दोस्तो भारतीय सरकार अपने देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगो के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाती है, जिनका उद्देश्य इन लोगो की मदद करना और जीवनशैली में सुधार करना हैं, ऐसी ही एक योजना है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, यह योजना विशेष रूप से पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों और छोटे व्यवसायों में लगे श्रमिकों को सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। आइए जानते है इस स्कीम की पूरी डिटेल्स
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के प्रमुख लाभ
संपार्श्विक-मुक्त ऋण:
लाभार्थी बिना किसी गारंटी के ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
पहला ऋण ₹1 लाख का।
चुकाने के बाद, ₹2 लाख का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध है।

सस्ती ब्याज दरें:
ऋण रियायती ब्याज दरों पर दिए जाते हैं, जिससे छोटे श्रमिकों के लिए अपने काम का विस्तार करना आसान हो जाता है।
कौशल विकास प्रशिक्षण:
लाभार्थियों को अपने कौशल में सुधार के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन ₹500 का वजीफा दिया जाता है।
अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिए जाते हैं।
कौन पात्र है?
यदि आप निम्नलिखित में से किसी भी पारंपरिक पेशे से जुड़े हैं, तो आप प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं:

कारीगर और शिल्पकार:
ताला बनाने वाले, राजमिस्त्री, लोहार, सुनार, मूर्तिकार, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, पत्थर तराशने/तोड़ने वाले, हथौड़ा और औज़ार बनाने वाले।
हस्तशिल्प और उपयोगिता कर्मचारी:
टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले, माला बनाने वाले, मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले, मोची/मोची, धोबी, दर्जी, नेमप्लेट बनाने वाले।
व्यक्तिगत सेवा प्रदाता:
नाई (बाल काटने वाले), बंदूक बनाने वाले।
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