों की समस्याओं का बढ़ता जोखिम: अतिरिक्त पीतल यकृत, मस्तिष्क और आँखों जैसे महत्वपूर्ण अंगों में जमा हो सकता है, जिससे संवहनी और अन्य अंग संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

अम्लता की समस्या: पीतल के बर्तन में लंबे समय तक रखा पानी "गर्म" हो सकता है, जिससे बाद में इसे पीने वालों को अम्लता या अपच की समस्या हो सकती है।
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