Bhopal , 30 सितंबर . Madhya Pradesh के मदरसों में हिंदू बच्चों को पढ़ाने का मामला सामने आया है. इस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य के शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने को बताया है कि हमें शिकायत मिली थी कि मुरैना-शिवपुरी के अंचल में हिंदू बच्चों को मदरसों में दाखिल करके कुरान पढ़ाई जा रही है. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में यह भी आशंका व्यक्त की है कि यह हिंदू बच्चों के इस्लाम में धर्मांतरण का भी मामला हो सकता है.
इस शिकायत में यह भी कहा गया कि 500 से अधिक बच्चों के मदरसों के दाखिले की जानकारी मिली. इसलिए Madhya Pradesh Government को नोटिस जारी कर विस्तार से रिपोर्ट मांगी है.
प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा कि हमारा प्रारंभिक तौर पर मानना है कि मदरसों में हिंदू बच्चों का कोई काम नहीं होता है. मदरसे शिक्षा का केंद्र नहीं होते हैं. India के संविधान का अनुच्छेद 21(क) यह निर्देशित करता है कि राज्य Government बच्चों के लिए स्कूल बनाएगी, बच्चों को स्कूल में दाखिल करेंगे. ऐसे में Government द्वारा वित्त पोषित मदरसे में हिंदू बच्चों को रखना अपने आप में गंभीर रूप से अनियमितता प्रतीत होती है, क्योंकि शिक्षा का अधिकार कानून की धारा एक में मदरसों को शिक्षा का केंद्र न मानते हुए उन्हें इससे बाहर रखा गया है. सवाल यह है कि Governmentी फंड से मदरसे चलाना गलत है और उसमें हिन्दू बच्चों को दाखिल करना और भी गलत है.
दरअसल, मुरैना के इस्लामनगर सहित अन्य जिलों के मदरसों में हिंदू बच्चों के प्रवेश का मामला सामने आया है. प्रदेश में 556 हिंदू बच्चे 27 से अधिक अवैध मदरसों में पढ़ रहे हैं. Madhya Pradesh Government ने अगस्त 2024 में माना था कि मदरसों में इस्लामिक पढ़ाई हो रही है. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि कुरान और हदीस की तालीम दी जा रही है.
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एसएनपी/एसके
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